कोरोना के बहाने शिक्षण संस्थान बंद करने के खिलाफ़ पंजाब में रोष प्रदर्शन

शिक्षण संसाथनों की बंदी छात्रों को मानसिक तौर पर बना रहा है अपाहिज
9 छात्र संगठनों के संयुक्त मोर्चे के आह्वान पर पूरे पंजाब में डी.सी. कार्यलयों पर कोरोना ड्रामे और पाबंदियों के खिलाफ जोरदार रोष प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शन के दौरान संगठनों ने कहा कि अगर सरकार शिक्षण संस्थाएँ बंद रखने की तारीख को 31 मार्च से आगे बढ़ाती है तो संघर्ष और तीखा किया जाएगा।
30 मार्च को हुए प्रदर्शनों की जानकारी देते हुए पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार) के नेता गुरप्रीत ने बताया कि उनके संगठन ने अन्य संगठनों के साथ मिलकर पटियाला, बरनाला, संगरूर, अमृतसर, चंडीगढ़ में रोष-प्रदर्शनों में भागीदारी की है। अन्य जिलों में भी रोष प्रदर्शन हुए हैं।
डी.सी. कार्यालयों पर सौंपे गए माँग पत्र में कोरोना के बहाने बंद की गई शिक्षण संस्थाओं को तुरंत खोलने की माँग की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कोरोना के बहाने शिक्षण संस्थाएँ बंद करना, नई शिक्षा नीति में शामिल ऑनलाइन पढ़ाई को अमल में लाना साफ़ करता है कि पंजाब सरकार शिक्षण संस्थाओं को ताला लगाकर ऑनलाइन पढ़ाई लागू करने की कवायद में केंद्र सरकार से भी ज्यादा तेज़ी से जुटी हुई है।
यह जहाँ छात्रों को क्लास रूम की पढ़ाई से दूर करके अध्यापक और छात्रों को अपने सहपाठियों के बीच बनने वाले संबंधों से दूर करेगा, साथ ही छात्रों के मानसिक तौर पर अपाहिज करेगा जो सहन नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार शिक्षण संस्थाएँ बंद रखने की तारीख को 31 मार्च से आगे बढ़ाती है तो संघर्ष और तीखा किया जाएगा, आने वाले दिनों में और बड़ी संख्या में छात्र और अन्य लोग सड़कों पर उतरेंगे।
