इंटरार्क मजदूरों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा; 26 अप्रैल को मज़दूर-किसान महापंचायत का एलान

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यदि श्रमिक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो इंटरार्क मजदूरों के धरनास्थल (निकट पारले चौक) सिडकुल पन्तनगर में मजदूर-किसान महापंचायत कर निर्णायक फैसला होगा।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। इंटरार्क मजदूरों समेत सिडकुल के मजदूरों की समस्याओं को लेकर 11 अप्रैल को संयुक्त किसान मोर्चा एवं श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर से जुड़ी विभिन्न किसान व मजदूर यूनियनों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं आदि ने उपजिलाधिकारी रुद्रपुर को ज्ञापन प्रेषित किया।

अवगत कराया कि संराधन वार्ताओं के दौरान समझौता अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर की तालाबंदी करना औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा -6(S) एवं 6(E) का खुला उल्लंघन है। जिससे कंपनी में कार्यरत करीब 500 स्थाई मजदूरों को बेरोजगार कर दिया गया है। परन्तु समझौता अधिकारी/सहायक श्रमायुक्त व श्रमायुक्त द्वारा इंटरार्क मजदूरों की इस समस्या को संज्ञान में न लेना, प्रबंधन को नोटिस तक न देना और इस अति संवेदनशील मामले में संराधन वार्ता तक न बुलाना गम्भीर लापरवाही का परिचायक है।

तालाबंदी के दौरान उपजिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन द्वारा पीड़ित मजदूरों को डरा धमकाकर कंपनी से 7 गाड़ी माल को बाहर ले जाने को मालिक की मदद करना अत्यंत चिंताजनक है और कानूनों की घोर अवमानना है। कंपनी में भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के पश्चात भी कंपनी मालिक हाईकोर्ट के फैसले की अवमानना कर मशीनों को कंपनी से बाहर शिफ्ट कर देता है। परंतु पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन मालिक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने के स्थान पर पीड़ित मजदूरों को ही हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करने की नसीहत दे रहा है।

इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर व किच्छा के मजदूर करीब 250 दिनों से धरने पर बैठे हैं, करोलिया व लुकास टीवीएस के मजदूर भी धरने पर बैठे हैं। परंतु श्रम विभाग व शासन प्रशासन द्वारा मजदूरों की कोई सुध नहीं ली जा रही है।

ज्ञापन द्वारा अवगत कराया गया है कि सिडकुल पन्तनगर, हरिद्वार व सितारगंज समेत उत्तराखंड भर में स्थापित उद्योगों में 80%-90% तक मजदूर ठेका, फिक्स टर्म, कैजुअल, ट्रेनिंग, अप्रेन्टिस आदि के रूप में मुख्य उत्पादन क्षेत्रों में स्थाई प्रकृति के कामों में नियोजित हैं।

इनमें से ज्यादातर मजदूर कंपनी के स्थाई कुशल मजदूरों की ही तरह मशीन ऑपरेटर आदि रूप में नियोजित हैं। और कुशल मजदूरों की ही तरह कार्य कर रहे हैं। परन्तु इन्हें हेल्पर ग्रेड का ही वेतन दिया जाता है। जबकि समान काम का समान वेतन अधिनियम के तहत इन्हें स्थाई कुशल मजदूरों के समान ही वेतन व अन्य लाभ देना अनिवार्य है।

उक्त मजदूरों को नियमानुसार न्यूनतम वेतन, बोनस व ओवर टाइम का डबल भुगतान भी नहीं किया जाता है। श्रम कानूनों एवं कंपनियों के स्टैंडिंग ऑर्डर औऱ ठेकेदार के लाइसेंस के अनुसार उक्त सभी मजदूरों को स्थाई करना कानून हित में अति आवश्यक है।

परन्तु अडाणी, अम्बानी जैसे उद्योगपतियों की सेवा में ततपर शासन प्रशासन पीड़ित मजदूरों को न्याय दिलाने के स्थान पर संघर्षरत मजदूरों का ही दमन करने को उतारू हैं। श्रम विभाग उदासीन है और फैक्ट्री मालिकों का मित्र बनकर मजदूरों के शोषण को बढ़ावा दे रहा है।

चेतावनी दी गई कि यदि श्रमिकों की समस्याओं का समाधान न किया गया तो 26 अप्रैल 2022 को सिडकुल पन्तनगर के पारले चौक के निकट इंटरार्क मजदूरों के धरनास्थल पर प्रातः 11 बजे से मजदूर-किसान महापंचायत कर निर्णायक फैसला लेकर निर्णायक व व्यापक आंदोलन शुरू किया जायेगा।

https://mehnatkash.in/2022/04/09/interark-workers-protest-against-illegal-lockout-and-salary-cut-at-collectorate-gave-memorandum/

एसडीएम को सम्बोधित उक्त ज्ञापन में इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा अध्यक्ष, राकेश कुमार व लक्ष्मण सिंह; भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौo राकेश टिकैत, प्रदेश सचिव मलूक सिंह खिंडा, जिला अध्यक्ष गुरसेवक सिंह, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड प्रभारी बलजिंदर सिंह मान; तराई किसान संगठन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क; संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकारिणी सदस्य व भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा; भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष गुरसेवक सिंह महार, युवा जिला अध्यक्ष हरपाल सिंह; जिला बहेड़ी अध्यक्ष जसविंदर सिंह बराड़; भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रदेश महासचिव बल्ली सिंह चीमा; भारतीय किसान यूनियन के ऊधमसिंह नगर के जिला अध्यक्ष अवतार सिंह; गुरुद्वारा श्री गुरुसिंह सभा गोल मार्केट रुद्रपुर के महासचिव मंजीत सिंह मक्कड़; एडवोकेट जुगल बल्लभ गोस्वामी; एडवोकेट किसन यादव; एडवोकेट आनन्द मोहन यादव; एडवोकेट पूजा शर्मा गोस्वामी; एडवोकेट मयंक चावला; ग्राम प्रधान प्रधान बुकसौरा मनदीप कौर; ग्रामप्रधान जयनगर दीपक पाल; ग्राम प्रधान विजय नगर; ग्राम प्रधान रायपुर मंजीत कौर; ग्राम प्रधान अमरपुर संजीत विश्वास; ग्राम प्रधान बिंदुखेड़ा कावल सिंह; ग्राम प्रधान आमखेड़ा जिला बहेड़ी (यू पी) जसविंदर सिंह; श्रमिक सँयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी; इंकलाबी मजदूर केंद्र के दिनेश चंद्र; क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह; ठेका मजदूर कल्याण समिति पन्तनगर के सचिव अभिलाख सिंह; सामाजिक सेवी एवं जन एकता मंच के सुब्रत विश्वास; मजदूर सहयोग केंद्र के धीरज जोशी आदि के हस्ताक्षर थे।

ज्ञापन देते समय उक्त किसान व मजदूर युनियनों, संगठनों के प्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं के साथ ही अनेक मजदूर साथी भी उपस्थित थे।