नए साल पर रोडवेज बसों-ट्रक चालकों की हड़ताल, चक्का जाम; नए कानून का विरोध

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नए कानून में सड़क हादसा होने पर आरोपी वाहन चालक को दस साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। कानून वापस होने तक संघर्ष रहेगा जारी।

आगरा। नववर्ष के पहले दिन ही सोमवार को रोडवेज और ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। चालक नए कानून में चालकों के लिए सजा और जुर्माने के प्राविधान का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर आइएसबीटी, ईदगाह, बिजलीघर बस स्टैंड पर रोडवेज बसों को खड़ा कर दिया। इससे वहां पहुंची सवारियों को भटकना पड़ रहा है।

विभिन्न रूट पर जाने वाली बसों के खड़ा होने से सैकड़ों यात्री बस स्टैंडों पर भटकते रहे, पूछताछ केंद्र पर जाकर बसों के संचालन के बारे में पूछते रहे। इधर, देहात में भी व्यवसायिक वाहनों व ट्रक चालकों ने जगह-जगह चक्का जाम कर प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस सुबह से दौड़ती रही।

सरकारी बस चालकों को परिवहन विभाग दबाव डालकर बसें लेकर भेज रहा है। जिससे यात्रियों को परेशानी न हो। लेकिन ड्राइवरों का कहना है कि यदि रास्ते में कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी के लिए वे तैयार नहीं हैं।

इंडियन पीनल कोड (आइपीसी) अब (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं में संशोधन के विरोध में रोडवेज चालकों और व्यवसायिक वाहनों के चालकों सोमवार को हड़ताल कर दी। इससे शहर और देहात के बस अड्डों पर पहुंचे यात्री अपने गंतव्य को जाने के लिए परेशान रहे। किसी को परीक्षा तो किसी को घर पहुंचने की जल्दी थी।

वर्ष के पहले दिन ही अव्यवस्थाओं के चलते यात्री भटकते रहे। आइएसबीटी पर सिर्फ अयोध्या जाने वाली बस को छोड़कर कोई बस नहीं मिली। अयोध्या जाने वाली बस में भी अयोध्या की जगह लखनऊ और कानपुर की सवारियां भर गईं। यही हाल ईदगाह और बिजलीघर बस स्टैंड का रहा।

इधर, सिकंदरा में फरह हाईवे के पास रैपुरा जाट पर ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। इससे न्यू दक्षिणी बाइपास पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। इसके अलावा शमसाबाद में राजाखेड़ा रोड स्थित गढ़ी थाना बाइपास पर, बसई अरेला में गांव स्याहीपुरा के पास आगरा मार्ग पर ताजगंज में दिगनेर में ट्रक चालकों द्वारा चक्का जाम कर प्रदर्शन किया गया।

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