जनता की जेब पर एक और डकैती। भाजपा सरकार द्वारा गैस व कोयले से बनने वाली बिजली महंगी होने का बहाना; जबकि राज्य में कई जल विद्युत परियोजनाओं से होता है बिजली उत्पादन।
बढ़ती हुई महंगाई के बीच उत्तराखण्ड में बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर एक और डकैती पड़ गई है। उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार ने एक बार फिर बिजली बिलों के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। यहाँ तक कि बीपीएल उपभोक्ता से भी प्रति यूनिट 14 पैसे अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज लिया जाएगा।
खबर के अनुसार उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन (यूपीसीएल) ने जुलाई से सितंबर माह के लिए 14 से 52 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिया है। जिससे पहले से ही महंगी बिजली बिलों में और ज्यादा वृद्धि होने के साथ बिजली उपभोक्ताओं पर बड़ा असर पड़ेगा।
इस संबंध में यूपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि गैस और कोयले से चलने वाले पॉवर प्लांट की बिजली महंगी होने के कारण फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया गया है। जबकि राज्य में कई जल विद्युत परियोजनाएं हैं, जिनसे बिजली उत्पादन होता है। लेकिन फ्यूल सरचार्ज पूरे बिजली क्षेत्र पर लगेगा।
उल्लेखनीय है कि यूपीसीएल ने गैस व कोयले से बनने वाली बिजली महंगी होने पर हर तीन महीने में फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (एफसीए) बढ़ाने की व्यवस्था की थी। इस तरह अक्टूबर में सरचार्ज और बढ़ने की संभावना है।
किसकी पॉकेट पर कितना बढ़ेगा बोझ
नए फरमान के तहत बीपीएल उपभोक्ता से प्रति यूनिट 14 पैसे, घरेलू उपभोक्ताओं से 36 पैसे, कामर्शियल से 52 पैसे, सरकारी विभागों से 49 पैसे, प्राइवेट ट्यूबवेल से 16 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूला जाएगा। इसके अलावा कृषि कार्यों के बिजली बिलों में भी 22 पैसे चार्ज लिया जाएगा। उद्योगों पर 49 पैसे, एचटी इंडस्ट्री 47 पैसे, मिक्स लोड पर 45 पैसे, रेलवे से 44 पैसे और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पर 42 पैसे फ्यूल सरचार्ज का भार पड़ेगा।
इसे ऐसे समझा जा सकता है कि घरेलू श्रेणी के बिजली उपभोक्ता यदि 100 यूनिट बिजली खर्च करते हैं, तो उन्हें हर महीने 36 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना होगा। 200 यूनिट पर 72 रुपये, 300 यूनिट पर 108 रुपये, 400 यूनिट पर 144 रुपये, 500 यूनिट पर 180 रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।