कारखाना मज़दूर यूनियन का तीसरा इजलास संपन्‍न, नई नेतृत्वकारी कमेटी गठित

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इजलास ने सहमति जताई गई कि भारत समेत दुनिया-भर में पूंजीवादी-साम्राज्‍यवादी लूट-उत्‍पीड़न तीखा हो चुका है। इस लूट-उत्‍पीड़न के खिलाफ मज़दूर-मेहनतकश जन का एकजुट संघर्ष ही एकमात्र हल है।

लुधियाना (पंजाब)। कारखाना मज़दूर यूनियन ने जमालपुर कालोनी में संगठन का तीसरा इजलास किया। इजलास में नई नेतृत्‍वकारी कमेटी चुनी गई। जिसमें साथी लखविंदर (अध्यक्ष), साथी कल्‍पना (सचिव), साथी सुशील कुमार (कोषाध्यक्ष), साथी रमेश, साथी रीतू देवी, साथी सविता देवी और साथी तेजू प्रसाद को कमेटी सदस्‍य चुना गया।

साथी लखविंदर ने देश-दुनिया की हालतों, संगठन की कमियों-कमजोरियों, गतिविधियों-उपलब्धियों, सामने आई चुनौतियों के बारे में विचार-चर्चा की। सुशील, रमेश और तेजू प्रसाद ने भी विचार पेश किए। बिरादर संगठन टेक्‍सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष साथी राजविंदर, नौजवान भारत सभा के साथी कृष्‍ण ने इजलास को संबोधित करते हुए इजलास की बधाई दी। मंच संचालन साथी विमला ने किया।

13 मार्च को सम्पन्न इजलास में इस बात पर सहमति जताई गई कि भारत समेत दुनिया-भर में मज़दूरों और अन्‍य मेहनतकश लोगों की पूंजीवादी-साम्राज्‍यवादी लूट-उत्‍पीड़न तीखा हो चुका है। लोगों को पूंजीवादी राजनीतिक धड़ों से, उनकी सरकारों से किसी तरह की भलाई की उम्‍मीद नहीं रखनी चाहिए। इस लूट-उत्‍पीड़न के खिलाफ एकजुट संघर्ष ही एकमात्र हल है।

इजलास में युक्रेन पर रूसी साम्राज्‍यवाद के हमले, मोदी सरकार द्वारा श्रम क़ानूनों में बदलाव, भाखड़ा-ब्‍यास प्रबंधन बोर्ड में से पंजाब की नुमाइंदगी खत्म करने, कर्नाटक में हिंदुत्‍वी कट्टरपंथियों की हिजाब विरोधी मुहिम के विरोध में निंदा प्रस्‍ताव पारित किए गए।