देश के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर बढ़कर 12.6 प्रतिशत हुई, महिलाओं की स्थिति और गंभीर

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अप्रैल-जून 2021 में 15 से 29 आयु वर्ग में 25.5 फीसदी शहरी युवा बेरोजगार रहे। महिलाओं की स्थिति तो और खराब रही। शहरी महिलाओं की बेरोजगारी दर 31% से अधिक थी।

देश के शहरी क्षेत्रों में 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गई, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह 9.3 प्रतिशत थी. हालांकि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की पहली लहर के दौरान बेरोजगारी दर 20.8 प्रतिशत तक पहुंच गया था, जिसमें कमी आई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labor Force Survey) में ये बात सामने आई है. दरअसल कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन (Lockdown) लगने के बाद बेरोजगारी दर में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई थी.

आंकड़ों से पता चलता है कि 15 से 29 आयु वर्ग में 25.5 फीसदी शहरी युवा अप्रैल-जून 2021 में बेरोजगार रहे, जबकि अप्रैल-जून 2020 में 34.7 फीसदी और जनवरी-मार्च 2021 में 22.9 फीसदी युवा बेरोजगार थे. यही नहीं शहरी महिलाओं की स्थिति तो शहरी पुरुषों की तुलना में और खराब रही. 15-29 आयु वर्ग में शहरी महिलाओं की बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2021 के दौरान बेरोजगारी दर 31% अधिक थी, जबकि इसी अवधि के दौरान पुरुषों के लिए 24% थी. अप्रैल-जून 2020 में शहरी महिलाओं में बेरोजगारी दर 36 प्रतिशत और और पुरुषों में 34.3 प्रतिशत थी.

महिलाओं में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर की बात करें तो 15 से 29 आयु वर्ग में…

जम्मू-कश्मीर में 67. 3 प्रतिशत

केरल में 59.2 प्रतिशत

असम में 56.3 प्रतिशत

राजस्थान में 50.8 प्रतिशत

बिहार और उत्तराखंड में 45.2 प्रतिशत है.

पिछले साल जून में 10.08 फीसदी थी शहरी बेरोजगारी दर

बेरोजगारी पर नियमित आंकड़े मुहैया कराने वाले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक अप्रैल में शहरी बेरोजगारी दर 9.78 फीसदी, मई में 14.72 फीसदी और पिछले साल जून में 10.08 फीसदी थी. जुलाई 2021 में यह घटकर 8.32 प्रतिशत, अगस्त में बढ़कर 9.78 प्रतिशत और फिर सितंबर में 8.64 प्रतिशत पर आ गई. सीएमआईई के अनुसार शहरी बेरोजगारी दर दिसंबर में बढ़कर 9.30 प्रतिशत हो गई और तब से जनवरी में 8.16 प्रतिशत और फरवरी 2022 में 7.55 प्रतिशत हो गई है.