संकट का बोझ जनता पर : उत्तराखंड में बस भाड़ा तिगुना

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उत्तराखंड : सबसे महँगा इलाज, अब सबसे महँगा सफ़र

चीनी सामानों के बहिष्कार के शोर के बीच उत्तराखंड सरकार ने सरकारी व निजी बसों में सफर दो से तीन गुना तक महँगा कर दिया है। पूरे देश में सबसे महँगी स्वास्थ्य सेवा वाले इस राज्य की जनता के लिए अब सफ़र करना भी और महँगा हो गया। कोरना/लॉकडाउन से तबाह जनता के लिए भाजपा सरकार यह एक और तोहफा है।

23 फरवरी को भी बढाया था किराया

गौरतलब है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने कोविड-19 संकट से पूर्व बीते 23 फरवरी से बसों का किराया बढ़ाने का भी फैसला लिया था। अब इस संकट के समय में यह नया बोझ डाल दिया है।

इस बार उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण शारीरिक दूरी के अनुपालन को बहाना बनाकर बस किराया में भारी बृद्धि की है। सरकार ने किराया दोगुना करने के साथ ही परिवहन निगम को इस किराये पर 20 प्रतिशत तक कर्मचारी कल्याण अधिभार के रूप में अलग से लेने को भी अधिकृत किया है।

Uttarakhand Government Ended Reservation In Promotion ...

एसी-वॉल्वो बस समेत साधारण बस में में किराये का बोझ

गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई फैसलों में बस भाड़ा बढ़ाना अहम् है। चाहे निजी बस हो या रोडवेज बस, आज से किराए में दोगुनी और तिगुनी वृद्धि हो गई। प्रदेश में स्टेट कैरिज वाहनों के किराए में भी बढ़ोतरी की गई है।

इसके तहत नगर निगम या नगर पालिका क्षेत्र के बाहर चलाई जाने वाली निजी व परिवहन निगम की बसों का किराया 1.05 रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर 2.10 रुपये प्रति किमी कर दिया गया है। वहीं पर्वतीय मार्ग पर यह किराया 1.50 रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर 3.00 रुपये प्रति किमी किया गया है। इसी प्रकार एसी व वॉल्वो बसों का किराया भी दोगुना से तिगुना तक बढाया गया है।

सिटी बस में सफर करने वालों को भी झटका

इसी के साथ सिटी बस का किराया भी सरकार ने दोगुना कर दिया है और साथ ही टैक्सी का किराया भी दोगुना बढ़ाया गया है। सिटी बसों, यानी नगर निगम केंद्र से 30 किमी के दायरे में पहले दो किमी पर किराया सात रुपये था, इसे बढ़ाकर अब 14 रुपये कर दिया गया है।

निजी टैक्सी संचालन से छोटे संचालकों की दिक्कतें बढीं

कैबिनेट ने प्रदेश में ओला व उबर जैसे ऑनलाइन बुकिंग पर चलने वाले वाहनों के संचालन को उत्तराखंड ऑन डिमांड (सूचना प्रौद्योगिकी आधारित) ठेका गाड़ी द्वारा परिवहन नियमावली 2020 को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसमें इन्हें परमिट दिए जाने के साथ ही सवारी की सुरक्षा के प्रविधान किए गए हैं।

इसमे अनुमति लेने, पंजीकरण और भारी-भरकम ज़मानत राशि का जो प्रावधान हुआ है, उससे यह ओला, उबर जैसे बड़े टैक्सी संचालकों के हित में है और छोटे टैक्सी संचालकों पर भारी बोझ पड़ेगा और बेरोजगारों की फ़ौज और बढ़ेगी।

अन्य राज्यों में सफ़र भी होगा महँगा

प्राप्त जानकारी के मुताबिक दूसरे राज्यों के लिए भी बस भाड़ा बढाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अनुसार यूपी से उत्तराखंड के बीच संचालित बसों के बढ़े हुए किराये की सूचना उत्तराखंड परिवहन ने दी है। जिसमें यूपी रोडवेज के मुकाबले उत्तराखंड की बस में 100 किलोमीटर के सफर पर 26 रुपये ज्यादा किराया देना होगा।

कोरोना का बोझ संकटग्रस्त जनता पर

जाहिर है कि इससे पहले से ही संकटग्रस्त यात्रियों की जेब का बोझ बढ़ेगा यानी की यात्रियों को अब सफर करने के लिए अपनी जेब पहले से ज्यादा ढीली करनी होगी।

दरअसल, भाजपा नीत केंद्र की मोदी सरकार की तर्जपर राज्य सरकारें भी तेजी से आगे बढ़ रहीं हैं और कोरोना महामारी का पूरा बोझ देश की मेहनतकश आवाम के मत्थे डाल रही हैं। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार इसमे और तेजी से बढ़ रही है।

वैसे भी जनता को भरमाने के लिए भाजपा-संघ के पास कई हथकंडे हैं। फिलहाल देश की जनता चीनी सामानों के बहिष्कार के खेल में उलझा दी गई है, ताकि वह अपने ऊपर बढ़ाते बोझ को ना देख सके!