उत्तराखंड: दून मेडिकल कॉलेज सहित अस्पतालों से निकाले गए 2200 कर्मचारी आंदोलन पर अडिग

27_04_2022-09_08_2019-duunhos_19474698_22663419

स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की थी कि कोरोना काल में दून मेडिकल कालेज व अन्य अस्पतालों में रखे गए कर्मचारियों का स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा।

देहरादून: सरकारी तंत्र के रवैये को लेकर नौकरी से हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों में भारी रोष है। कोरोनाकाल में प्रदेशभर में उपनल, पीआरडी व अन्य माध्यमों से 2200 से अधिक कर्मचारियों को दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय व अन्य अस्पतालों में आउटसोर्स पर रखा गया था।

अनुबंध खत्म होने के बाद बीती 31 मई को इन कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने घोषणा की थी कि स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर इन कर्मचारियों का समायोजन किया जाएगा। इस बाबत कैबिनेट में प्रस्ताव भी लाया जाएगा, लेकिन अभी तक इस मामले का समाधान हुआ नहीं।

इससे नाराज कर्मचारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। इस दौरान पुलिस से हुई नोकझोंक व धक्का-मुक्की में कई कर्मचारी चोटिल भी हो गए थे। इनमें गर्भवती महिला कर्मचारी भी शामिल रही। जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं आउटसोर्स कर्मचारियों का धरना मंगलवार को भी जारी रहा। उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।

आरोप लगाया कि गत दिवस शांतिपूर्ण ढंग से सीएम आवास कूच करने के दौरान पुलिस फोर्स ने उन पर बर्बरता की है। चोटिल हुए कर्मचारियों को अस्पताल में इलाज तक की सुविधा नहीं मिली। जबकि कोरोनाकाल में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने का काम किया था।

अब कोरोना संक्रमण कम हो रहा तो उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। इससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है। कहा कि जब तक स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों पर उनका समायोजन नहीं होता है आंदोलन जारी रहेगा।

कोरोनाकाल में जोखिम के बीच कार्य करने वाले दंत चिकित्सकों ने समयोजन की मांग उठाई है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजा है।दंत चिकित्सकों ने कहा कि कोरोना में उन्होंने सैंपलिंग एवं टीकाकरण में जोखिम के बीच कार्य किया। उन्हें जल्द से जल्द दूरस्थ पहाड़ों पर खाली पड़े चिकित्सकों के पदों पर समायोजित किया जाए। दंत चिकित्सक अपनी सेवाएं पहाड़ों पर देने को तैयार हैं।

चौथी लहर की भी आशंका है और कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। यदि चिकित्सकों की नियुक्ति हो जाती है, तो सिस्टम मजबूत होगा। मुख रोग व ओरल कैंसर के मरीज बहुत ज्यादा बढ़ रहे है, जिससे लोग को इलाज में आसानी होगी। ज्ञापन भेजने वालों में डा. ज्योति चौहान, डा. मनीष मंडोली, डा. मनीष भट्ट, डा. विश्वास, डा. आशीष, डा. नवीन शुक्ला, डा. अमन, डा. विभोर, डा. गौरव आदि उपस्थित रहे।

जागरण से साभार

भूली-बिसरी ख़बरे