रामनगर: कार्बेट पार्क में दमन घोर निंदनीय, जानवरों से रक्षा का संघर्ष होगा तेज -संयुक्त संघर्ष समिति

31 दिसंबर के संघर्ष ने जनता के बीच में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। आगामी रणनीति को लेकर 5 जनवरी को ग्राम कानिया में बैठक आयोजित होगी। -संयुक्त संघर्ष समिति
रामनगर, नैनीताल। संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार द्वारा किए गए आंदोलन के दमन तथा आगामी रणनीति को लेकर 1 जनवरी को रामनगर के व्यापार मंडल भवन में पत्रकार वार्ता आयोजित की और विगत 31 दिसंबर को कॉर्बेट पार्क के ढेला-झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही ठप करने को लेकर दिए जा रहे धरने के बर्बर दमन व गिरफ्तारियों की गयीं तथा महिलाओं व आंदोलनकारियों को सड़कों पर घसीटे जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है।
यह प्रदर्शन जंगली जानवरों से इंसानों, फसलों मवेशियों को सुरक्षा देने तथा जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा तथा जंगली जानवरों के हमले में घायल के संपूर्ण इलाज की गारंटी व 10 लाख रुपए मुआवजा दिए जाने आदि मांगों को लेकर हुई थी।
संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा धारा 144 लगाने तथा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करने के बावजूद भी सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने बहादुरी के साथ दमन का सामना किया जिसके लिए क्षेत्र की जनता बधाई की पात्र है।
उत्तराखंड में जंगली जानवरों- टाइगर, तेंदुए, हाथी,जंगली सूअर व बंदरों का आतंक चरम पर है। यहां के लोग जंगली जानवरों के हमले में रोज मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं परंतु उत्तराखंड का मुख्यमंत्री जनता की सुरक्षा की चिंता करने की जगह नीरो की तरह बंसी बजा रहा है।
संघर्ष समिति की मांग है कि टाइगर, तेंदुआ, जंगली सूअर आदि जानवरों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1973 की संरक्षित अनुसूची एक से बाहर किया जाए तथा आबादी में घुसकर इंसानों की जान लेने वाले जंगली जानवरों को मारने का अधिकार प्रभावित जनता को दिया जाए।
वर्ष 2006 में मुख्य सचिव की संयुक्त संघर्ष समिति के साथ लिखित समझौता हुआ था कि जंगली जानवरों के हमले में घायल का समूचा इलाज सरकार की व्याधि निधि से कराया जाएगा।
इसके बावजूद भी अभी तक टाइगर के हमले में विगत 2 नवंबर को घायल अंकित के इलाज का खर्चा सरकार देने के लिए तैयार नहीं है जबकि उसे इलाज के खर्चे में 20 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। सरकार में अब तक मात्र ₹50 हजार ही दिए हैं जबकि सरकार के मंत्रियों और लाल बत्ती धारी नेताओं का खर्चा ही लाखों रुपए रोज का है।
सरकार के मंत्री व अधिकारी बीमार होने पर मेदांता जैसे प्राइवेट 5 स्टार अस्पतालों में इलाज कराते हैं और जनता को सरकारी अस्पतालों में भी अब इलाज नहीं मिल रहा है।
समिति ने ग्राम पटरानी से ढेला स्कूल आने वाले बच्चों के लिए बस लगाने की मांग भी की है।
31 दिसंबर के संघर्ष ने जनता के बीच में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। आगामी रणनीति को लेकर 5 जनवरी को ग्राम कानिया में बैठक का आयोजन किया गया है।
समिति ने जनता की आवाज को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सभी पत्रकार साथियों का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।
पत्रकार वार्ता में ललिता रावत, महेश जोशी, सोवन तड़ियाल, ललित पांडे, प्रभात ध्यानी, संजय मेहता, रोहित रुहेला, मनमोहन अग्रवाल, बसंत कुमार, रमेश कुमार, तुलसी आदि उपस्थित रहे।