पंजाब: खेतिहर मजदूरों की संगरूर में सरकार के खिलाफ चेतावनी रैली

पंचायत या किसी व्यक्ति को मजदूरी दर पर ऊपरी सीमा लगाने का अधिकार नहीं है और इसीलिए मजदूरी नियोक्ता और मजदूर के आपसी समझौते से निर्धारित होना चाहिए। -संयुक्त मोर्चा
संगरूर। पंजाब सरकार की मुंहजबानी आश्वासन पर कम भरोसा जताते हुए मजदूर यूनियनो के सांझा मोर्चा ने संगरूर अनाज मंडी में गुरुवार को ‘चेतावनी रैली’ निकाली।
हालांकि रैली पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर तक निकाले जानी वाली थी लेकिन प्लान बदल कर रैली अनाज मंडी में की गई। रैली के दौरान भूमिहीन दलितों के लिए आरक्षित एक-तिहाई पंचायती जमीन की डमी नीलामी के खिलाफ आवाज बुलंद की गई।
मंगलवार की तरह मजदूर यूनियनो की मुख्यमंत्री के साथ बुधवार को भी मीटिंग थी जिसमें मान की जगह पर राजस्व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल आए थे। रैली में पंचायत द्वारा अवैधानिक रूप से मजदूरी दर निर्धारित करने के विरोध में बात उठाई गई।
पंजाब खेत मजदूर यूनियन (PKMU), जमीन प्राप्ति संघर्ष कमिटी (ZPSC), पंजाब मजदूर यूनियन और क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के संयुक्त मोर्चे के इस प्रदर्शन में मौजूद सूत्रों के मुताबिक लगभग दस हजार से भी ज्यादा लोग रैली में शामिल हुए।
यूनियन लीडरों ने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि दलितों को मिलने वाली पंचायती जमीन की डमी नीलामी की जांच के लिए सात-सदस्यीय टीम का गठन किया जाएगा और दलितों को कम दाम पर जमीन दिए जाएंगे।
लेकिन PKMU के अनुसार अभी भी 22 गांवों में डमी नीलामी के विरोध में रद्द हुए चुनाव अभी तक नहीं कराए गए हैं।
यूनियनो का कहना है कि पंचायत या किसी व्यक्ति को मजदूरी दर पर ऊपरी सीमा लगाने का अधिकार नहीं है और इसीलिए मजदूरी नियोक्ता और मजदूर के आपसी समझौते से निर्धारित होना चाहिए।
जो भी मनमाने ढंग से मजदूरी तय करने की कोशिश करे, उसके खिलाफ ST/SC (Prevention of Atrocities) Act, 1989 के तहत कार्यवाही की जाने की मांग की गई है।
धान रोपाई की मजदूरी दर 6000 रुपए प्रति एकड़ करने के साथ साथ 16 और मांगों के लिए भी यूनियनें सरकार पर दबाव बना रही हैं।
धूरी में CM कार्यालय के बाहर एक और धरना
इस बीच, Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक 2 जून से धुरी में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर एक और धरना चल रहा है। चूंकि धूरी पंजाब के CM भगवंत मान का निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए धूरी में किराए के आवास में मुख्यमंत्री के उप-कार्यालय की व्यवस्था की गई है।
यहां के किसान धूरी की एक निजी चीनी मिल के गन्ना फसल के बकाया भुगतान को लेकर विरोध कर रहे हैं। किसान अवतार सिंह के मुताबिक, किसानों का करीब 14 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें से करीब 1.79 करोड़ रुपये सरकारी हिस्से का है। यह पैसा तीन साल से अधिक समय से बकाया है।
रिपोर्ट के अनुसार संगरूर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धुरी में इस CM कार्यालय की छत पर तीन किसान भी बैठे हैं।
किसान 10 जून को महा धरना प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
वर्कर्स यूनिटी से साभार