Tuesday, July 1, 2025
  • मज़दूरनामा
    • संघर्ष
    • मजदूर हादसा
    • श्रमजीवी महिला
    • असंगठित मजदूर
  • श्रम कानून
  • राजनीति / समाज
  • इतिहास
    • विरासत
    • हमारे नायक – नायिकाएं
  • विश्व पटल
  • गैलरी
    • कार्टून/चित्रकथा
    • चित्र कथा
    • वीडियो
    • तस्वीरों में
  • साहित्य
    • कविता
    • कहानी
    • नाटक
    • समीक्षा
    • साहित्य/सिनेमा
  • विशेष
  • दस्तावेज़
  • हम भी पत्रकार
    • हमारे बारे में
    • खबर भेजने हेतु
  • मज़दूरनामा
    • संघर्ष
    • मजदूर हादसा
    • श्रमजीवी महिला
    • असंगठित मजदूर
  • श्रम कानून
  • राजनीति / समाज
  • इतिहास
    • विरासत
    • हमारे नायक – नायिकाएं
  • विश्व पटल
  • गैलरी
    • कार्टून/चित्रकथा
    • चित्र कथा
    • वीडियो
    • तस्वीरों में
  • साहित्य
    • कविता
    • कहानी
    • नाटक
    • समीक्षा
    • साहित्य/सिनेमा
  • विशेष
  • दस्तावेज़
  • हम भी पत्रकार
    • हमारे बारे में
    • खबर भेजने हेतु
No Result
View All Result
No Result
View All Result

देश का कानून गरीबों के लिए भेदभाव कारी – ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

by
April 16, 2022
in अभी अभी, राजनीति / समाज
0
देश का कानून गरीबों के लिए भेदभाव कारी – ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

‘न्याय तक पहुंचने में कई बाधाएं है, जिनका सामना हाशिए पर मौजूद किसी शख्स को करना पड़ता है। कानून इस तरह से तैयार किए गए हैं, जिनसे गरीबों के प्रति भेदभाव हो।’

नई दिल्लीः ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. मुरलीधर ने गुरुवार को कहा कि भारत के कानून इस तरह से तैयार किए गए हैं कि वे गरीबों के साथ भेदभाव करने वाले हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रणाली अमीरों और गरीबों के लिए असमान रूप से काम करती है.

चीफ जस्टिस मुरलीधर ने कहा, ‘न्याय तक पहुंचने में कई बाधाएं है, जिनका सामना हाशिए पर मौजूद किसी शख्स को करना पड़ता है. एक शिक्षित शख्स के लिए भी कानून और उसकी प्रक्रियाएं रहस्यमयी हैं. कानून इस तरह से तैयार किए गए हैं, जिनसे गरीबों के प्रति भेदभाव हो.’

उन्होंने कहा, ‘सिस्टम गरीबों के प्रति अलग तरह से काम करता है. बेगर्स कोर्ट, किशोर न्याय बोर्ड और महिला मजिस्ट्रेट अदालतें ऐसी जगह हैं, जहां गरीब शख्स पहली बार न्यायिक व्यवस्था को देखता और समझता है.’

वह कम्युनिटी फॉर द इरैडिक्शन ऑफ डिस्क्रिमिनेशन इन एजुकेशन एंड एम्प्लॉयमेंट द्वारा आयोजित एक व्याख्यान ‘एपीयरिंग इन कोर्टः चैलेंजेज इन रिप्रेजेंटिंग द मार्जिनैलाइज्ड’ को संबोधित कर रहे थे.

जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि आंकड़ों से सिद्ध हुआ है कि भारत में न्याय कितना अनुचित हो सकता है.

उन्होंने कहा, ‘भारत में 3.72 लाख विचाराधीन आबादी में से 21 फीसदी और सजा पाने वाले 1.13 लाख में से 21 फीसदी अनुसूचित जाति से हैं. इसके साथ ही दोषी ठहराए गए 37.1 फीसदी और 34.3 फीसदी विचाराधीन कैदी ओबीसी समुदाय से जुड़े हुए हैं. उसी तरह सजा पाने वाले 17.4 फीसदी और 19.5 फीसदी विचाराधीन लोग मुसलमान हैं.’

चीफ जस्टिस ने कहा, ‘जिन लोगों के पास कानूनी सहायता सेवाओं को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, उन्हें वह प्रतिनिधित्व नहीं मिलता, जिसके वे हकदार हैं.’

उन्होंने कहा, ‘आम धारणा यह है कि लोग कानूनी मदद या सलाह लेने को सम्मान का विषय मान लेते हैं जबकि उन्हें यह मानना चाहिए ये उनका अधिकार है. मैं इसे राशन शॉप सिंड्रोम कहता हूं. गरीबों को लगता है कि अगर आपको कोई सेवा निशुल्क मिलती है या किसी तरह की छूट मिलती है तो आप गुणवत्ता की मांग नहीं कर सकते.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार को सकारात्मक कार्रवाई नीतियां तैयार करनी चाहिए क्योंकि कानून गरीबों और हाशिये पर मौजूद लोगों के साथ भेदभाव करता है, जिससे उनके लिए स्थिति और खराब हो जाती है.’

उन्होंने कहा, ‘इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलित, आदिवासी, सामाजिक और शैक्षिक रूपसे वंचित वर्ग, आर्थिक रूप से वंचित वर्ग और धार्मिक एवं यौन अल्पसंख्यक, विशेष तौर पर सक्षम लोग शामिल हैं. इसके अलावा सेक्स वर्कर्स, मानसिक रूप से बीमार और कई अन्य लोग भी हैं, जिनकी गतिविधियां अपराधी हैं. अक्सर ये खुद को कानून के गलत पक्ष की ओर पाते हैं. भीख मांगना, सड़कों पर रहना और वेश्यावृत्ति को कानून एवं व्यवस्था की समस्या के रूप में माना जाता है.’

चीफ जस्टिस ने कहा, ‘यह चिंता का विषय है कि देश के 20 राज्यों में अभी भी भिखारी विरोधी कानून है. सिर्फ दिल्ली और जम्मू कश्मीर में कानूनी फैसलों से इन्हें हटा दिया गया है. इसके बाद गैर अधिसूचित जनजातियां हैं, जो लंबे समय से पुलिस के अत्याचारों का शिकार रहीं. इन स्थितियों में कानून की जद में आने वाले लोग गरीबी रेखा से नीचे या उच्च जोखिम वाले समूह से जुड़े लोग होते हैं, जिन्हें कानूनी सहायती का सख्त जरूरत होती है.’

द वायर से साभार

Previous Post

हिंदी का महत्व देश में उतना ही है जितना मराठी, बंगाली, पंजाबी या तमिल का

Next Post

हरियाणा : ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ -बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

Related Posts

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन
अभी अभी

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

May 23, 2025
1
संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?
अभी अभी

संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

May 19, 2025
0
नगालैंड की केंद्र से प्रोटेक्टेड एरिया परमिट रद्द करने की अपील, कहा- हमारी स्थिति मिजोरम-मणिपुर से अलग
अभी अभी

नगालैंड की केंद्र से प्रोटेक्टेड एरिया परमिट रद्द करने की अपील, कहा- हमारी स्थिति मिजोरम-मणिपुर से अलग

May 19, 2025
0
यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार
अभी अभी

यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार

May 19, 2025
0
यूपी: ऑपरेशन सिंदूर पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ पोस्ट करने के आरोप में दो दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार
अभी अभी

यूपी: ऑपरेशन सिंदूर पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ पोस्ट करने के आरोप में दो दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार

May 17, 2025
0
सांस्कृतिक समागम में उभरे कई रंग; गीत, नाटक,नृत्य नाटिका आदि विविध संगीतमय प्रस्तुतियां
अभी अभी

सांस्कृतिक समागम में उभरे कई रंग; गीत, नाटक,नृत्य नाटिका आदि विविध संगीतमय प्रस्तुतियां

May 16, 2025
0
Next Post
हरियाणा : ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ -बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हरियाणा : ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ -बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

Stay Connected test

  • 23.9k Followers
  • 99 Subscribers
  • Trending
  • Comments
  • Latest
बढ़ते मामलों के बीच राजद्रोह क़ानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

बढ़ते मामलों के बीच राजद्रोह क़ानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

August 1, 2021
महिला किसानों ने पारित किया अविश्वास प्रस्ताव : ‘मोदी गद्दी छोड़ो, कॉरपोरेट देश छोड़ो’

महिला किसानों ने पारित किया अविश्वास प्रस्ताव : ‘मोदी गद्दी छोड़ो, कॉरपोरेट देश छोड़ो’

August 9, 2021
राजस्थान: 21 वर्षीय महिला को उसके पति द्वारा गांव में निर्वस्त्रकर घुमाने की शर्मनाक घटना

राजकीय दमन के खिलाफ़ बोलने वालों पर छापे और गिरफ्तारियां रोकने की मांग : सीएएसआर

October 16, 2023
लंबे समय से स्थाई कार्य कर रहे वैध नियुक्त कर्मचारी नियमितीकरण के हकदार -सुप्रीम कोर्ट

लंबे समय से स्थाई कार्य कर रहे वैध नियुक्त कर्मचारी नियमितीकरण के हकदार -सुप्रीम कोर्ट

April 29, 2024
आओ देश के मज़दूर इतिहास को जानें!

आओ देश के मज़दूर इतिहास को जानें!

14
आज का दौर और शहीदे आज़म भगत सिंह

आज का दौर और शहीदे आज़म भगत सिंह

10
जहाँ से मज़दूर आंदोलन आगे जायेगा !

जहाँ से मज़दूर आंदोलन आगे जायेगा !

10
श्रम संहिताएं : मज़दूरों को बनायेंगी बंधुआ

श्रम संहिताएं : मज़दूरों को बनायेंगी बंधुआ

8
जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

May 23, 2025
संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

May 19, 2025
नगालैंड की केंद्र से प्रोटेक्टेड एरिया परमिट रद्द करने की अपील, कहा- हमारी स्थिति मिजोरम-मणिपुर से अलग

नगालैंड की केंद्र से प्रोटेक्टेड एरिया परमिट रद्द करने की अपील, कहा- हमारी स्थिति मिजोरम-मणिपुर से अलग

May 19, 2025
यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार

यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार

May 19, 2025

Recent News

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

May 23, 2025
1
संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

May 19, 2025
0
नगालैंड की केंद्र से प्रोटेक्टेड एरिया परमिट रद्द करने की अपील, कहा- हमारी स्थिति मिजोरम-मणिपुर से अलग

नगालैंड की केंद्र से प्रोटेक्टेड एरिया परमिट रद्द करने की अपील, कहा- हमारी स्थिति मिजोरम-मणिपुर से अलग

May 19, 2025
0
यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार

यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार

May 19, 2025
0

We bring you the best Premium WordPress Themes that perfect for news, magazine, personal blog, etc. Check our landing page for details.

Follow Us

Browse by Category

  • अभी अभी
  • असंगठित मजदूर
  • कविता
  • कहानी
  • कार्टून/चित्रकथा
  • चित्र कथा
  • तस्वीरों में
  • दस्तावेज़
  • मजदूर हादसा
  • मजदूरनामा
  • राजनीति / समाज
  • विरासत
  • विशेष
  • विश्व पटल
  • वीडियो
  • श्रम कानून
  • श्रमजीवी महिला
  • संघर्ष
  • समीक्षा
  • साहित्य/सिनेमा
  • हमारे नायक – नायिकाएं

Recent News

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

जब बेइंतहाँ शोषण से तंग अपने “मुलुक” के लिए निकले चाय बागान श्रमिकों का हुआ था भयावह दमन

May 23, 2025
संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

संथारा : 3 साल की बच्ची की मौत लंबे समय तक क्यों सालती रहेगी?

May 19, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

© 2025 Mehnatkash

No Result
View All Result
  • मज़दूरनामा
    • संघर्ष
    • मजदूर हादसा
    • श्रमजीवी महिला
    • असंगठित मजदूर
  • श्रम कानून
  • राजनीति / समाज
  • इतिहास
    • विरासत
    • हमारे नायक – नायिकाएं
  • विश्व पटल
  • गैलरी
    • कार्टून/चित्रकथा
    • चित्र कथा
    • वीडियो
    • तस्वीरों में
  • साहित्य
    • कविता
    • कहानी
    • नाटक
    • समीक्षा
    • साहित्य/सिनेमा
  • विशेष
  • दस्तावेज़
  • हम भी पत्रकार
    • हमारे बारे में
    • खबर भेजने हेतु

© 2025 Mehnatkash