रेलकर्मियों की आंदोलन तैयारी

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निजीकरण के मुद्दे पर हो विचार

बीना. रेलवे के निजीकरण के मुद्दे को लेकर डब्ल्यूसीआरइयू सहित कई गैर रेलवे श्रमिक, व्यापारी और सामाजिक संगठन मिलकर आंदोलन करेंगे। ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के आह्वान पर वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन 14 से 19 सितंबर तक समाज के सभी वर्गों को रेलवे के निजीकरण से होने वाले विपरीत प्रभावों के बारे में जागरूक कर जन आंदोलन के लिए प्रेरित करेंगे। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा। यूनियन महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि रेलवे को भारत की जीवन रेखा माना जाता है। जब जीवन रेखा ही बिक जाएगी तब आम लोगों का क्या होगा। रेलवे से रेलकर्मियों के अलावा अन्य कोरोड़ों लोग रोजगार पाते हैं।

इसलिए रेलवे के निजीकरण का विरोध करना हर नागरिक के लिए जरूरी है। मंडल यूथ सचिव रवि राय ने बताया कि रेलवे ने 109 रूट पर करीब 151 ट्रेनों के परिचालन को निजी हाथों में देने का फैसला किया है। इसके साथ ही 50 स्टेशनों को भी निजी हाथों में देने की प्रक्रिया चल रही है। रेलवे ने 100 प्रतिशत एफडीआइ का ऐलान करते हुए विभिन्न उत्पादक इकाइयों को भी निजी हाथों में देने जा रही है। वर्षों से आम जनता टैक्स व रेल मजदूरों की मेहनत से पूरे देश में रेलवे की आधारभूत ढांचा तैयार किया है।

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