पंजाब : निजीकरण के ख़िलाफ़ किसानों ने की आवाज़ बुलंद

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साम्राज्यवादी संस्थाओं के हित में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और परिवहन बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है।

मृतक किसान नेता साधु सिंह तख्तपुरा की याद में सोमवार को गांव बाल खुर्द में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान किसानों ने निजीकरण का विरोध किया। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि साधु सिंह तख्तपुरा ने लूटे गए किसानों को संगठित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

उन्होंने कहा कि साम्राज्यवादी संस्थाओं, विश्व व्यापार संगठन, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के जरिए लिए जा रहे टैक्स से चलाई जा रहे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और परिवहन बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड का प्रबंधन कॉरपोरेटों को लोगों को लूटने देने की मंशा से ही दिया जा रहा है।

उगराहां ने लोगों से सरकार के जनविरोधी फैसलों का मुकाबला करने के लिए मजबूत संगठनात्मक ताकत बनाने का आह्वान किया। समारोह के दौरान कलाकारों ने डॉ. साहिब सिंह द्वारा निर्देशित क्रांतिकारी नाटक “सम्मान वाली डांग” के माध्यम से एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।

डॉ. कुलदीप सिंह, लखविंदर सिंह मंजियानवाली, सुखवंत सिंह वाल्टोहा, कश्मीर सिंह धनगई, डॉ. बचित्तर सिंह, बाबा राजन सिंह, राचपाल सिंह तरपई, हरचरण सिंह मेहदीपुरा, रूप सिंह चन्ना, बीबी पलविंदर कौर गोसाल सहित हरपिंदर सिंह मधुचंगा के अलावा अनमोल सिंह कंडोवाली, कुलबीर सिंह जेथुनंगल, बघेल सिंह मधुचंगा, जसपाल सिंह धनगाई आदि ने भी सभा को संबोधित किया।

दैनिक भास्कर से साभार