संघर्ष की जीत : नेस्ले, पंतनगर में सम्मानजनक समझौता संपन्न

Nesle_Protest

तीन साल का समझौता, बेहतर वेतन बृद्धि के साथ अन्य सुविधाएँ बढीं

पंतनगर (उत्तराखंड)। आज के कठिन दौर में एक लंबे और एक साल के जुझारू संघर्ष के बाद अंततः नेस्ले इंडिया लिमिटेड, पंतनगर प्लांट में एक महत्वपूर्ण वेतन समझौता संपन्न हो गया जो ₹12800 से लेकर ₹17000 तक के बीच में है। इसके साथ अन्य सुविधाएँ भी बढ़ी हैं। इस समझौते के दौरान नेस्ले की दोनों यूनियनें पूरे संघर्ष में एकजुट रहीं, जिसका उन्हें एक बेहतर परिणाम मिला है।

31 अक्टूबर, 2020 को 72 घंटे लगातार चले द्विपक्षीय वार्ता में नेस्ले प्रबंधन व दोनों यूनियनों के मध्य समझौता संपन्न हुआ।

1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2022 तक के तीन साल के समझौते के तहत वेतन बृद्धि के साथ एक वार्षिक अवकाश, महँगाई भत्ता (डीए), रात्रि पली भत्ता आदि में बृद्धि हुई है। परिवहन में 10 फीसदी का लाभ, श्रमिकों के मेडिकल चेकअप की सुविधा, दीपावली गिफ्ट राशि में बृद्धि हुई है। इसके आलावा जनवरी से पूरे एरियर का भुगतान एकमुश्त होगा।

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एक साल पहले दिया था माँगपत्र

दरअसल मैगी व अन्य उत्पादन करने वाले नेस्ले इंडिया के पंतनगर प्लांट में नए वेतन समझौते की अवधि 31 दिसंबर, 2019 को समाप्त हो गई थी, जिससे पूर्व कंपनी में मौजूद दोनों यूनियने- नेस्ले मज़दूर संघ और नेस्ले कर्मचारी संगठन ने 5 अक्टूबर, 2019 को अपना एक समान माँगपत्र प्रस्तुत किया था।

इसमें दोनों यूनियनों की संयुक्त कमेटी के साथ प्रबंधन की कई दौर की वार्ताएं चली। इस बीच कोविड-19 महामारी एक बहाना बना। प्रबंधन का अड़ियल रुख कायम रहा। लेकिन मज़दूरों ने अपना धैर्य नहीं खोया और अपनी मजबूत एकता बनाए रखी।

मज़दूरों ने चलाया सत्याग्रह आन्दोलन

समझौते में लगातार विलंब के बाद दोनो यूनियनों ने अपने संघर्ष का ऐलान कर दिया। मज़दूरों ने 22 सितम्बर से सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया, जिसके तहत दोनों यूनियनों कि वार्ताकार टीम ने समझौता ना होने तक कंपनी में भोजन त्याग कर दिया। इस बीच मज़दूरों ने काला फीता बांधने से लेकर गेट पर नारेबाजी करने और एक सप्ताह के लिए समस्त श्रमिकों द्वारा भोजन त्याग जैसी गतिविधियों से अपने सत्याग्रह आंदोलन को मजबूत किया।

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श्रम न्यायालय भेजेने की संस्तुति, नहीं डिगे मज़दूर

इस दौरान श्रम विभाग में भी कई दौर की वार्ताएं एलसी और डीएलसी के मध्यस्तता में हुईं। प्रबन्धन की हठधर्मिता से कोई समाधान ना निकलने से उप श्रमायुक्त, ऊधम सिंह नगर द्वारा इस विवाद को श्रम न्यायालय में भेजने की संस्तुति की जा चुकी थी। लेकिन मज़दूरों ने तब भी धैर्य रखा, आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया और हड़ताल करने तक की धमकी भी दी।

ऐसे में कंपनी के हेड ऑफिस से प्रबंधन प्रतिनिधि आए और उनके साथ लंबी मैराथन वार्ता के बाद समझौता संपन्न हुआ।

3 साल के समझौते के तहत लाभ-

नेस्ले मज़दूर संघ के महामंत्री सुरेन्द्र सिंह मेहरा व नेस्ले कर्मचारी संगठन के महामंत्री चन्द्र मोहन लखेडा ने पूरे समझौते की जानकारी दी, जिसके तहत मुख्यतः निम्नलिखित बिंदु हैं-

1- ग्रेड के अनुसार बढ़ोत्तरी

  • नॉन टेक्निकल ग्रेड– Pnc-1 रुपए 5000 व Pnc-2 रुपए 5100 की बृद्धि के साथ में इंसेंटिव राशि का लाभ मिला
  • टेक्निकल ग्रेड– Gt-। रुपए 12800, G-2 रुपए 13500, G-3 रुपए 14200, G-4 रुपए 14900, G-5 रुपए 15600, G-6 रुपए 16300 व G-7 रुपए 17000
  • समझौते के तहत पहले साल 50 फीसदी व बाकी 2 साल 25-25 फीसदी की बृद्धि होगी।
  • समझौते की राशि का पहले साल में 60 फीसदी बेसिक में जायेगा।

2- अन्य सुविधाएं

  • प्रति वर्ष दीवाली उपहार 1200 रुपए से बढ़कर 1800 रुपए हुआ।
  • कजनटेंसिव लिव (बीमारी के दौरान विशेष अवकाश)- 8 श्रमिकों से बढ़ाकर 10 हुआ।
  • एक अतिरिक्त वार्षिक अवकाश की बढ़ोत्तरी हुई है जो 31 दिसंबर को होगा।
  • प्रत्येक ग्रेड में 700 रुपए का अंतर होगा।
  • बस भाड़े में पहले कंपनी व श्रमिकों का 50 फीसदी हिस्सा था, जो अब क्रमशः 60 व 40 फीसदी होगा।
  • वीडीए पहले 2.10 फीसदी था जो 3 पॉइंट बढ़कर तीन वर्षों में क्रमशः 2.20, 2.30 व 2.40 मिलेगा।
  • वर्तमान में महँगाई भत्ता (वीडीए) की राशि का 3000 रुपए बेसिक में समायोजित होगा।
  • रात्रि पाली भता 80 से बढ़ाकर 140 रुपए हुआ है।
  • सभी श्रमिकों का वार्षिक हेल्थ चेकअप होगा।
  • कंपनी में किसी भी नए उत्पाद पर श्रमिकों को 1 यूनिट मिलेगा।

3- एरियर का भुगतान

1 जनवरी, 2020 से लागू समझौते के तहत एरियर का भुगतान पूरा होगा, जिसमें जनवरी-मार्च, 2020 के लिए एक्ससग्रेसिया के रूप में और अप्रैल से वेतन में पूरी बृद्धि के अनुरूप होगा। एरियर की पूरी राशि एकमुश्त मिलेगी।

मज़दूर पक्ष से समझौता वार्ताकार टीम में नेस्ले कर्मचारी संगठन के सोहनलाल सेमवाल, चंद्रमोहन लखेरा, धनवीर सिंह राणा, ऋषि पाल सिंह, सुरेंद्र कुमार व संजय नेगी तथा नेस्ले मज़दूर संघ से राजेंद्र सिंह गोसाई, सुरेंद्र सिंह मेहरा, नीरज भैशोडा, निर्मल पाठक, मुकेश पांडे व अरविंद कुमार शामिल रहे।

दोनों यूनियनों की एकता, लगातर एकताबद्ध संघर्ष के साथ इस जीत पर मज़दूर सहयोग केंद्र ने दोनों यूनियनों और नेस्ले के समस्त मज़दूरों को बधाई दी है।

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