बकाया मानदेय भुगतान, मानदेय बढ़ाने व महंगाई कम करने सहित 6 माँगों को लेकर डीएम के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा कि दो हजार में दम नहीं 21000 से कम नहीं!
रायबरेली (उत्तरप्रदेश)। 8 महीने से भुगतान न होने से त्रस्त मिड डे मील रसोइयों ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। बकाया मानदेय की माँग पर मिड डे मील रसोइयों व आशा वर्कर एक साथ मिलकर आंदोलन में उतार पड़े हैं।
आज सोमवार को रायबरेली डीएम ऑफिस के बाहर सैकड़ों की संख्या में महिला कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया, बकाया मानदेय भुगतान, मानदेय की राशि बढ़ाने व महंगाई कम करने की मांग सहित 6 बिंदुओं को लेकर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि यह सरकार जब से बनी है, तब से लेकर अब तक सिर्फ महंगाई को बढ़ाने का काम किया है। और हम आशा वर्करों और मिड डे मील वर्करों व रसोइयों का ना पैसा बढ़ाया और ना ही किसी तरीके की कोई सुविधा दी जा रही है।
कहा कि 8 महीने से बिना मानदेय के ही हम सभी कर्मचारी काम कर रहे हैं। पूरा दिन हम सब से काम करवाया जाता है उसके बाद भी महीना बीतने पर मानदेय नहीं मिलता है। लोगों के घरों का चूल्हा जलना अब बंद होता जा रहा है। सरकार बजट को लेकर चिट्ठा तैयार कर रही धरातल पर कुछ नहीं मिल रहा है।
प्रदर्शनकारी विमला देवी ने बताया कि हम सभी मिड डे मील के कर्मचारी हैं और मेरे पति भी दो हजार अट्ठारह से नहीं है। मेरे दो बच्चे हैं। डेढ़ हजार रुपए जो मानदेय मिलता है वह भी नहीं मिल रहा है।
कहा कि इतने शर्म की बात है कि सरकार सिर्फ कागजों में ही व्यवस्थाओं को दिखाती है और जमीनी हकीकत में व्यवस्थाएं बद से बदतर हैं ना ही हम कर्मचारियों को समय से वेतन मिलता है। सरकार को देखना चाहिए कि कितने गरीब लोग हैं। अगर अमीर होते तो इस छोटी सी नौकरी को क्यों करते।
माँग की कि दो हजार में दम नहीं 21000 से कम नहीं होना चाहिए।