रुद्रपुर: जिला प्रशासन ने मज़दूरों को शहीद उधम सिंह के स्मारक पर माल्यार्पण करने से रोका

पूर्व सूचना के बावजूद जिला मुख्यालय स्थित उधम सिंह स्मारक के गेट बंद कर दिए गए। विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर ही मजदूरों ने सभा की और साथ लाए फ़ोटो पर माल्यार्पण किया।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। 31 जुलाई को शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस पर सिड़कुल पंतनगर स्थित इन्टरार्क मज़दूरों के धरण स्थल पर शहादत दिवस कार्यक्रम हुआ। सिडकुल पारले चौक में 11:00 बजे से 3:00 बजे तक सभा कर जिला मुख्यालय कलक्ट्रेट तक जुलूस निकाल कर शहीद उधम सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण का कार्यक्रम तय था।
ज्ञात हो कि मजदूरों ने 26 जुलाई 2022 को ही अपने तय कार्यक्रम की सूचना जिला प्रशासन को दे दी थी। इसके बावजूद जिला मुख्यालय पहुंचे मजदूर संगठनों, सामाजिक संगठनों के लिए उधम सिंह स्मारक के गेट बंद कर दिए गए। जिला प्रशासन द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर ही मजदूरों ने सभा की। और मजदूरों ने उधम सिंह के फोटो फ्रेम; जो वह खुद लाए थे; पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किए।
प्रशासन ने कलेक्ट्रेट परिसर के भीतर सिर्फ 5 लोगों को ही ऊधमसिंह जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने की अनुमति दी थी। इस वजह से इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर साथी दलजीत सिंह, सुब्रत कुमार विश्वास, विरेंद्र कुमार, भारतीय किसान यूनियन के बलजिंदर सिंह मान, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी जोशी ने कलेक्ट्रेट परिसर में जाकर ऊधमसिंह जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
इससे पूर्व जिला प्रशासन का यह व्यवहार जलियांवाला बाग नरसंहार का आदेश देने वाले जनरल ओ’ड्वायर सरीखा ही है। जिस नरसंहार का बदला लेने के लिए ही शहीद उधम सिंह ने अपनी शहादत दी थी।
यह उल्लेखनीय है कि शहीद उधम सिंह के नाम पर ही इस जिले का नाम उधम सिंह नगर है, और जिला मुख्यालय पर ही उनकी प्रतिमा स्थापित है।
इस घटना पर मज़दूरों और जिम्मेदार नागरिकों में भारी आक्रोश है। वक्ताओं ने कहा कि अमृत काल में अमृत महोत्सव की बात मजदूरों मेहनतकश जनता के खिलाफ है। यदि अपने क्रांतिकारी शहीदों को भी मजदूर याद नहीं कर सकते हैं, उनके स्मारक पर माल्यार्पण नहीं कर सकते हैं तो इसका यही संदेश है कि अमृत महोत्सव काल मजदूरों-मेहनतकशों के लिए नहीं है।
इन्टरार्क धरनास्थल पर हुई सभा
इससे पूर्व इन्टरार्क के आंदोलनरत मजदूरों की सभा में भारतीय किसान यूनियन के उत्तराखंड उत्तर प्रदेश प्रभारी बलजिंदर सिंह मान एवं इंकलाबी मजदूर के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश भट्ट ने शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इंकलाबी मजदूर केंद्र के कैलाश भट्ट ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को अपनी आंखों से देखा था और अंततः लंदन में जनरल ओ डायर को गोली मारकर इस नृशंस हत्याकांड का बदला लिया था। उधमसिंह शहीदे आजम भगत सिंह को अपना आदर्श मानते थे। भगत सिंह का मानना था कि हमें ना सिर्फ ब्रिटिश साम्राज्यवादियों को अपने देश से खदेड़ना होगा अपितु देशी शासकों-जमीदारों और पूंजिपतियों की सत्ता का भी अंत करना होगा तभी देश के मजदूरों और किसानों को असली आजादी मिलेगी।
प्रगतिशील भोजन माता संगठन की पुष्पा कूड़ई ने कहा कि पूंजीपती मजदूरों का भयंकर शोषण कर रहे हैं और सरकार पूंजीपतियों के साथ खड़ी है।हमें सरकार और पूंजीपतियों को सबक सिखाना होगा।

रिचा श्रमिक संगठन काशीपुर के महामंत्री सुरेश ने कहा कि आज फैक्ट्रियों में श्रम कानूनों का पालन नहीं हो रहा है। और अब तो मोदी सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में चार नए लेबर कोर्ट लेकर आई है। जिनमें मजदूरों को जब चाहे तब निकालने का अधिकार दे दिया गया है। लेकिन मजदूर इस जुल्म को बर्दाश्त नहीं करेंगे और इन लेबर कोड्स के विरूद्ध संघर्ष करेंगे।
इन्टरार्क मजदूर संगठन के महामंत्री श्री सौरभ कुमार ने कहा कि इन्टरार्क के मजदूर पिछले एक साल से अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।लेकिन अन्यायी सरकार उन पूंजीपतियों के पक्ष में खड़ी है और मजदूरों की सुनवाई नहीं हो रही है, लेकिन इन्टरार्क के मजदूर पीछे नहीं हटेंगे।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की महासचिव रजनी ने कहा की शहीद उधम सिंह फिरकापरस्ती के घोर विरोधी थे। इसलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था, जो तीन प्रमुख धर्मो हिंदू-मुस्लिम-सिख की एकता का प्रतीक है। आज देश में जारी सांप्रदायिक-फासीवादी राजनीति को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए उधम सिंह से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
सभा को ठेका मजदूर कल्याण समिति के अभिलाष सिंह, क्रांतिकारी किसान मंच के आनंद पांडेय, ऐरा श्रमिक संगठन के भरत जोशी, यजाकी वर्कर यूनियन के रविन्दर सिंह, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के लक्ष्मण सिंह, हृदेश, नगीना कालोनी बचाओ संघर्ष समिति लाल कुआं के अंचल कुमार, बस्ती बचाओ संघर्ष समिति बनभूलपुरा हल्द्वानी के नसीम, बंगाली एकता मंच के सुब्रत कुमार विश्वास, परिवर्तन कामी छात्र संगठन के चंदन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के राजेश तिवारी,मजदूर सहयोग केंद्र के दीपक सनवाल, हरेन्द्र सिंह इत्यादि ने भी सभा को संबोधित किया।
सभा में एक स्वर में इन्टरार्क पंतनगर की तालाबंदी खुलने के बाद जारी मजदूरों के उत्पीड़न की कार्यवाही, यूनियन के अध्यक्ष व महामंत्री समेत अधिकांश कार्यकारिणी सदस्यों के निलंबन की घोर निंदा की गई और आंदोलन को व्यापक बनाने का संकल्प लिया गया।