उत्तराखंड विधानसभा कूच; भोजनमाताओं ने शोषण के खिलाफ आवाज़ किया बुलंद

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भोजनमाताओं ने देहरादून कूच कर अपनी माँगें बुलंद कीं। वहीं नैनीताल/उधमसिंह नगर के धारी, कालाढूंगी, नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, लालकुआँ, पंतनगर, काशीपुर, बाजपुर, जसपुर, ब्लॉक में प्रदर्शन किया।

देहरादून में भोजनमाताओं का जोरदार प्रदर्शन

देहरादून (उत्तराखंड)। भोजन माताओं के दो संगठनों ने मंगलवार को विधानसभा कूच किया। रिस्पना पुल के पास पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर भोजना माताओं ने सड़क पर ही धरना दिया।

प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के बैनर तले प्रदर्शन के बाद एडीएम देहरादून ने 1 सितम्बर से पांच सितम्बर के बीच मुख्यमंत्री से यूनियन प्रतिनिधियों की वार्ता करवाने का आशवासन दिया। यूनियन वार्ता में भोजनमाताओ की समस्या पर विस्तार से चर्चा कर समस्याओं को हल करने की ओर बढ़ेगी।

प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड नैनीताल की प्रांतीय अध्यक्ष हंसी गर्जोला व महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि भोजनमाताएं 18-19 वर्षों से स्कूलों में खाना बनाने का काम कर रही हैं। इसके अतिरिक्त उनसे साफ-सफाई, बागवानी, चाय-पानी पिलाना, स्कूल बंद करने व खोलने आदि काम भी लिए जा रहे हैं। वहीं बीमारी में भी अवकाश नहीं मिलता। बदले में उन्हें सिर्फ दो हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। यह पैसा भी सिर्फ ग्यारह माह का ही दिया जा रहा है।

सरकार भोजनमाताओं को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही। उस पर सरकार भोजनमाताओं को न्यूनतम वेतन देने व स्थायी करने के बजाए निकालने पर आमादा है। मानदेय बढ़ोतरी की घोषणा पर भी अमल नहीं हुआ है।

संगठन ने 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन, स्थाई नियुक्ति, 26 छात्र पर एक भोजनमाता, ईएसआइ, पीएफ, पेंशन, प्रसूति अवकाश, खाना बनाने का काम गैर सरकारी संगठन को न देने, वेतन व बोनस समय पर देने और उत्पीड़न बंद करने की मांग की।

कहा कि भोजन माता के अतिरिक्त सफाई कर्मचारी, चतुर्थ कर्मचारियों समेत अन्य काम लेना तत्काल बन्द करवाया जाए मांगों के साथ ही भोजन माताओ ने पुदुचेरी (केंद्र प्रशासित राज्य) का हवाला देते हुए कहा कि वहां पर भोजन माताओं का मानदेय 19 हजार प्रतिमाह है, जिसे यहां भी लागू किया जाए।

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सीटू से संबद्ध उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष रोशनी बिष्ट व महामंत्री मोनिका ने कहा कि बीते माह शिक्षा मंत्री ने भोजनमाताओं के मानदेय को पांच हजार रुपये करने की घोषणा की थी, पर इसका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है।

यूनियन ने 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन, प्रदेश में बंद किए जा रहे विद्यालयों पर रोक, मध्याह्न भोजन योजना का निजीकरण न करने, भोजनमाताओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाने, अतिरिक्त कार्य न लिए जाने, किसी भोजनमाता को न निकालने व निकाली गई भोजनमाता को वापस काम पर लेने, सेवानिवृत्ति पर ग्रेजुएटी व पेंशन का लाभ और बोनस के अविलंब भुगतान की मांग की।

नैनीताल के विभिन्न ब्लाकों में प्रदर्शन

प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड, नैनीताल ने उत्तराखंड के धारी, कालाढूंगी, नैनीताल, हल्द्वानी, रामनगर, लालकुआँ, पंतनगर, काशीपुर, बाजपुर, जसपुर, ब्लॉक से अपनी-अपनी मुख्य मांगों को प्रदर्शन किया।