संयुक्त किसान मोर्चा भारतीय पहलवानों के पक्ष में, 1 जून को राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान

SKM_pahalawan

एसकेएम ने भारतीय पहलवानों और समाज के सभी वर्गों के विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार के लिए 1 जून को राष्ट्रव्यापी विरोध के साथ 5 जून को बृजभूषण सिंह के पुतला दहन का भी ऐलान किया।

दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 मई को विस्तारित समन्वय समिति की बैठक में भारतीय पहलवानों और समाज के अन्य सभी वर्गों के विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार को सुरक्षित करने और भाजपा सांसद बृजभूषण सरन सिंह की गिरफ्तारी की मांग के लिए देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया।

एसकेएम ने 1 जून 2023 को जिला और तहसील केंद्रों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों और पुतला दहन की घोषणा की। एसकेएम ट्रेड यूनियनों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों, व्यापारियों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक आंदोलनों सहित अन्य सभी वर्गों के साथ समन्वय में पूरे भारत में प्रदर्शन आयोजित करने करेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 जून, जिस दिन आरएसएस कार्यकर्ताओं और महंतों ने अयोध्या में बृजभूषण सरन सिंह के समर्थन में एक रैली बुलाई है, को गाँव और शहरी केंद्रों पर भाजपा सांसद बृजभूषण सरन सिंह के खिलाफ प्रदर्शन और पुतला जलाने की भी घोषणा भी की।

https://mehnatkash.in/2023/05/31/wrestlers-will-not-throw-their-medals-in-ganga-on-special-request-of-lakhs-of-people-5-days-ultimatum/

एसकेएम ने 28 मई, जिस दिन महिला पहलवानों ने महिला सम्मान महापंचायत बुलाई थी, को पहलवानों के विरोध के क्रूर दमन की कड़ी निंदा की। एसकेएम ने प्रदर्शनकारी पहलवानों की गिरफ्तारी और उन पर एफआईआर दर्ज किए जाने की भी निंदा की।

एसकेएम ने कहा कि यौन उत्पीड़न का विरोध कर रहे पहलवानों के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई उसकी महिला विरोधी और जनविरोधी एजेंडे को स्पष्ट करती है। विरोध के खिलाफ दमन की नीति नागरिकों के विरोध के अधिकार का उल्लंघन है, जिसकी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार पुष्टि की है।

मोर्चा राकेश वैष्णव मामले में सर्वोच्च न्यायालय के शब्दों को याद करता है जब अदालत ने कहा: “..वास्तव में विरोध करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार का हिस्सा है और वास्तव में सार्वजनिक व्यवस्था के अधीन इसका प्रयोग किया जा सकता है। निश्चित रूप से ऐसे अधिकारों के प्रयोग में तब तक कोई बाधा नहीं होगी जब तक कि यह अहिंसक है और अन्य नागरिकों के जीवन और संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाता है और कानून के अनुसार है।” 

माननीय न्यायालय ने आगे कहा “.. इस स्तर पर हमारा विचार है कि किसानों के विरोध को बिना किसी बाधा के और प्रदर्शनकारियों या पुलिस द्वारा शांति भंग किए बिना जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।”

https://mehnatkash.in/2023/05/28/inauguration-of-the-new-parliament-house-and-barbaric-repression-on-women-wrestlers/

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने और बृजभूषण सरन सिंह की गिरफ्तारी की मांग की।

आगे की कार्ययोजना तय करने के लिए एसकेएम की बैठक 5 जून के बाद होगी।

मीडिया सेल |  संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी विज्ञप्ति

भूली-बिसरी ख़बरे