निजीकरण, श्रम सुधार व कृषि नीतियों का किया विरोध
कुरुक्षेत्र, (हरियाणा)। सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के रोषस्वरूप 26 नवंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है। संघ ने कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें कर्मचारी विरोधी हैं।
संघ की ओर से मंगलवार को स्थानीय कैलाश नगर के ओपी ग्रेवाल संस्थान में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला प्रधान मान सिंह ने कहा कि सरकार ने एयरलाइंस, रेलवे, बीमा, डाक व बिजली जैसे महत्वपूर्ण महकमों के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा लिया है।
श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी बदलाव किया जा रहा है। किसानों और जनता के विरोध के बावजूद तीन कृषि कानून लागू कर दिए हैं। इससे देश की जनता में सरकार के खिलाफ रोष है। इसी रोष स्वरूप सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने भी 26 नवंबर की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया है।
केयू पेंशनर एसोसिएशन के प्रधान दीनानाथ शर्मा ने सातवें वेतन आयोग के बकाया ना देने व जनवरी 2018 के पेंशन संशोधित पत्र को लागू न करने पर चिता जाहिर की है।
उन्होंने कर्मचारियों के डीए रोकने, कैशलेस मेडिकल सुविधा सभी बीमारियों पर लागू न करने तथा कंप्यूटेशन पर अधिक ब्याज लेने का विरोध जताया। कहा कि उन्होंने तीन दिसंबर को कुलपति को ज्ञापन सौंपने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि वह भी अन्य संगठनों के साथ राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे।
इस मौके पर श्रीकृष्ण शर्मा, गुरुदेव सिंह लाडवा, फकीरचंद, मामचंद शास्त्री, राज्य ऑडिटर महावीर दहिया ने भी संबोधित किया।
बैठक में राजेंद्र सिंह, रामगोपाल शर्मा, हवा सिंह, हरपाल सिंह, आरएस भोरिया, ओमप्रकाश, जितेंद्र बंसल, यशपाल, जरनैल सिंह व कंवरपाल मौजूद रहे।