यूपी: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बीच बहराइच में योगी सरकार द्वारा बुलडोज़र कार्रवाई का नोटिस

बीते सप्ताह सांप्रदायिक दंगे झेल चुके बहराइच में जिन 23 घरों पर अवैध निर्माण संबंधी नोटिस चिपकाए गए हैं, उनमें से 19 मुसलमानों तथा 4 हिंदुओं के हैं।
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सरकारी अधिकारियों ने 23 घरों को एक नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा है, और ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 23 घरों में से 19 मुसलमानों तथा 4 हिंदुओं के हैं. जिन लोगों के घरों पर नोटिस चिपकाए गए हैं, उनमें से एक अब्दुल हमीद भी हैं, जो बहराइच में हिंसा भड़काने के आरोपी पांच मुस्लिम व्यक्तियों में से एक हैं.
अख़बार के मुताबिक, महसी के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) हेमंत कुमार यादव ने पुष्टि की कि 23 घरों पर नोटिस चिपकाए गए हैं. उन्होंने बताया कि इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. ‘हमें कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है. अतिक्रमणकारियों को तीन दिन का समय दिया गया है और निर्देश के अनुसार कार्रवाई संभवत: रविवार या सोमवार को होगी,’ बीडीओ ने कहा. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) बहराइच के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय द्वारा यह नोटिस 17 अक्टूबर, 2024 को दिया गया है.
नोटिस में कहा गया है, ‘विभागीय मानकों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य जिला सड़क पर सड़क के मध्य बिंदु से 60 फीट की दूरी के भीतर विभाग की अनुमति के बिना किया गया कोई भी निर्माण कार्य अवैध निर्माण की श्रेणी में आता है. यदि निर्माण कार्य जिलाधिकारी बहराइच की अनुमति अथवा पूर्व विभागीय अनुमति से किया गया है तो उसकी मूल प्रति तत्काल उपलब्ध कराएं, अन्यथा तीन दिन के अंदर अवैध निर्माण स्वयं हटा लें. अन्यथा, पुलिस और जिला प्रशासन की मदद से अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी.’ गौरतलब है कि यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोज़र कार्रवाई पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने के लगभग एक महीने बाद आया है. कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि अपराध के आरोपियों या दोषी लोगों सहित किसी पर भी किसी तरह की बुलडोज़र कार्रवाई उसकी स्पष्ट अनुमति के बिना नहीं होनी चाहिए. साथ ही, अदालत ने यह भी कहा था कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या जल निकायों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा.
अख़बार के अनुसार, बहराइच हिंसा के मृतक गोपाल मिश्रा का परिवार कई दिनों से सरकार से बुलडोजर कार्रवाई की मांग कर रहा है. ज्ञात हो कि बीते सप्ताह बहराइच में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी, जिसमें गोपाल मिश्रा नाम के व्यक्ति की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे. आरोप है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में जुलूस के दौरान हिंदू पक्ष द्वारा भड़काऊ गाने बजाने के कारण झड़पें हुईं. कथित तौर पर गोली लगने के पहले का गोपाल मिश्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक इमारत की छत पर चढ़कर नारे लगाते हुए एक हरे झंडे को हटाकर भगवा झंडा लगाते हुए दिख रहा है. बहराइच मामले में पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें मोहम्मद फहीम, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू और मोहम्मद अफजल शामिल हैं, जिनका नाम एफआईआर में आरोपी के रूप में दर्ज है. 17 अक्टूबर यूपी पुलिस ने इनमें से दो आरोपियों- सरफराज और तालीम को गोली मारकर घायल कर दिया था. पुलिस का कहना था कि दोनों आरोपी नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे.