कर्नाटक: टोयोटा के मजदूर प्रबंधन की दादागिरी के खिलाफ 39 दिनों से संघर्षरत

इनोवा और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियां बनाने वाली टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कर्नाटक स्थित बिदादी प्लांट के 3700 मज़दूर करीब 39 दिनों से प्रबंधन के ख़िलाफ़ आंदोलनरत है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के बिदादी प्लांट के आस पास की गलियों में मजदूर प्रबंधन के ख़िलाफ़ मज़दूरों का हुजूम बैठा हुआ है और रह रह कर नारा गूंजता है “टोयोटा किर्लोस्कर प्रबंधन मुर्दाबाद! मज़दूर तुम्हारे गुलाम नहीं है”।
प्लांट में प्रबंधन द्वारा लॉकआउट घोषित किए 35 दिन हो गए हैं और अबतक 65 मज़दूरों को निलंबित किया जा चुका है। प्लांट में करीब 6000 मज़दूर काम करते हैं जिसमें से 3500 मज़दूर यूनियन का हिस्सा हैं और इस धरने में साथ से रहे हैं।
अभी श्रमिक सड़क के ऊपर जहां बैठे हैं वहां उन्होंने अपना टेंट और पंडाल लगा रखा था जिसे प्रबंधन ने उखड़वा दिया। ये हरकत प्रबंधन ने उस वक्त की जब मजदूर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने बैंगलोर गए थे।
दरअसल प्लांट के अंदर काम के बढ़ते दबाव और प्रबंधन के अड़ियल रवैए के ख़िलाफ़ 9 नवंबर को प्रबंधन से बात करने के लिए कुछ मजदूर इक्कठा हुए मगर प्रबंधन ने बात काटने से इंकार कर दिया।
लंच के वक्त मजदूरों ने प्रबंधन से फिर बात करने की कोशिश की तो प्रबंधन ने प्लांट में छुट्टी करते हुए सेकंड शिफ़्ट बंद कर दिया। उसके बाद करीब 2000 मज़दूर प्लांट के अंदर ही वार्ता की मांग को लेकर रात भर बैठ गए। 10 नवंबर को प्रबंधन ने प्लांट में लॉकआउट कर दिया।
मामला और ज्यादा बिगड़ गया जब प्रबंधन ने बातचीत के लिए गए एक यूनियन प्रतिनिधि के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाते हुए सस्पेंड कर दिया।
श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद लॉकआउट समाप्त किया गया मगर मजदूरों से अंडरटेकिंग भरने को कहा गया। सरकार ने प्रबंधन को निर्देश निर्देश दिए कि श्रमिकों को अंडरटेकिंग भरने को ना कहा जाए। हालांकि कुछ श्रमिक अंडरटेकिंग भरकर काम पर वापस लौटे मगर कुछ दिनों बाद फिर से लॉकआउट कर दिया गया।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के बिदादी प्लांट में टोयोटा, इनोवा, केमरी, फॉर्च्यूनर आदि गाड़ियों का उत्पादन होता है। प्रतिदिन 300 गाड़ियां बनती है जहां प्रत्येक शिफ्ट में 150 गाड़ियों का उत्पादन होता है।
फिलहाल मजदूरों का संघर्ष जारी है और इस वक्त मजदूर सड़क पर ही बैठे हुए हैं…. जारी
The News Minute से साभार