शहीद किसान अस्थि कलश यात्राओं से हजारों नागरिक हो रहे हैं लामबंद

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एसकेएम की सभी सहयोगियों से अपील- 26 अक्टूबर को अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी के लिए पूरे भारत में तहसील और जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करें।

शहीद किसान अस्थि कलश यात्राएं लखीमपुर खीरी नरसंहार के शहीदों को श्रद्धांजलि देने वाले हजारों नागरिकों को लामबंद कर रही हैं और अजय मिश्रा की तत्काल बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को गति दे रही हैं। भाजपा सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

सुनो कृषि मंत्री : किसान आंदोलन केवल मजबूत और व्यापक ही होगा!

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मध्य प्रदेश के सतना में, जहां उन्हें स्थानीय किसानों द्वारा काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा, कहा कि किसान आंदोलन को कुछ संगठनो द्वारा छोड़ दिया गया है और यह जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

मंत्री की यह इच्छा ठीक उसी रणनीति का हिस्सा है जो मोदी सरकार द्वारा आंदोलन के संबंध में अपनाई जा रही है, जब  22 जनवरी 2021 के बाद से औपचारिक वार्ता बंद की गई थी।

संयुक्त किसान मोर्चा सरकार को चेतावनी देना चाहता है कि वह खुद जोखिम उठाकर इस सोच पर विश्वास करे। दिल्ली की सरहदों पर 11 महीने पूरे करने के कगार पर किसानों का आंदोलन पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और व्यापक हुआ है।

एसकेएम ने मंत्री और मोदी सरकार के अन्य नेताओं को चेतावनी दी है कि उनका आत्मसंतोष उन्हें ही नुकसान करेगा। लोकतंत्र में कोई भी चुनी हुई सरकार सबसे अधिक संख्या वाले किसानों-श्रमिकों और नागरिकों की एकजुट आवाज और मांगों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है, खासकर तब जबकि  मांगें सही हों और आजीविका को हो रही अपूर्णीय क्षति के सबूत पर आधारित हों।

https://mehnatkash.in/2021/10/23/amidst-the-arbitrariness-of-the-up-government-pressure-continues-for-the-dismissal-and-arrest-of-ajay-mishra/

हरियाणा सरकार जस्टिस अग्रवाल आयोग को जोड़-तोड़ के लिए इस्तेमाल करना चाहती है

हरियाणा के अधिकारी आयुष सिन्हा का वायरल वीडियो, जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री की करनाल यात्रा के विरोध कर रहे किसानों के सिर तोड़ने के लिए पुलिस को निर्देश देते हुए सुना गया था, ने पूरे देश को शर्मसार और झकझोर कर रख दिया था। उस दिन बस्तर टोल प्लाजा पर पुलिस द्वारा किए गए क्रूर लाठीचार्ज के बाद एक किसान सुशील काजल बुरी तरह घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए।

राज्य सरकार द्वारा की गई करनाल हिंसा में, न्याय के लिए, और आयुष सिन्हा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए, किसानों द्वारा शुरू किए गए तीव्र आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसएन अग्रवाल की अध्यक्षता में एक व्यक्ति न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग ने अब 3 महीने और समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। आयोग ने गवाहों को सुनना भी शुरू नहीं किया है, और तो और, उसने आयुष सिन्हा के पुलिस को हिंसक निर्देशों का वीडियो भी नहीं देखा है, जो राज्य सरकार के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के समर्थन के साथ दिया गया था।

हिंसक लाठीचार्ज, आयुष सिन्हा के बयानों और पुलिस हिंसा की जांच के लिए किसानों द्वारा मांगे गए न्याय की प्रतिक्रिया के रूप में जो शुरू हुआ था, उसे अब बदल दिया गया है, जहां आयोग अब अन्य मुद्दों पर विचार कर रहा है जैसे कि किसानों का विरोध कैसे शुरू हुआ आदि।

यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार न्यायमूर्ति एसएन अग्रवाल आयोग को करनाल कांड में किसानों को न्याय दिलाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी हेराफेरी का हथियार बनाने की इच्छुक है।

एसकेएम इसकी निंदा करता है और मांग करता है कि आयोग इस बात पर ध्यान केंद्रित करे कि पुलिस हिंसा और तत्कालीन एसडीएम के निर्देशों पर ध्यान देने के लिए क्या सहमति हुई थी? आयोग निर्धारित समय में अपना काम पूरा करे, और आयुष सिन्हा निलंबित रहें।

https://mehnatkash.in/2021/10/21/the-brutal-murder-should-be-probed-by-the-supreme-court-the-suspected-union-agriculture-minister-should-resign-skm/

26 अक्टूबर के धरना-प्रदर्शन को सफल बनाओ!

संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी सदस्य संगठनों से अपील की है कि 26 अक्टूबर को अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने के लिए पूरे भारत में तहसील और जिला मुख्यालयों पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक धरना-प्रदर्शन आयोजित करें। यह वह दिन भी है जिस दिन आंदोलन ने दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्ण और निरंतर विरोध के ग्यारह महीने पूरे कर लिए होंगे।

https://mehnatkash.in/2021/10/19/after-the-meeting-of-the-agriculture-minister-with-the-nihang-leader-there-should-be-a-fair-investigation-of-the-singhu-morcha-massacre/

गिरफ्तार किसानों को रिहा करो!

हरियाणा के भिवानी में राज्य मंत्री जेपी दलाल को किसानों के आक्रोश और काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा। 50 से अधिक किसानों को हिरासत में लिया गया है। एसकेएम उनकी तत्काल बिना शर्त रिहाई की मांग करता है।

इस बीच, हरियाणा प्रशासन ने ऐलनाबाद में दो अलग-अलग प्राथमिकी में 200 से अधिक किसानों पर मामले दर्ज किए हैं, जब किसान हरियाणा भाजपा और जजपा के मंत्रियों और नेताओं, जो अपने उम्मीदवारों का प्रचार कर रहे थे, का खिलाफ विरोध किया था। इन भाजपा और जजपा नेताओं को प्रचार के लिए निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के दौरान किसानों द्वारा काले झंडे दिखाए गए।

https://mehnatkash.in/2021/10/14/sack-teni-shaheed-kalash-yatra-begins-nationwide-rail-roko-program-on-18th-october/

विभिन्न जिलों व राज्यों में शहीद किसान अस्थि कलश यात्राएं जारी

विभिन्न जिलों और राज्यों में कई शहीद किसान अस्थि कलश यात्राएं चल रही हैं, जो बड़ी संख्या में समर्थकों को आकर्षित कर रही हैं, जो लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार के पांच शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आगे आ रहे हैं।

तमिलनाडु में, यात्रा कल्लाकुरिची जिले के उलुदुरपेट से होकर गुजरी और फिर पेरम्बलुर में प्रवेश किया। 26 तारीख को वेदारण्यम में बंगाल की खाड़ी में अस्थियां विसर्जित करने से पहले यह यात्रा 22 जिलों को कवर करेगी।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में आज दोपहर शहीदों की अस्थियां संगम में विसर्जित की गईं। एक यात्रा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और कुशीनगर जिलों से होकर गुजरी।

यात्रा उत्तराखंड के विकासनगर के कई गांवों में गई, जबकि मथुरा और उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में यात्रा चल रही है।

एक अन्य यात्रा हरियाणा के झज्जर जिले के कई गांवों और टोल प्लाजा धरने से होकर गुजर रही है। यह यात्रा दीघल टोल प्लाजा और ढांसा टोल प्लाजा को कवर करती हुई टिकरी सीमा मोर्चा पहुंचने से पहले कल रोहड़ टोल प्लाजा तक जाएगी।

हिमाचल प्रदेश में यमुना घाट पर पोंटा साहिब में शहीदों की अस्थियां विसर्जित की गईं। यात्रा पंजाब के विभिन्न स्थानों से मालवा, माझा और दोआबा के सभी 3 क्षेत्रों में जा रही है। यात्रा को भारी जनसमर्थन मिल रहा है और न्याय की मांग भी जोरों  से आगे बढ़ रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी (332वां दिन, 24 अक्टूबर 2021)

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह।

https://mehnatkash.in/2021/10/19/rail-roko-program-successful-at-hundreds-of-places-by-farmers-across-india-amid-arrests/

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