एकजुटता यात्रा : जन तक पहुँच रही है बिजली बिलों में मनमानी लूट की आवाज़

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3 मार्च को विशाल विरोध प्रदर्शन में जयपुर पहुँचने का आह्वान

चुरू (राजस्थान)। बिजली कम्पनियों की मनमानी लूट व राजस्थान सरकार की अनदेखी के खिलाफ एकजुटता यात्रा 25 फरवरी को ट्रेक्टर ट्रॉली से चरू पहुंची। इस दौरान मांगला, कुम्हारों की ढाणी होते हुए उपखंड अधिकारी राजगढ़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा फिर डोकवा रतनपुरा में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में धरने पर पहुंच किसानों से चर्चा की व आंदोलन का समर्थन किया।

उल्लेखनीय है कि बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति पिछले डेढ़ साल से राज्य सरकार व बिजली कंपनियों द्वारा आम उपभोक्ताओं के साथ बिजली बिलों के नाम पर की जा रही लूट के खिलाफ संघर्षरत है। संघर्ष समिति ने पूरे हनुमानगढ़ जिले में बिजली आंदोलन को जनता का आंदोलन बनाया है।

जनआन्दोलन बनाने की ओर अग्रसर एकजुटता यात्रा की शुरुआत 22 फरवरी से बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति ने राजस्थान में की है। यह यात्रा 3 मार्च को राजधानी जयपुर पहुँचेगी और बड़ा प्रदर्शन होगा। यात्रा की शुरुआत नोहार में किसान आंदोलन को समर्थन देने के साथ शुरू हुई।

https://mehnatkash.in/2021/02/22/solidarity-march-against-arbitrary-power-protests-in-jaipur-on-3-march/

संघर्ष समिति के सदस्य सुरेंद्र सोध ने बताया कि सभी गांवों में बिजली बिलों में मनमानी वसूली से ग्रामीण काफी परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 200 रुपये के विद्युत खर्च पर भी 500 से 600 रुपए स्थायी शुल्क आ रहा है। गरीब मजदूरों के घरों में हजारों रुपये के बिल सरासर नाजायज हैं जिसका अलग अलग गांवों के लोगों में काफी गुस्सा है।

विधानसभा में सरकार ने बजट में बिजली बिलों में जनता को कोई रियायत नहीं दी गयी है जिससे स्पष्ट है कि राजस्थान सरकार बिजली कम्पनियों की इस मनमानी लूट में सहभागी है।

संघर्ष समिति ने कहा कि 3 मार्च को जयपुर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 26 फरवरी को एकजुटता यात्रा झुंझुनूं की तरफ कूच करेगी।

संघर्ष समिति ने मांग की है कि कोरोना के चलते बकाया बिजली बिल माफ किये जायें व नाजायज बिलों को भरवाने के लिए आमजन पर कनेक्शन काटने का दबाव नहीं बनाया जाए, स्थायी शुल्क, विद्युत शुल्क व अन्य राशि के रूप में हो रही वसूली तुरंत बंद की जाए, प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाए, घटिया व तेज चलने वाले मीटर तुरंत हटाये जाएं, बिजली सेवा का निजीकरण तुरंत रोका जाए व बिजली अधिनियम 2020 खारिज किया जावे।

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