पिछले साल जून महीने में महंगाई दर 3.18 प्रतिशत थी
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा कोरोना वायरस महामारी के कारण पाबंदियों की वजह से सीमित संख्या में बाजारों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित है। बयान के अनुसार हालांकि जो आंकड़े लिये गये हैं, राज्य स्तर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का अनुमान सृजित करने के लिये पर्याप्तता मानदंड को पूरा नहीं करते। सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ के कारण अप्रैल और मई का पूरा सीपीआई आंकड़ा जारी नहीं किया है
बता दें कि जून 2019 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 3.18 प्रतिशत थी। सरकार ने देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में अप्रैल और मई के लिए छोड़े गए सीपीआई डाटा को जारी किया था। मई माह के दौरान खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 1.13 फीसदी रही थी। इससे एक महीना पहले अप्रैल में यह 2.55 फीसदी थी।
जनसत्ता से साभार