फैक्ट्रियों के बिखरे कचरे फैला रहे हैं गंभीर बीमारियां

निकलने वाले केमिकल तक सड़कों पर डाल रहीं हैं कंपनियां
औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में कुछ फैक्ट्री प्रबंधकों की लापरवाही से फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त हानिकारक अपशिष्ट (राख) हाईवे के किनारे डाल दी गई है। यह अपशिष्ट या तो गंदगी के माध्यम से नालियों में या फिर हवा में उड़कर लोगों को सांस की बीमारी कर रही है।
मालनपुर क्षेत्र में संचालित कुछ फैक्ट्रियों में ठोस अपशिष्ठ के रूप में राख निकलती है। नियमानुसार कंपनी प्रबंधन को इस केमिकल युक्त राख को जमीन में दबाने का निर्देश है ताकि यह उड़कर लोगों की सांस में न जाए लेकिन यह राख हाईवे किनारे डाल दी गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि वीआरएस फूड्स लिमिटेड से अपशिष्ट के रूप में जो राख निकलती है, उसे जमीन में दबाने की बजाय ठेकेदार के कर्मचारी ट्रकों में भरकर हाईवे के आसपास डाल जाते हैं। जब इस सड़क से तेज गति से वाहन गुजरते हैं तो हाईवे के किनारे पड़ी यह राख धूल की तरह उड़ती है। इस संबंध में वीआरएस फूड्स लिमिटेड के महाप्रबंधक का पक्ष लेने के लिए कई बार उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने न फोन उठाया न रिटर्न कॉल किया।
हाईवे किनारे पड़ी राख आसपास रहने वाले लोगों को सांस के माध्यम से यह शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों की बीमारी बनाती है। साथ ही आंखों में जाने पर जलन पैदा करती है जिससे आंखें खराब होने का भय बना रहता है। स्थानीय निवासी हरि सिंह ने बताया कि कंपनी से निकली राख सड़कों के आसपास पड़ी रहती है। यह उड़कर लोगों के फेफड़ों में जाती है। इसके चलते कई लोग सांस की बीमारी व अस्थमा के शिकार हो रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में किराने की दुकान चलाने वाले प्रदीप ने बताया कि हानिकारक राख से लोग बीमार हो रहे हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के अनुसार फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता। ऐसे कचरे को गड्ढा खोदकर जमीन में दबाने का नियम है। ऐसा कचरा नष्ट करने के लिए कंपनियां ठेका देती हैं। ठेकेदार के कर्मचारी हानिकारक अपशिष्ट को वाहनों से दूर ले जाते हैं और उसे जमीन में दफन करते हैं। लेकिन वीआरएस फूड्स का कचरा सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है जो लोगों की सेहत खराब कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का निर्देश है कि कोई भी कंपनी रासायनिक कचरा खुले में नहीं डाल सकती।
दैनिक भास्कर से साभार