मज़दूर विरोधी क़दम के ख़िलाफ़ देशभर में हुआ विरोध प्रदर्शन

9Agast_Protest

मज़दूर संघर्ष अभियान का आह्वान – मज़दूर विरोधी नीतियाँ वापस लो!

मज़दूर वर्ग पर मोदी सरकार सहित राज्य सरकारों के बढ़ते हमलों, निजीकरण, छंटनी-बंदी, भयावह रूप लेती बेरोजगारी-महँगाई, सर्वजनिक संपत्तियों के निजीकारण, दमन और पुलिसिया राज आदि के ख़िलाफ़ मासा के आह्वान पर 9 अगस्त को विभिन्न मज़दूर संगठनों और यूनियनों के नेतृत्व में अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन हुआ। इसके साथ ही केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर भारत बचाव प्रदर्शन हुए।

9 अगस्त एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है, जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोडो का शंखनाद हुआ था, इसीलिए इस दिवस को मानते हुए नए संघर्ष का आह्वान हुआ।

ज्ञात हो कि मोदी राज में मेहनत की लूट और अधिकारों पर डकैती के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग के निरंतर जुझारू संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के आह्वान पर देशभर में 9 जुलाई से 9 अगस्त के लिए जारी ‘मज़दूर संघर्ष अभियान’ के तहत 9 अगस्त क्रांति दिवस को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन के रूप में मनाया गया।

साथ ही 10 सूत्रीय माँगपत्र पर मज़दूरों के बीच हस्ताक्षर अभियान भी चला।

मासा व उसके घटक संगठनो द्वारा प्रदर्शन की झलकियाँ-

हरियाणा

गुडगाँव। 9 अगस्त को ‘मज़दूर संघर्ष अभियान’ के अंतिम दिन सर्वभारतीय विरोध प्रदर्शन के तहत गुडगाँव बस अड्डा के सामने मासा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन और सभा हुआ। गुडगाँव बस अड्डा से गुडगाँव सिविल अस्पताल तक मज़दूर रैली निकाली गयी। इसमें मासा के घटक संगठन इंकलाबी मज़दूर केंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र, मारुति यूनियन, हीरो मोटोकॉर्प आदि शामिल रहे।

गुडगाँव सिविल अस्पताल से जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल की तरफ से गुडगाँव डी सी ऑफिस तक रैली निकाली गयी, जिसमे केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों, आशा कार्यकार्ता यूनियन आदि के साथ मासा के घटक संगठन मज़दूर सहयोग केंद्र और इंकलाबी मज़दूर केंद्र ने मासा के बैनर के साथ हिस्सेदारी की।

सोनीपतगोहाना, सोनीपत में मासा के घटक जन संघर्ष मंच हरियाणा के बैनर तले प्रदर्शन हुआ।

करनाल। करनाल के उप तहसील निगदू स्तर पर मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के घटक संगठन जन संघर्ष मंच हरियाणा, मनरेगा मजदूर यूनियन, निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

कुरुक्षेत्र में मासा के घटक संगठन जन संघर्ष मंच हरियाणा, मनरेगा मजदूर यूनियन और निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन ने जोरदार प्रदर्शन किया।

जींद। भारी बारिश के बावजूद सैकड़ों मज़दूरों ने जन संघर्ष मंच हरियाणा के बैनर तले जींद में प्रदर्शन किया और डी सी जींद को मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ज्ञापन दिया।

कैथल। जन संघर्ष मंच हरियाणा के बैनर तले कैथल हरियाणा में प्रदर्शन हुआ।

फरीदाबाद। मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) तथा इंकलाबी मज़दूर केंद्र, औद्योगिक ठेका मज़दूर यूनियन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के नेतृत्व में बहुत से मज़दूरों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में भागीदारी की।

उत्तराखंड

रुद्रपुर। अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के आह्वान अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान भारत बचाओ दिवस पर स्थानीय अंबेडकर पार्क में विभिन्न यूनियनों व मजदूरों ने भागेदारी की।

कार्यक्रम में श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर, मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), इंकलाबी मजदूर केंद्र,  मजदूर सहयोग केंद्र, एक्टू, सीपीआई, मंत्री मेटल्स, एलजीबी, भगवती माइक्रोमैक्स, बीसीएच, राने मद्रास, बजाज मोटर्स, यजाकी, गुजरात अंबुजा, सनसेरा, एमके ऑटो, ऑटो लाइन, इंटरार्क, डेल्टा, एडविक, नेस्ले, वोल्टास, ठेका मजदूर कल्याण समिति आदि यूनियनों व मज़दूरों ने भागेदारी की।

काशीपुर।मासा के आह्वान पर इंकलाबी मजदूर केंद्र इकाई काशीपुर द्वारा केंद्र व उत्तराखण्ड सरकार की मजदूर मेहनतकश विरोधी नीतियों के खिलाफ पन्त पार्क काशीपुर में प्रदर्शन किया गया।

लालकुआं (नैनीताल) के काररोड पर इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र ने मासा के बैनर तले देशव्यापी विरोध के तहत नुक्कड़ सभा कर प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में इमके, पछास व प्रमएके के कार्यकर्ता शामिल रहे।

हरिद्वार। इंक़लाबी मज़दूर केंद्र, भेल मज़दूर यूनियन, आईटीसी फूड्स श्रमिक यूनियन ने प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया।

दिल्ली

इंक़लाबी मज़दूर केंद्र के कार्यकर्ताओं द्वारा राजधानी दिल्ली की मज़दूर बस्ती शाहबाद डेरी में मज़दूरों के बीच पर्चा बांटा और मज़दूर बस्ती में जन संपर्क व नुक्कड़ सभाएं कीं।

मायापुरी, दिल्ली में इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (सर्वहारा) – (इफ़्टू-सर्वहारा) द्वारा प्रदर्शन-

भरत विहार, दिल्ली में इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (सर्वहारा) – (इफ़्टू-सर्वहारा) द्वारा प्रदर्शन-

राजस्थान

हनुमानगढ़।अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन के तहत भादरा, हनुमानगढ़ में मनरेगा मज़दूर यूनियन हनुमानगढ़ और मासा की तरफ से विरोध प्रदर्शन हुआ। पिछले एक महीने से ‘मज़दूर संघर्ष अभियान’ के तहत ग्रामीण मज़दूरों के बीच हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। 8 अगस्त को इस संदर्भ में रामगढ़, हनुमानगढ़ में उप तहसील में विरोध प्रदर्शन किया गया था।

हस्ताक्षर सहित मासा और मनरेगा मज़दूर यूनियन हनुमानगढ़ के तरफ से 10 अगस्त को भादरा तहसीलदार के जरिये राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा जायेगा।

जयपुर। ट्रेड यूनियन सेंटर ऑफ इंडिया (टीयूसीआई) व क्रांतिकारी निर्माण मज़दूर संगठन (KNMS) द्वारा जयपुर के वैशाली नगर चौक पर मोदी सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जन सभा हुई।

बिहार

रोहतास। ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार ने रोहतास जिले के करगहर और काराकाट के मोहनपुर खरसान,कल्याणपुर, मेड़रीपुर, बड़की खरारी, महुली ,लहुआरा,जोगीपुर, करुप,मोथा,सकला, सोनबर्षा ,मोहनपुर, काराकाट, कुशी,गोड़ारी,जोरवरपुर, कृष्णा पुर,बहुआरा बाईं डिहरी आदि गांवों में सभा और प्रदर्शन किया।

पटना। इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (सर्वहारा) – इफ़्टू सर्वहारा की ओर से रामकृष्ण नगर, मीठापुर, फुलवारी, कंकड़बाग आदि इलाकों में प्रदर्शन और रैली हुई।

पश्चिम बंगाल

फुलेश्वर, हावड़ा, में मासा के घटक स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोआर्डिनेशन कमिटी, पश्चिम बंगाल की ओर से प्रदर्शन-

गढ़बेता, प. मेदिनीपुर में स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोआर्डिनेशन कमिटी, प. बंगाल द्वारा प्रदर्शन-

हुगली जिला में स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोआर्डिनेशन कमिटी, प. बंगाल की ओर से प्रदर्शन-

औसग्राम, पूर्व बर्धमान में स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोआर्डिनेशन कमिटी, प. बंगाल द्वारा प्रदर्शन-

मुर्शिदाबाद में स्ट्रगलिंग वर्कर्स कोआर्डिनेशन कमिटी, प. बंगाल के बैनर तले प्रदर्शन-

हरिपुरा, पश्चिम बर्धवान जिला में इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस (सर्वहारा) (IFTU-सर्वहारा की ओर से प्रदर्शन

ओड़िसा

भुवनेश्वर मासा के घटक ट्रेड यूनियन सेन्टर ऑफ इंडिया (टीयूसीआई) के बैनर तले राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हुए-

घरयी महिला श्रमिक यूनियन (टीयूसीआई) द्वारा प्रदर्शन-

लिंगराज पारले बिस्किट (टीयूसीआई) यूनियन द्वारा प्रदर्शन-

तेलंगाना

मासा के घटक इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (आईएफटीयू) ने तेलंगाना राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन आयोजित किए-

हैदराबाद में इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन (आईएफटीयू)/मासा द्वारा प्रदर्शन-

आईएफटीयू/मासा के बैनर तले येलांदु, भद्राद्री कोठागुडम में प्रदर्शन-

आईएफटीयू/मासा के तहत मंगरु, भद्राद्री कोठागुडम में प्रदर्शन-

भद्राद्री कोठागुडम, में आईएफटीयू/मासा द्वारा प्रदर्शन-

आईएफटीयू/मासा के बैनर तले एनएसपीटी वारंगल के Arellikrisha & mandatisrina में प्रदर्शन-

पंजाब

लुधियाना में मासा के घटक इन्कलाबी मजदूर केन्द्र पंजाब की ओर से प्रदर्शन-

उत्तर प्रदेश

बरेली। इन्कलाबी मज़दूर केन्द्र द्वारा बरेली के औधोगिक इलाके परसाखेड़ा में विरोध प्रदर्शन-

गोरखपुर।गोरखपुर स्टेशन परिसर में डीजल लॉबी के सामने वृहत विरोध प्रदर्शन का आयोजन हुआ। इसमें आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन, पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ, समेत भारतीय जीवन बीमा, बैंक एसोसिएशन के कर्मचारियों ने अपनी एकता का परिचय दिया।

इलाहाबाद में प्रदर्शन-

लखनऊ में प्रदर्शन-

नागपुर में प्रदर्शन-

मासा का माँगपत्र-

  1. श्रम कानूनों में किये गए सभी मज़दूर विरोधी संशोधन तत्काल रद्द किया जाएं। विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कार्य दिवस 12 घंटे का किये जाने का मज़दूर विरोधी फैसला तुरंत रद्द किया जाए। DA और DR फ्रीज़ करने और PF में कटौती करने का फ़रमान तुरंत वापस लिया जाए।
  2. न्यूनतम वेतन रु. 25,000 किया जाए। सभी बेरोजगारों को रु. 15,000 मासिक बेरोज़गारी भत्ता दिया जाए।
  3. लॉकडाउन के पूरे समय के लिए सभी मज़दूरों को पूरा वेतन दिया जाए। लॉकडाउन के चलते बेरोज़गार हुए लोगों को रु. 15,000 प्रति परिवार सरकारी सहायता दी जाए तथा उनके लिए रोज़गार का प्रबंध किया जाए।
  4. कोरोना संकट के बहाने उद्योगों में लगातार की जा रही छंटनी और वेतन काटे जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। निकाले गए मज़दूर कर्मचारियों को काम पर वापस लिया जाए।
  5. घर वापस गए प्रवासी मज़दूरों को आर्थिक सहयोग के साथ-साथ उनके गांव में ही उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधा और आजीविका का बंदोबस्त किया जाए। उन्हें मनरेगा कार्य दिया जाए। मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि कर उसे कम से कम रु. 800 किया जाए तथा साल में प्रति व्यक्ति दो सौ दिन की रोज़गार गारंटी दी जाए। शहरी मज़दूरों के लिए भी रोज़गार गारंटी कानून बनाया जाए।
  6. सभी स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों की सुरक्षा का इंतज़ाम किया जाए। भोजन माता (मिड डे मील), आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों को ‘कर्मचारी’ का दर्जा देकर सभी सुविधाएं दी जाएं।
  7. निजीकरण और ठेकेदारी प्रथा पर तत्काल रोक लगाई जाए।
  8. पेट्रोल, डीज़ल व रसोई गैस के दाम कम किये जाएं। बस व रेल का किराया घटाकर कम से कम 2014 की दरों पर लिया जाए।
  9. सब के लिए कोरोना टेस्ट व संक्रमित व्यक्तियों का इलाज निःशुल्क करवाया जाए। इसके लिए निजी अस्पतालों का अधिग्रहण करके उनका राष्ट्रीयकरण किया जाए।
  10. विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला, अंध-राष्ट्रवाद के आधार पर युद्धोन्माद फ़ैलाना और धर्म-जाति और क्षेत्र के आधार पर विभाजन और नफ़रत पैदा करने की राजनीति बंद की जाए। यूएपीए जैसे काले कानून रद्द किये जाएं। फर्जी मुकदमों में गिरफ्तार किये राजनीतिक कैदियों व सभी सीएए विरोधी आंदोलनकारियों को रिहा किया जाए।