यूपी: दलित व्यक्ति का अधजला शव मिला, परिवार ने कहा- ऊंची जाति का गेहूं ढोने से मना किया था

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घटना इलाहाबाद ज़िले की करछना तहसील के इसौटा लोहागपुर गांव की है, जहां बीते 13 अप्रैल को एक 35 वर्षीय दलित किसान की हत्या कर दी गई और उनके शव को एक बाग में जलाने की कोशिश की. परिजनों ने आरोप लगाया कि ठाकुर समुदाय के लोगों के खेतों से गेहूं ढोने से इनकार करने पर उनकी हत्या हुई.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले की करछना तहसील के इसौटा लोहागपुर गांव में बीते 13 अप्रैल को एक 35 वर्षीय दलित किसान की हत्या कर दी गई और उनके शव को एक बाग में जलाने की कोशिश हुई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि एक ही परिवार के छह सदस्यों समेत सात कथित ऊंची जाति के लोगों पर किसान देवीशंकर की हत्या के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

शंकर के पिता अशोक कुमार उर्फ ​​बग्गी की शिकायत पर दिलीप सिंह, मनोज सिंह, शेखर सिंह, मोहित, अजय सिंह, विनय सिंह और सोनू सिंह तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ करछना थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

आरोपियों के खिलाफ हत्या, दंगा और आपराधिक धमकी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में परिवार की शिकायत के आधार पर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.

देवी शंकर, जिनकी पत्नी की मृत्यु लगभग पांच साल पहले हो गई थी, के तीन बच्चे हैं, जिनमें एक 18 वर्षीय बेटी भी शामिल है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार ने आरोप लगाया कि ठाकुर समुदाय के लोगों के खेतों से गेहूं का बोझा ढोने से इनकार करने पर उनकी हत्या हुई.

पुलिस ने बताया कि शंकर को आखिरी बार शनिवार रात को देखा गया था, जब आरोपियों में से एक दिलीप सिंह (28) उनके घर आया और उन्हें खेतों में बोझा ढोने में मदद करने के लिए अपने साथ ले गया. रविवार सुबह शंकर का अधजला शव बाग में मिला.

मृतक की मां कलावती के अनुसार, देवी शंकर 12 अप्रैल को दिन भर अपने खेत में गेहूं की कटाई की थी, जिससे हुई थकान के कारण वह दिलीप सिंह के खेतों में गेहूं उठाने नहीं जाना चाहते थे.

कलावती ने कहा, ‘रात को नौ बजे देवी शंकर जब अपने घर में खाना खाने बैठे तभी दिलीप सिंह ने फोन करते हुए ज़ोर दिया कि खेत पर ही आ जाओ, यहां तुम सभी के लिए भोजन का इंतज़ाम है.’ इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उनके भाई श्यामजी ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने साजिश के तहत मेरे भाई को मार डाला. दिलीप सिंह ने मेरे भाई को अपने खेतों में बुलाया और उसे मरवा दिया.’

पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि खेतों में काम पूरा करने के बाद आरोपी और देवी शंकर ने बगल के बगीचे में शराब पी. बताया जा रहा है कि मौके से शराब की बोतल बरामद की गई है.

वहीं, पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच का हवाला देते हुए कहा है कि हत्या का संबंध एक महिला से जुड़े विवाद से है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत का कारण गला घोंटना था और जलने के घाव मौत के बाद के थे. करछना के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) वरुण कुमार ने कहा, ‘इसौटा गांव की एक महिला, मृतक देवी शंकर और मामले के एक अभियुक्त से बात किया करती थी. इसी वजह से दोनों लोगों में मनमुटाव बढ़ गया. जो देवी शंकर की हत्या का कारण बना.’

बीबीसी के अनुसार, इलाहाबाद से करीब 45 किलोमीटर दूर इसौटा गांव में सात परिवार ठाकुरों के हैं और करीब 200 परिवार दलितों के हैं. हत्या के बाद इन सात परिवारों के घरों में ताला लगा हुआ है और अभियुक्तों के परिवार फरार हैं.

13 अप्रैल की सुबह अधजली लाश मिलने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हुए और उन्होंने न सिर्फ हत्या के आरोपियों के घर पर तोड़-फोड़ की, बल्कि पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस को दो घंटे तक लाश भी नहीं उठाने दी.

ग्रामीणों की मांग थी कि पहले मुआवजे की घोषणा और सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी हो, उसके बाद ही पोस्टमॉर्टम हो.

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