वित्त मंत्री की कमेटी व सरकार की धमकियों को नकार कर्मचारी पुरानी पेंशन आंदोलन करेंगे तेज

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नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन ने कहा, हम एनपीएस में सुधार के लिए किसी भी समिति के गठन को अस्वीकार करते हैं। एक ही मांग, एनपीएस की समाप्ति और पुरानी पेंशन योजना की बहाली।

पुरानी पेंशन के मुद्दे पर केंद्रीय कर्मचारी संगठन, संघर्ष के मूड में हैं। गत सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा पर कर्मियों को भरोसा नहीं है। यह कमेटी एनपीएस में सुधार के लिए गठित की गई है। कमेटी यह भी पता लगाएगी कि केंद्रीय कर्मचारी, एनपीएस के साथ खुश हैं या नहीं।

ओपीएस बहाली के लिए गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की संचालन समिति के सदस्य सी. श्रीकुमार ने कहा, हम एनपीएस में सुधार के लिए किसी भी समिति के गठन को अस्वीकार करते हैं। किसी भी कर्मचारी संगठन ने एनपीएस में सुधार की मांग नहीं की है। केंद्र या राज्य, सभी कर्मचारी संगठन ‘ओपीएस’ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कर्मियों की एक ही मांग है, एनपीएस की समाप्ति और पुरानी पेंशन योजना की बहाली। अतीत में भी ऐसी कमेटियां गठित होती रही हैं। जब सरकार जानती है कि कर्मियों द्वारा हर महीने अपने वेतन का एनपीएस में 10 फीसदी योगदान देने के बावजूद उन्हें कुछ नहीं मिल रहा। कोई व्यक्ति महज दो चार हजार रुपये की मासिक पेंशन में कैसे गुजारा कर सकता है। ‘एनपीएस’ को किसी भी तरह से ‘ओपीएस’ के समकक्ष या उसके करीब भी नहीं माना जा सकता। आने वाले दिनों में एनपीएस के खिलाफ आंदोलन तेज होगा।

अमर उजाला से साभार

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