इंटरार्क कंपनी की गैरकानूनी तालाबंदी; हाईकोर्ट की अवमानना, मज़दूरों में आक्रोश

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32 मज़दूरों की कार्यबहाली व माँगपत्र को लेकर इंटरार्क मज़दूर 4 साल से संघर्षरत हैं। प्रबंधन ने हाईकोर्ट से कच्चा माल निकालने की आड़ में मशीनें शिफ्ट की और फिर आज अवैध तालाबंदी कर दी।

पंतनगर (उत्तराखंड)। आज 16 मार्च को सिडकुल पंतनगर स्थित इंटरार्क बिल्डिंग प्रोड्क्टस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधन ने गैरकानूनी तालाबंदी कर दी है। जबकि कंपनी प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल में लिखित अंडरटेकिंग दिया है कि कंपनी बन्द नहीं की जाएगी। इससे मज़दूरों में बेहद आक्रोश फैल गया है।

ज्ञात हो कि इंटरार्क फैक्ट्री की ऊधम सिंह नगर जिले में किच्छा व सिडकुल पंतनगर स्थित दोनों प्लांटों में कार्यरत करीब एक हजार श्रमिक विगत 4 वर्षों से कंपनी प्रबंधन के शोषण-उत्पीड़न और ग़ैरकानूनी कृत्यों के विरुद्ध परिजनों समेत संघर्षरत हैं।

दिनांक 15/12/2018 को यूनियनों व प्रबंधन के मध्य 32 निलंबित श्रमिकों की कार्यबहाली करने समेत कई अन्य बिंदुओं पर लिखित समझौता हुआ था। प्रबंधन द्वारा इसका उल्लंघन कर उक्त 32 श्रमिकों को बर्खास्त कर दिया गया। विगत 4 वर्षों से श्रमिकों की वेतन वृद्धि नहीं हुई, माँगपत्र भी लंबित हैं। श्रमिकों को झूठा आरोप लगाकर उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है।

इन स्थितियों में 16 अगस्त, 20021 से किच्छा व सिडकुल पंतनगर स्थित दोनों प्लांटों के समक्ष धरना जारी है। इस बीच बीते 19 फरवरी को प्रबंधन ने पंतनगर प्लांट से मशीनों को गैरकानूनी रूप से कंपनी से बाहर ले जाने की कोशिश की, जिसे मजदूरों ने अपनी एकजुटता से विफल कर दिया था।

तबसे दोनों प्लांट के मज़दूरों का फैक्ट्री गेट पर बेमियादी धरना जारी है। उधर प्रबंधन ने नैनीताल उच्च न्यायालय से बीते 2 मार्च को कच्चा माल निकालने के बहाने कंपनी गेट से 200 मीटर दायरे में धरना-प्रदर्शन पर रोक का स्टे ले लिया। इसी आड़ में वह मशीनें शिफ्ट करने लगा। और आज गैर क़ानूनी तालाबंदी कर दी।

https://mehnatkash.in/2022/02/20/interark-workers-foiled-the-conspiracy-to-send-machines-out-by-stealing-at-night-indefinite-strike-started/

यह प्रबंधन की बड़ी साजिश और न्यायालय की अवमानना है

इंटरार्क मजदूर संगठन पंतनगर के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने मजदूरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इंटरार्क पंतनगर के प्रबंधन द्वारा उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश दिनांक 02/03/2022 की घोर अवमानना कर कंपनी की तालाबंदी की गई है और कंपनी से सैकड़ों मशीनों, डाईयों, DA व ऑक्सीजन सिलेंडरों, टार्च, रेगुलेटरों समेत उत्पादन कार्य को संचालित करने में प्रयुक्त होने वाली समस्त सामग्री को चोरी से कंपनी के किच्छा प्लांट में शिफ्ट कर दिया है।

दलजीत सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय नैनीताल ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि कंपनी से मशीनों व कलपुर्जों को बाहर शिफ्ट नहीं किया जायेगा और कंपनी बन्द न की जायेगी। प्रबंधन द्वारा हाईकोर्ट में इस संदर्भ में स्वयं भी अंडरटेकिंग लिखकर दिया गया है कि कंपनी को बंद नहीं किया जायेगा और कंपनी से मशीनों को बाहर शिफ्ट नहीं किया जायेगा।

यूनियन महामंत्री सौरभ कुमार ने आरोप लगाया कि कंपनी में करीब दो दर्जन पुलिस बल तैनात है इसके पश्चात भी रविवार छुट्टी के दिन पुलिस की मौजूदगी में कंपनी से सैकड़ों मशीनों व कलपुर्जे आदि को कंपनी से चोरी से बाहर किच्छा प्लांट में शिफ्ट करने की घटना से पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है। इससे पहले भी 3 मार्च 2022 को प्रबंधन मशीनों को शिफ्ट करने की साजिश रच चुका है और हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना कर चुका है।

https://mehnatkash.in/2021/08/16/workers-strike-against-the-exploitation-of-interark-management/

यूनियन कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट की अवमानना कर गैरकानूनी रूप से कंपनी से मशीनों को बाहर शिफ्ट करने की शिकायत पुलिस व जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों व श्रम अधिकारियों के समक्ष अनगिनत बार की गई पर प्रबंधन के विरुद्ध कोई कार्यवाही न हुई।

उन्होंने कहा कि यूनियन द्वारा 11 मार्च को प्रबंधन के विरुद्ध उच्च न्यायालय की अवमानना और गैरकानूनी कृत्य को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई है, जिसपर 14 मार्च को सुनवाई हुई और कंपनी प्रबंधन को नोटिस जारी हुआ है।

यूनियन उपाध्यक्ष नकुल कुमार ने कहा कि कंपनी प्रबंधन की इस तानाशाही व गैरकानूनी कृत्य के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जायेगा। जब तक न्याय नहीं मिलेगा आंदोलन जारी रहेगा।

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