संघर्ष : भगवानपुर एवरेस्ट के मजदूरों ने पाई आंशिक जीत

Evarest_Shramik

समय से वेतन देने और समझौते आदि को लेकर जारी आन्दोलन स्थगित

हरिद्वार (उत्तराखंड)। एवरेस्ट इंडस्टरीज भगवानपुर हरिद्वार में मोर्चा के सुझाव पर समझौता संपन्न हो गया। इसके तहत कार्यबंदी का पैसा ना काटाने, प्रत्येक माह समय पर वेतन भुगतान करने, वेतन वृद्धि पर 3 महीने बाद कोई लिखित तिथि तय करके वेतन वृद्धि आदि पर सहमति बन गई और एसडीएम के समक्ष लिखित समझौते के बाद कम्पनी में कार्य शुरू हो गया।

ज्ञात हो कि एवेरेस्ट प्रबंधन ने मजदूरों का वेतन जून माह में दो किस्तों में देकर मजदूरों को विरोध करने के लिए विवश किया था। तब भी मजदूरों ने 8 घंटे कार्य बंदी कर 2 दिन के लिखित आश्वासन के बाद ही अपनी मांग मनवायी थी। जुलाई माह में पुनः प्रबंधन ने मजदूरों को भड़काने का प्रयास किया।

जून माह में बहुत शानदार उत्पादन होने के बाद भी मजदूरों का वेतन 15 तारीख के बाद देने की बात कही गई जबकि प्रबंधन वर्ग का वेतन 1 तारीख को आ जाता है। इससे मजदूरों में व्यापक रोष उपजा। मजदूरों ने इसका तीखा विरोध किया और प्रबंधन वर्ग से बात करने के बाद भी कोई हल ना देखते हुए पुनः कार्य बंदी कर अपना प्रतिरोध व्यक्त किया।

8 जुलाई से 13 जुलाई तक संपूर्ण कार्य बंदी कर मजदूरों ने कंपनी के अंदर ही रहकर मशीनों पर बैठ कर अपना प्रतिरोध व्यक्त किया।

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अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर- वेतन समय से न मिलने के कारण और जनवरी 2020 से मजदूरों का वेतन वृद्धि समझौता पर कोई वार्ता ना होने के चलते मजदूरों ने प्रबंधन वर्ग से बात करना शुरू किया परंतु प्रबंधन वर्ग के अड़ियल रुख के कारण वार्ता सफल नहीं हो रही थी और मजदूरों ने भी अपनी फौलादी एकता बनाए रखी।

11 जुलाई को एवरेस्ट मजदूरों के समर्थन में संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार द्वारा डीएम हरिद्वार को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया और इसमें कहा गया की यदि तत्काल एवरेस्ट के मजदूरों की दोनों मांगे एवरेस्ट प्रबंधन वर्ग द्वारा पूरी नहीं की जाती है तो हरिद्वार की ट्रेड यूनियनें भी मजदूरों के समर्थन में आन्दोलनातमक कार्रवाई करेंगे।

13 जुलाई को एसडीएम भगवानपुर के समक्ष मजदूर यूनियन एवं प्रबंधन वर्ग की वार्ता हुई और मजदूर यूनियन भी बिना वेतन वृद्धि के कार्य पर वापसी को तैयार नहीं थी।

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इन स्थितियों में हरिद्वार से संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा, जिसके घटक फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी, देव भूमि श्रमिक संगठन हिंदुस्तान युनिलीवर, कर्मचारी संघ सत्यम ऑटो कॉम्पोनेंट्, एवरेस्ट इंडस्ट्रीज मजदूर यूनियन यू एम ऑटो कॉम मजदूर यूनियन एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र हैं, के प्रतिनिधियों द्वारा भगवानपुर जाकर एवरेस्ट की मजदूर यूनियन से बातचीत की गई।

मोर्चा ने सुझाव दिया कि इस बात पर समझौता कर लेना चाहिए कि नो वर्क नो पे के तहत 8 दिन की पेनल्टी व 6 दिन की कार्यबंदी का पैसा ना काटा जाय एवं वेतन वृद्धि पर 3 महीने बाद कोई लिखित दिनांक तय कर ली जाए और वेतन वृद्धि ड्यू डेट से ही लागू हो। इसके अलावा प्रत्येक माह वेतन समय पर दिया जाय। इसमें जो हर माह लगातार परेशानी की जा रही है इसे बंद किया जाए और निश्चित दिनांक तक वेतन दिया जाए।

एवरेस्ट के मजदूर नेताओं ने अपने मैनेजमेंट और एसडीएम के समक्ष उपरोक्त बातें रखी जिस पर सहमति बनी। परंतु 13 जुलाई को मैनेजमेंट हस्ताक्षर करने से मुकर गया और 2 घंटे बाद कॉल करके बताऊंगा कहके चला गया। रात में प्रबंधन ने मजदूर नेताओं को फोन करके सहामति दी और बताया कि कल सुबह एसडीएम कार्यलय में हस्ताक्षर कर देंगे।

 14 जुलाई को प्रातः एसडीएम कार्यालय में एवरेस्ट प्रबंधन द्वारा समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। मजदूरों ने भी  उत्पादन कार्य शुरू कर दिया।

इस तरह इस लॉक डाउन के समय जहां सरकार एवं प्रबंधन मजदूरों के अधिकारों को काटने पर लगे हैं, वही एवरेस्ट के मजदूरों द्वारा शानदार संघर्ष करके प्रबंधन वर्ग को पीछे हटने को विवश किया। और यह  भी चेतावनी दी की यदि 3 महीने बाद वेतन वृद्धि पर सकारात्मक वार्ता नहीं हुई तो मजदूर और ज्यादा ताकत के साथ संघर्ष को उच्च धरातल पर ले जाएंगे और अपनी मांगे मनाने में सफल होंगे।

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