उल्लेखनीय है कि 12 अक्टूबर को भी बगैर किसी पूर्व सूचना के वन गूजर समुदाय के लगभग 86 परिवारों की बिजली काटे जाने के खिलाफ प्रदर्शन के बाद बिजली बहाल हुई थी।
रामनगर (नैनीताल)। विद्युत निगम रामनगर द्वारा आमपोखरा रेंज में निवास कर रहे वन गूजरों के 15 दिनों के भीतर दोबारा विद्युत कनेक्शन काटे जाने के मामले को लेकर वन गूजरों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य अभियंता विद्युत निगम हल्द्वानी तथा वन संरक्षक से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
बिजली काटना वनाधिकार कानून 2006 का उल्लंघन
प्रतिनिधि मंडल ने प्रभागीय वन अधिकारी तराई पश्चिमी रामनगर तथा विद्युत निगम रामनगर के अधिकारियों पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 व 15 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि तराई पश्चिमी डिवीजन की आम पोखरा रेंज में हजारों परिवारों को केंद्र सरकार की दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन आवंटित किए गए हैं परंतु वन गूजरों को ही विद्युत काटने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वन गूजरों के वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग के समक्ष दावे भी विचाराधीन हैं। वनाधिकार कानून में कहा गया है कि जब तक दावों का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक किसी भी वनवासी को वन भूमि से हटाया नहीं जा सकता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2019 में वनवासियों को वन भूमि से हटाए जाने पर रोक लगाई हुई है।
अतः वन गूजरों के बिजली के कनेक्शन नहीं काटे जाने चाहिए। क्योंकि कनेक्शन काटे जाने की कार्रवाई उन्हें बेदखल किए जाने की कार्रवाई का ही एक हिस्सा है।
86 परिवारों का कटा कनेक्शन संघर्ष से जुड़ा था
उल्लेखनीय है कि 12 अक्टूबर को बगैर किसी पूर्व सूचना व बगैर किसी कारण के कुम्भगडार, तुमड़िया खत्ता, नत्थावली खत्ता, नई बस्ती 16 नम्बर आदि क्षेत्रों में निवास कर रहे वन गूजर समुदाय के लगभग 86 परिवारों की बिजली काटे जाने के खिलाफ वन गूजरों ने विद्युत निगम के एसडीओ का घेराव कर तत्काल विद्युत कनैक्शन जोड़ने की मांग की थी।
इससे आक्रोशित वन गूजरों ने विगत 13 अक्टूबर को रामनगर में विद्युत निगम के अधिकारियों का घेराव कर 15 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन व आंदोलन की चेतावनी दी थी। विद्युत निगम के अधिकारियों से कई दौर की वार्ता के बाद अंततः वन गूजरों की बिजली बहाल कर दी गई थी।

प्रतिनिधि मण्डल को दिया आश्वासन
वन संरक्षण अधिकारी दीप चंद्र आर्य तथा मुख्य अभियंता हल्द्वानी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि किसी के साथ भी भेदभाव व अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद शफी, गुलाम रसूल, मोहम्मद फरीद, मोहम्मद आलम,नूर आलम के साथ वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी, किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उपरेती वह समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार आदि शामिल थे।