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यूरोप में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी; कम वेतन व बुरे कामकाजी हालात से स्वास्थ्य कर्मियों में असंतोष

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January 28, 2024
in अभी अभी, राजनीति / समाज, विश्व पटल
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यूरोप में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी; कम वेतन व बुरे कामकाजी हालात से स्वास्थ्य कर्मियों में असंतोष
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यूरोपीयन कमीशन और यूरोपीयन ओबजरवेटरी ऑन हेल्थ सिस्टमस एंड पॉलिसी का मत है कि यदि इसपर गौर नहीं किया गया, तो चिकित्सा और स्वास्थ्य कार्यबल में भारी कमी होगी।

वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 2021 में क्रिश्चियनबोर्ग कैसल स्क्वायर, कोपेनहेगन में नर्सों का विरोध प्रदर्शन का नज़ारा। हाल के सालों में हुई यह हड़ताल, हेल्थ सेक्टर के हालत को लेकर होने वाली विरोध कार्यवाइयों में पूरे यूरोप में हुई कई हड़तालों में से एक थी। (फोटो: डेनिश नर्सेज संगठन के माध्यम से)

यूरोप में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है – यूरोपीयन यूनियन के विभिन्न सदस्यों और निकायों के साथ-साथ स्वास्थ्य शोधकर्ताओं के बीच आज की तारीख में इस पर आम सहमति नज़र आती है। यूरोपीयन कमीशन और यूरोपीयन ओबजरवेटरी ऑन हेल्थ सिस्टमस एंड पॉलिसी दोनों इस बात पर सहमत हैं कि यदि इस मुद्दे को तत्काल संबोधित नहीं किया गया, तो चिकित्सा और स्वास्थ्य कार्यबल में भारी कमी जैसी समस्याएं बढ़ेंगी।

इस विषय का महत्व इतना गहरा है कि बेल्जियम, जो वर्तमान में यूरोपीयन यूनियन की काउंसिल की अध्यक्षता कर रहा है, ने अपनी प्रेसीडेंसी में एक सामान्य यूरोपीयन यूनियन स्वास्थ्य कार्यबल रणनीति विकसित करने की प्राथमिकता पर ज़ोर दिया है।

स्वास्थ्य कार्यबल के विस्तार में मुख्य बाधाओं पर भी आम सहमति बनती दिख रही है। बढ़ती उम्र की आबादी, कौशल का बेमेल होना और स्वास्थ्य कर्मियों का असमान भौगोलिक वितरण सभी पहचानी गई चुनौतियाँ हैं। जो बात आश्चर्यजनक रूप से गायब है या कम से कम जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, वह वेतन सहित उनकी कामकाजी परिस्थितियों को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों का पुराना असंतोष है।

पिछले दो वर्षों में, यूरोपीयन यूनियन और उसके उच्च आय वाले पड़ोसियों ने नर्सों, डॉक्टरों, लैब टेकनीशियनस और अन्य लोगों द्वारा औद्योगिक कार्रवाई की एक बड़ी लहर देखी है, जो सभी उचित वेतन और मान्यता की मांग कर रहे हैं। इन मांगों को यूरोप के एजेंडे में शीर्ष पर प्राथमिकता पर लाने के बजाय रिपोर्टों में इन्हे “टकराव” के रूप में संदर्भित किया गया है।

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है, कि स्वास्थ्य मंत्रालयों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कामकाजी मानकों में सुधार की लगातार उपेक्षा की है जिसके कारण स्वास्थ्य कर्मियों का तीव्र प्रवासन हुआ है। इस अकेले क्षेत्र को देखते हुए, दक्षिण और पूर्वी यूरोप से पश्चिमी और उत्तरी यूरोपीयन यूनियन के सदस्यों की ओर बड़े पैमाने पर प्रतिभा पलायन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, रोमानिया में औसत से अधिक संख्या में नर्सों और चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन जैसे ही उन्हें काम करने की मंजूरी मिलती है, उनमें से अधिकांश विदेश चले जाते हैं और अपने पीछे संघर्षपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली को छोड़ जाते हैं। कई गैर-प्रमुख यूरोपीयन यूनियन के देशों में, चिकित्सकों की औसत आयु 55 वर्ष से अधिक है, जिससे सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचने पर एक गंभीर संकट पैदा हो गया है। 2021 में, चेक गणराज्य में सभी डॉक्टरों में से एक-तिहाई डॉक्टर 55 वर्ष से अधिक उम्र के थे, और स्लोवाकिया में, सामान्य चिकित्सकों की औसत आयु 57 थी।

इसलिए, सूची से गायब एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता यह है कि एक-दूसरे की स्वास्थ्य प्रणालियों के भीतर की कमी को दूर करने के लिए यूरोपीयन यूनियन के सदस्यों के बीच एकजुटता को मजबूत करने की जरूरत है।

इसका वैश्विक परिप्रेक्ष्य और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उच्च आय वाले यूरोपीय देश तेजी से अन्य क्षेत्रों से भर्ती पर भरोसा कर रहे हैं। जबकि सरकारें दावा कर रही हैं कि उनकी अंतर्राष्ट्रीय भर्ती प्रथाएँ “निष्पक्ष और नैतिक” हैं, जैसा कि जर्मन स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लॉटरबैक ने कहा है जबकि व्यावहारिक निहितार्थ अक्सर कुछ ओर इशारा करते नज़र आते हैं।

डच एनजीओ वेमोस में कार्यरत वैश्विक स्वास्थ्य अधिवक्ता कोरिन हिनलोपेन का कहना है कि यूरोपीयन पॉलिसी ऑफिसर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य वर्कर्स की भर्ती के प्रभाव को कम करके आंकते हैं। “आमतौर पर उनका मतलब यह होता है (जब वे कहते हैं कि यूरोपीय देशों की भर्ती का उन देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है जिससे वे आते हैं) कि उनके खुद के देशों में भर्ती कुल वैश्विक स्वास्थ्य कार्यबल आकार की तुलना में न्यूनतम होता है – लेकिन उन्हे ऐसा नहीं लगता है जब आप इस सारे कार्यबल को जोड़ते हैं, तो यह वास्तव में पर्याप्त लगता है।”

यूरोपीयन ऑफिसरों को अक्सर यह कहते हुए उद्धृत किया जाता है और तर्क यह दिया जाता है कि कुछ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या काफी अधिक है, जिसका अर्थ है कि अंतर्राष्ट्रीय भर्ती दोहरी जीत के रूप में आती है: उच्च आय वाले देश को नर्सें उस छोटी लागत पर मिलती हैं जिसकी उन्हें जरूरत होती है और जो उन्हें स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित करती है तथा रोजगार दिलाते है; बदले में निम्न या मध्यम आय वाले देश को विदेशी मुद्रा मिलती है।

लेकिन स्थिति आज उससे कहीं अधिक जटिल है। कई मामलों में, निम्न और मध्यम आय वाले देशों को एक साथ स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है और बजट की कमी और कर्ज़ की शर्तों के कारण अच्छी कामकाजी स्थिति और बेहतर वेतन देने में असमर्थ हो रहे हैं।

हिनलोपेन कहते हैं कि, “निम्न और मध्यम-आय वाले देश कहेंगे कि वे अपने स्वास्थ्य कार्यबल में भी निवेश कर रहे हैं – जिससे उनका आम तौर पर मतलब होता है: प्रशिक्षण और शिक्षा में निवेश, न कि बेहतरीन कामकाजी परिस्थितियों और वेतन में निवेश, इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विदेश में काम ढूंढना उनके भविष्य के लिए आज भी बड़ी बात है।”

क्या यूरोप के पास दूसरों को और अधिक नुकसान पहुंचाए बिना अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को बदलने और कर्मचारियों को नियुक्त करने का कोई तरीका है? हिनलोपेन के अनुसार, हाँ है। पहला कदम, यह स्वीकार करना होगा कि स्वास्थ्य कार्यबल की कमी यूरोपीयन यूनियन के सदस्य देशों के बीच एक साझा चुनौती है, और यह वह एक चुनौती है जिस पर यूरोपीयन यूनियन कार्रवाई कर सकता है।

हिनलोपेन कहते हैं, “हमें संकटग्रस्त स्वास्थ्य प्रणालियों में कुशल स्वास्थ्य कार्यबल के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा से आगे बढ़कर अपने स्वास्थ्य और देखभाल कर्मियों के लिए काम करने की स्थिति बनाने के लिए एक संयुक्त प्रयास की ओर बढ़ने की जरूरत है, जो उन्हें यूरोप में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।” ये उन सिफ़ारिशों के आधार पर हैं जिन्हे गठबंधन पिलर्स ऑफ़ हेल्थ द्वारा जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।

बेशक, चाल यह है कि इस तरह की सिफारिश केवल तभी लागू की जा सकती है जब मौजूदा तंत्र सहित स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अधिक संसाधन आवंटित करने के लिए ईयू स्तर पर निर्णय हो। हिनलोपेन के अनुसार, “बात यह है कि ये निवेश इतने गैर-प्रतिबद्धता वाले नहीं होने चाहिए।”

इसके बजाय, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश अनिवार्य होना चाहिए, जिससे सरकारें लोगों के स्वास्थ्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने को बाध्य हों।

पीपुल्स हेल्थ डिस्पैच, पीपुल्स हेल्थ मूवमेंट  पीपुल्स डिस्पैच द्वारा प्रकाशित एक पाक्षिक बुलेटिन है।

न्यूजक्लिक से साभार

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