बेलसोनिका यूनियन पंजीकरण रद्द होने के खिलाफ प्रतिरोध सभा; मज़दूरों का भूखे कार्य करने का आंदोलन

प्रतिरोध सभा की घोषणा के तहत 9 अक्टूबर से यूनियन प्रतिनिधियों का फैक्ट्री में कार्य के दौरान भूख हड़ताल। अगर प्रबंधन की मनमानी जारी रही तो आंदोलन और तेज होगा।
गुड़गांव। बेलसोनिका यूनियन ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार हरियाणा सरकार द्वारा यूनियन पंजीकरण रद्द करने के विरोध में दिनांक 08 अक्टूबर 2023 को सुबह 10 बजे से साम 3 बजे तक लघु सचिवालय के सामने “प्रतिरोध सभा” कर हरियाणा सरकार को ज्ञापन दिया था।
प्रतिरोध सभा में यूनियन ने बताया था कि प्रबंधन ने यूनियन पंजीकरण रद्द होने के बाद एक जून 2023 के त्रिपक्षीय समझौते की अवहेलना करते हुए तीन यूनियन प्रतिनिधियों को नौकरी से दिनांक 29.09.2023 को बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा प्रबंधन ने उन 10 श्रमिकों को भी दिनांक 04 अक्टूबर 2023 को नौकरी बर्खास्तगी के पत्र थमा दिए। जिन 10 श्रमिकों को समझौता दिनांक एक जून 2023 के ही तहत प्रबंधन ने नौकरी पर वापिस लिया था।
यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रबंधन ने दिनांक 04 अक्टूबर 2023 को ही इन 10 श्रमिकों के साथ 2 यूनियन पदाधिकारियों और 2 अन्य श्रमिकों (कुल 14) को नौकरी बर्खास्तगी का पत्र थमा दिया। प्रबंधन SDM महोदय की मध्यस्थता में हुए दिनांक एक जून 2023 के त्रिपक्षीय समझौते को ठेंगा दिखाकर छंटनी को परवान चढ़ा रहा है। बेलसोनिका प्रबंधन को श्रम कानूनों का कोई डर व भय नहीं है। प्रबंधन सब श्रम कानूनों व समझौतों को किनारे लगा कर श्रमिकों की छंटनी कर फैक्ट्री में उत्तेजक माहौल बना रहा है।

मज़दूरों का भूखे रहकर काम करने का आंदोलन शुरू
यूनियन ने बताया कि एक जून 2023 के त्रिपक्षीय समझौते को लागू कराने के लिए तथा तमाम विवादों के समाधान के लिए यूनियन ने प्रतिरोध सभा में घोषणा की थी कि दिनांक 09 अक्टूबर 2023 से यूनियन प्रतिनिधि फैक्ट्री में ड्यूटी के दौरान भूख हड़ताल पर रहकर कार्य करेंगे।
अगर प्रबंधन उसके बावजूद भी छंटनी पर रोक नहीं लगाता व तमाम विवादों का निपटारा नहीं करता तो आंदोलन को ओर तेज किया जाएगा। जिसका जिम्मेदार स्वयं प्रबंधन व प्रशासन होगा।

प्रतिरोध सभा में हुई आवाज़ बुलंद
4 ठेका मज़दूरों कि यूनियन सदस्यता रद्द होने के बाद एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायलय, चंडीगढ़ द्वारा ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार और यूनियन को एक नोटिस जारी कि गई थी। रजिस्ट्रार द्वारा नोटिस का जवाब देने के बजाए यूनियन के पंजीकरण को रद्द कर दिया गया।
रजिस्ट्रार के इस फैसले के खिलाफ बेलसोनिका यूनियन ने 8 अक्टूबर को लघु सचिवालय, गुड़गांव के सामने “प्रतिरोध सभा” कर हरियाणा सरकार को ज्ञापन दिया था।
सभा के दौरान वक्ताओं ने कहा कि ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार हरियाणा द्वारा यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने की कार्यवाही अपने आप में इस बात का सबूत है की श्रम विभाग को कानून की कोई परवाह नहीं है। श्रम विभाग श्रम कानूनों को लागू करने की जगह पर नंगे तौर पर फैक्टरी मालिकों के साथ खड़ा है।
मालिक ने मज़दूरों को गुलाम बना दिया है। उसमें भी ठेका मज़दूरों को इस कदर अधिकार विहीन कर दिया है कि ठेका मज़दूर को यूनियन कि सदस्यता देना मात्र ही अपराध बन गया है। सामूहिक समझौते के लिए, सामूहिक मोल-भाव कि ताकत को खत्म किया जा रहा है। ठेका, स्थाई, अस्थाई, नीम, फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट आदि में बांटकर उनकी एकता को खंडित कर दिया गया है। फैक्ट्री मालिक जानते है कि मज़दूरों की एकता को खंडित किये बिना मज़दूरों को दासता में नहीं धकेला जा सकता।
सभा के बाद एक स्वर में आवाज़ उठी कि “बेलसोनिका यूनियन ट्रेड रजिस्ट्रार, हरियाणा द्वारा यूनियन के पंजीकरण को रद्द करने का पुरजोर विरोध करती है। सभी मज़दूर ये ऐलान करते हैं कि ठेका प्रथा के खिलाफ व यूनियन पंजीकरण को रद्द किये जाने के विरोध में अपनी वर्गीय एकता कायम करते हुए इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा।
यूनियन ने कहा की रजिस्ट्रार द्वारा माननीय उच्च न्यायलय की जो अवमानना की गई है, उस पर उच्च न्यायलय का रुख किया जायेगा।