रेलवे भर्ती धांधली के खिलाफ छात्रों का फूटा गुस्सा; यूपी पुलिस ने दौड़ाकर लाठियां बरसाईं

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स्टेशन पर बर्बरता के साथ पुलिस ने लॉज में कमरों के दरवाजे तोड़कर छात्रों को बाहर घसीटकर पीटा। इसबीच विरोध-प्रदर्शन के बाद रेलवे ने एनटीपीसी, लेवल-1 परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।

भयावह बेरोजगारी के खिलाफ नौजवानों का गुस्सा लगातार फुट रहा है। रेलवे के एनटीपीसी में हुई धांधली के खिलाफ बिहार से लेकर यूपी तक छात्र-युवा पुलिस दमन के बीच सड़क पर उतरे।

रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया। जिसे पुलिस ने बल पूर्वक दबाने की कोशिश की। लेकिन छात्रों में और गुस्सा फैल गया है।

यूपी के इलाहाबाद में कई दिनों से ऑनलाइन विरोध कर रहे छात्र समूह मंगलवार को सड़कों पर उतर आए, और ट्रेन रोककर अपना विरोध दर्ज करवाने का प्रयास किया। इस बीच प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करती हुई पुलिस उनके लॉज तक पहुंची और वहां जाकर छात्रों को पीटा।

विरोध-प्रदर्शन बिहार के पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों में भी हुए। कुछ जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया, सुरक्षा बलों से भिड़ गए।

परीक्षार्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद रेलवे ने एनटीपीसी, लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।

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नौजवानों का विरोध, पुलिस की बर्बरता 

आरआरबी परीक्षा परिणाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मंगलवार को दिन में करीब एक बजे अचानक सैकड़ों प्रतियोगी छात्र इलाहाबाद के छोटा बघाड़ा में इकठ्ठा हुए, जहां से एक जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए वे प्रयाग रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रैक पर कानपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन के सामने बैठ गए।

कुछ देर में कई थानों की फोर्स वहां पहुंची और छात्रों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस के दौड़ा-दौड़कर लाठियां बरसाने पर कई प्रदर्शनकारी छात्र भागकर आसपास की लॉज और छात्रावासों में छिप गए। पुलिस भी लॉज में पहुंची और कुछ लॉज में कमरों के दरवाजे तोड़ते हुए छात्रों को बाहर निकालकर उन्हें पीटा।

कई छात्र मंचो और संगठनों की तरफ से इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी गई है। वहीं, विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

बिहार सीतामढ़ी में रेलवे स्टेशन पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलायीं। पटना के राजेंद्र नगर स्टेशन से चलने वाली दुर्ग-राजेंद्र नगर दक्षिण बिहार एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण दिन के लिए रद्द करना पड़ा।

अन्य ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े। सोमवार को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनस पर धरना दिया और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था। विरोध प्रदर्शन नवादा, मुजफ्फरपुर, बक्सर, भोजपुर आदि जिलों में भी हुए।

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क्यों हो रहा है विरोध

बीते 14 जनवरी को आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजे आए थे, जिसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ा है। तबसे छात्र सोशल मीडिया पर इसे लेकर रोष जाहिर कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था। उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण में कहा था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था. सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी।

छात्रों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने अपने नोटिफिकेशन में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) प्रथम परीक्षा में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के चयन की बात कही थी, हालांकि जब परिणाम आया तब बोर्ड ने केवल पांच प्रतिशत का ही चयन किया।

छात्रों का यह भी कहना है कि रेलवे बोर्ड मनमानी कर रहा है। इस परीक्षा में जिन छात्रों ने दो पदों के लिए क्वालीफाई किया है, जब वे एक ही पद चुनेंगे तो दूसरा खाली रहेगा। ऐसे में अगर अधिक संख्या में और नोटीफिकेशन के अनुरूप छात्रों का चयन करे, तब सभी पद भी भर सकेंगे और अधिक छात्रों को नौकरी भी मिल जाएगी।

इसलिए बोर्ड को परिणाम संशोधित करना चाहिए और अधिसूचना नोटीफिकेशन के अनुरूप 20 गुना परीक्षार्थियों को सीबीटी द्वितीय परीक्षा के लिए चयनित करना चाहिए।

एनटीपीसी के पहले चरण की परीक्षा के रिजल्ट में 80,643 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। अब ये सफल अभ्यर्थी सीबीटी-टू की परीक्षा में शामिल होंगे, जो 14 से 18 फरवरी के बीच होगी।

आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा रिज़ल्ट को लेकर छात्रों का हंगामा

दमन के साथ डराने की कोशिशें जारी

हालांकि नौजवानों के जायज विरोध प्रदर्शन को पुलिसिया दमन से दबाने की कोशिश हुई। उधर बढ़ते विरोध के बीच रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी।

इन सबके बीच युवाओं का गुस्सा और बढ़ गया है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि दमन के सारे हथकंडे आंदोलन को कुचल नहीं सकते।

बिहार में छात्रों का प्रदर्शन

विरोध के बीच परीक्षाएं स्थगित

रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद एनटीपीसी और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। खबर के अनुसार रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।  दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी।

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छात्रों की मुख्य मांगें 

  1. 103739 ग्रुप डी पद की बहाली के लिए 2019 में रेलवे बोर्ड ने नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमे केवल एक ही परीक्षा( पीटी) की बात थी। लेकिन 23 जनवरी, 2022 को 3 वर्ष बाद बोर्ड ने इसमें दो चरण  (एक पीटी और मेंस) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया।  जबकि  23 फरवरी, 2022 से परीक्षा होनी है। 
  2. RRB NTPC – 35277 पद के लिए – 2019 में नोटिफिकेशन जारी किया। जिसकी परीक्षा 2021 में पूर्ण हुई। इसका रिजल्ट 15 जनवरी 2022 को प्रकाशित किया। जिसमें भारी गड़बड़ी हुई है। छात्रों की मांग है कि रेलवे बहाली के रिवाइजड़ रिजल्ट और एक कट ऑफ बनाया जाए। नोटिफिकेशन के अनुसार सीट का 20 गुना रिजल्ट प्रकाशित हो, जो अभी 11 गुना रिजल्ट ही है। 
  3. रेलवे अपने बहालियों का कलेंडर जारी करो।

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