प्रशासन द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित शहीद उधम सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण से रोकने पर आक्रोशित मज़दूरों ने कलेक्ट्रेट गेट पर ही मनाया शहीद उधम सिंह का शहादत दिवस।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कलेक्ट्रेट परिसर स्थित शहीद उधम सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण कर शहादत दिवस न मनाने देने के जिला प्रशासन के फैसले से आहत व आक्रोशित मजदूर यूनियनों व जन संगठनों ने कलेक्ट्रेट गेट पर ही शहीद उधम सिंह का शहादत दिवस मनाया।
पूर्व में दी गई सूचना के अनुसार श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधमसिंह नगर के बैनर तले विभिन्न मजदूर यूनियनों एवं मजदूर व सामाजिक संगठनों के साथी शहीद उधमसिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर रुद्रपुर में स्थापित शहीद उधमसिंह की मूर्ति पर माल्यापर्ण करने को कलेक्ट्रेट गेट पर उपस्थित हुए किन्तु जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस द्वारा उन्हें गेट पर रोक दिया।
इसके पश्चात पुलिस ने पहले यह शर्त लगाई गई कि लाउडस्पीकर बन्द कर माल्यार्पण करने पर प्रशासन को कोई दिक्कत नहीं है। मजदूर पुलिस के इस प्रस्ताव से सहमत हो गए और माल्यार्पण करने को जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें अचानक फिर से रोक दिया और जिला प्रशासन के हवाले से उधमसिंह की मूर्ति पर माल्यापर्ण नहीं करने दिया और कलेक्ट्रेट का गेट अचानक बंद कर दिया।
पुलिस द्वारा कलेक्ट्रेट गेट पर ही रोके जाने से नाराज व आक्रोशित मजदूर संगठन के लोगों ने गेट पर ही उधम सिंह की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उन्हें याद किया और कहा कि प्रशासन ने ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय पर स्थित शहीद ऊधम सिंह की मूर्ति पर माल्यापर्ण करने से रोकने का शर्मनाक कृत्य एवं अक्षम्य अपराध किया है।
इस दौरान आक्रोशित वक्ताओं ने कहा कि शहीद उधम सिंह आजादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारी योद्धा थे। उन्होंने देश की जनता को अंग्रेजों से आजाद कराने और आजादी के लिए आंदोलन करने वाले भारतीयों का कत्ल करवाने वाले अंग्रेज अफसर लंदन में जाकर मारने के बाद अपनी शहादत दी।
तमाम क्रांतिकारियों की शहादत की बदौलत मिली आजादी को इस देश में बैठी पूँजीपतियों की सरकार खत्म कर देना चाहती है। लेकिन उधम सिंह के नाम से ही बने इस जिले का जिला प्रशासन व इस प्रदेश की सरकार भी हम पर अंग्रेजों जैसा रवैया अपना रही है। हमें उधम सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण तक नहीं करने दे रही है। शासन प्रशासन चाहता है कि शहीद उधम सिंह के विचारों पर कोई ना चले।
वक्ताओ ने कहा कि हम जो शहीद उधम सिंह के विचारों पर चलना चाहते हैं और इस देश में मजदूर किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं ऐसे जन संगठनों व मज़दूर यूनियनों को जिला प्रशासन कलेक्ट्रेट गेट के परिसर में भी घुसने नहीं देना चाहता। ऐसा लगता है कि काले अंग्रेजों का राज आ गया है।
वक्ताओं ने कहा कि देश का मजदूर, किसान व मेहनतकश जनता को सरकारों ने पूजीपतियों का गुलाम बना दिया है। चारों ओर मजदूरों का बेतहाशा शोषण हो रहा है, मजदूर अपना पेट काटकर जैसे तैसे जी रहा है। किसान आत्महत्या करने की कगार पर है। ऐसे में शहीद उधम सिंह हमें दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम में श्रमिक संयुक्त मोर्चा, ऊधम सिंह नगर के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के शिवदेव सिंह व मदन पांडे, इंकलाबी मज़दूर केंद्र के केन्द्रीय कोशाध्यक्ष सुरेंद्र रावत, कैलाश भट्ट, मज़दूर सहयोग केंद्र के महासचिव धीरज जोशी, भाकपा माले के जिला प्रभारी ललित मटियाली, इंट्रार्क मज़दूर संगठन उधम सिंह नगर के सौरभ पटेल, व इंट्रार्क मज़दूर संगठन किच्छा से हृदेश कुमार, पीडीपीएल (समाज ऑटो) मज़दूर संगठन से प्रकाश चिलवाल, थाई सुमित निल आटो कामगार यूनियन, आटोलाइन इम्प्लाइज यूनियन से महामंत्री प्रकाश मेहरा, रानेमद्रास इम्प्लाइज यूनियन, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ के सुरेन्द्र सिंह, सीएनजी आटो यूनियन के अध्यक्ष व समाज सेवी सुब्रत विस्वास, आम आदमी पार्टी की नगर अध्यक्ष किरण पांडे विस्वास, बजाज मोटर कामगार यूनियन से महामंत्री हीरालाल आदि शामिल रहे।