उत्तराखंड: पहाड़ वासियों के ख़िलाफ़ ज़रीली टिप्पणी; जन दबाव में धामी कैबिनेट मंत्री का इस्तीफ़ा

Premchand-Aggarwal

अंततः उत्तराखंड के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 16 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया. बीते महीने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उन्होंने ‘पहाड़ियों’ के ख़िलाफ़ विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें माफ़ी भी मांगनी पड़ी थी.

नई दिल्ली: उत्तराखंड के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ‘पहाड़ियों’ के खिलाफ अपनी विवादास्पद टिप्पणी के कुछ सप्ताह बाद रविवार (16 मार्च) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले मीडिया से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया.

अग्रवाल ने कहा, ‘राज्य के लिए संघर्ष के दौरान पुलिस ने मुझे लाठियों से पीटा. लोगों ने मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करके मुझे निशाना बनाया. जिस तरह से मेरे साथ व्यवहार किया गया, उससे मैं बहुत दुखी और आहत हूं.’ उन्होंने उत्तराखंड के लिए ‘इतना कुछ करने’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और धामी के नेतृत्व में राज्य में हो रहे विकास की भी प्रशंसा की.

अग्रवाल ने आंसू बहाते हुए कहा, ‘लेकिन जिस तरह का माहौल मेरे राज्य में (उनकी टिप्पणियों को लेकर) बनाया गया…मैं बस यही चाहता हूं कि मेरा राज्य आगे बढ़े और मैं इसके लिए हरसंभव प्रयास करने को तैयार हूं. यही कारण है कि मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.’

इसके तुरंत बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को उनके आवास पर अपना इस्तीफा सौंप दिया. बाद में इसे आगे की प्रक्रिया के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया गया. ज्ञात हो कि फरवरी में राज्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अग्रवाल ने कहा था कि उत्तराखंड केवल ‘पहाड़ियों’ के लिए नहीं बनाया गया था. उनका यह बयान उनके और कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट के बीच हुई बहस का हिस्सा था. मंत्री ने पहले बिष्ट पर कथित तौर पर ‘नशे में’ राज्य में विधानसभा के मामलों में भाग लेने का आरोप लगाया था.

कांग्रेस ने अग्रवाल पर ‘पहाड़ी विरोधी’ होने का आरोप लगाया था और जब वे इस पर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे, तब उन्होंने कहा था, ‘ये पहाड़ी देसी क्या? क्या ये उत्तराखंड साले पहाड़ के लोगों के लिए ही बना है क्या?’ आगे उन्होंने कहा था कि ये राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोग हैं जो राज्य के पहाड़ों में रह रहे हैं.

विपक्ष द्वारा भाजपा पर पहाड़ी निवासियों की उपेक्षा करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाए जाने के बाद राज्य सरकार उनकी टिप्पणी पर बैकफुट पर आ गई. कांग्रेस और अन्य संगठनों ने भी मंत्री की आलोचना करते हुए कई विरोध प्रदर्शन किए और ‘पहाड़ियों’ के खिलाफ ‘बुरी बातें’ करने और पार्टी के नेता के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए उनकी आलोचना की.

विपक्ष के विरोध और हमले के कारण राज्य में भाजपा आलाकमान को इस महीने की शुरुआत में इस मुद्दे पर एक बैठक बुलानी पड़ी.

सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा प्रमुख महेंद्र भट्ट ने बैठक में अग्रवाल को उनकी टिप्पणियों के लिए फटकार लगाई. उन्होंने सभी विधायकों और पार्टी सदस्यों से सार्वजनिक रूप से बोलते समय सावधानी बरतने को भी कहा. विवाद के बीच अग्रवाल को अपने बयान के लिए माफी भी मांगनी पड़ी.

भूली-बिसरी ख़बरे