खुदरा महंगाई 15 महीनों में सर्वाधिक; खाने-पीने का सामान 11.51 प्रतिशत तक महंगा

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जुलाई में खुदरा महँगाई दर रिकार्ड 7.44 प्रतिशत पर। सब्जियां 37.34 प्रतिशत, मसले 21.63 प्रतिशत तो दालों और अनाज की खुदरा महंगाई 13 प्रतिशत से ऊपर रही है।

खुदरा महंगाई 15 महीनों में सर्वाधिक, RBI की अधिकतम सीमा को छोड़ा पीछे; खाने-पीने का सामान कई गुना महँगा

जुलाई में खुदरा महँगाई दर रिकार्ड 7.44 प्रतिशत पर। सब्जियां 37.34 प्रतिशत, मसले 21.63 प्रतिशत तो दालों और अनाज की खुदरा महंगाई 13 प्रतिशत से ऊपर रही है।

भाजपा-आरएसएस अपनी विभाजनकारी नीति से जनता को दंगा-हिंसा में उलझा रखी है और इधर महंगाई ने आम जनता का जीना भी मुहाल कर दिया है। जुलाई के महीने में महंगाई दर ने एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की अधिकतम सीमा को पीछे छोड़ दिया है और ये 7% से भी ऊपर चली गई है।

कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर बेस्ड आंकड़ों के आधार पर सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने रिटेल इंफ्लेशन का ताजा डेटा जारी कर दिया है।

जुलाई में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 7.44 प्रतिशत रही है। ये बीते 15 महीनों में महंगाई का सबसे ऊंचा लेवल है। जबकि आरबीआई की 6 प्रतिशत की सीमा से ये 1.44 प्रतिशत अधिक है। नए अपडेटेड आंकड़ों के हिसाब से जून में फाइनल तौर पर रिटेल महंगाई दर 4.87 प्रतिशत थी। वहीं जुलाई 2022 में ये 6.71 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई की गड़ना में सबसे अहम होता है ‘कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स’, ये खाने-पीने की चीजों में बढ़ने वाली महंगाई दिखाता है। इसके हिसाब से जुलाई में ‘फूड इंफ्लेशन रेट’ 11.51 प्रतिशत रहा है। यानी खाने-पीने का सामान 11.51 प्रतिशत तक महंगा हुआ है।

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