पंजाब रोडवेज पनबस-पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन का आवाहन। मांगें: वायदे के अनुसार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, ठेकेदारी प्रणाली का खात्मा, वेतन बढ़ोतरी सर्विस रूल आदि लागू हो।
पंजाब में आज से सरकारी बसों के पहिए थम गए हैं. तीन दिनों तक सड़कों पर बसें नहीं दौड़ेंगी. पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी और पनबस के कर्मियों ने हड़ताल का आह्वान किया है. सोमवार को श्री मुक्तसर साहिब बस स्टैंड के अंदर कर्मियों ने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया. यूनियन का कहना है कि लंबे समय से मांगों को सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है. बता दें कि हड़ताली कर्मचारियों की स्थायी नौकरी सबसे प्रमुख मांग है.
अस्थायी कर्मचारियों ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत हो चुकी थी. लेकिन अस्थायी और आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया. उन्होंने बताया कि मुख्य मांग पक्की नौकरी, किलोमीटर स्कीम को बंद करना, नई बसें शुरू करना और वर्कशॉप में खड़ी बसों का रिपेयर करवाना आदि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ जुलाई में मीटिंग भी हुई थी. लेकिन मीटिंग सफल नहीं हो सकी. जिसके विरोध में अब पीआरटीसी ओर पनबस के कर्मचारियों ने आज से तीन दिन तक चक्काजाम करने का ऐलान किया है.
रोडवेज, पीआरटीसी के कर्मियों की तीन दिवसीय हड़ताल
उन्होंने आगे के आंदोलन की भी जानकारी दी. हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि कल चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन होगा. पंजाब रोडवेज के स्थायी ड्राइवर ने हड़ताल से दूरी बनाई है. दूसरी ओर प्राइवेट कंपनी की बसें भी सड़कों पर दौड़ रही हैं. फिलहाल हड़ताल की वजह से मुसाफिरों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मजबूरी में मुसाफिर महंगे दामों का टिकट खरीदकर निजी बसों के जरिए सफर करने को मजबूर हैं. यूनियन का कहना है कि परिवहन विभाग के कर्मचारी कर्तब्य निष्ठा के साथ जनताा को सुविधा पहुंचा रहे हैं, लेकिन सरकार वाजिब मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है. सरकारी बसों की हड़ताल का सीधा असर देखा जा रहा है.