आज बैंकों में दो दिन की तो इस्पात उद्योग में भी हड़ताल शुरू; 19 दिसम्बर को फार्म उद्योग में हड़ताल

निजीकरण के खिलाफ 16-17 को बैंकों में व 16 दिसंबर को ही इस्पात उद्योग में हड़ताल है। 19 जनवरी को जीवन रक्षक दवाओं के मूल्य में कमी की मांग पर फार्मा उद्योग में हड़ताल होगी।
निजीकरण के विरोध में अलग-अलग सेक्टरों में हड़ताल शुरू हो गई है। बैकिंग से लेकर खनन तक मज़दूर-कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य अलग अलग सेक्टरों में केंद्र सरकार की घोषित निजीकरण नीतियों का विरोध करना है।
बैंकों में दो दिन की हड़ताल शुरू
आज 16 से कल 17 दिसंबर तक बैंकों में हड़ताल है। ऐसे में ग्रामीण बैंक से लेकर सभी राष्ट्रीयकृत बैंक बंद हैं। बैंक कर्मचारियों की हड़ताल में अधिकारी भी हैं। देश के लगभग सभी सरकारी बैंक बन्द हैं, जिसमे 9 लाख कर्मचारी शामिल हैं।
केंद्र सरकार बैंकों के निजीकरण के लिये लोकसभा में बिल पास करने वाली है. इससे बैंक कर्मियों में आक्रोश है. सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण का मतलब है कि समाजिक सुरक्षा की गारंटी नहीं होना.
इस्पात उद्योग में हड़ताल
आज 16 दिसंबर को ही इस्पात उद्योग के मज़दूर हड़ताल पर हैं। देशव्यापी हड़ताल का कारण इस्पात मंत्रालय और मज़दूर यूनियनों के बीच हुए समझौते को वापस लेने की माँग है। साथ ही इस्पात उद्योग में भी निजीकरण का विरोध हो रहा है। झारखंड में इसका व्यापक असर है।
जिसमें बोकारो स्टील सिटी, सेल के सभी यूनिट, रांची स्थित सेरामिक उद्योग में काम बंद बन्द है। खनन भी प्रभावित है, जिसमें किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, जितपुर और चासनाला खदानें बंद है। इस दौरान कोयला की ढुलाई और संप्रेषण बंद है।
19 जनवरी को फार्मा उद्योग में हड़ताल
19 जनवरी को फार्मा उद्योग में हड़ताल आहूत है। जीवन रक्षक दवाओं के मूल्य में कमी करने की मांग की गयी है। फार्मा कंपनियों के निजीकरण का विरोध भी इस दौरान किया जायेगा।
23 फरवरी को सभी सेक्टरों की सम्मिलत हड़ताल होगी। जिसमें कोयला, बैंक, बीमा, इस्पात के साथ रेलवे कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है।