बिजली कम्पनियों की मनमानी व निजीकरण के खिलाफ रामगढ़ में विरोध प्रदर्शन

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उपभोक्ताओं ने आंदोलन तेज करने का आह्वान किया

रामगढ़, (राजस्थान) 28 जून। रामगढ़ उपतहसील कार्यालय के सामने बिजली कम्पनियों की मनमानी व बिजली बिलों में जारी धांधली व निजीकरण के खिलाफ बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति की अगुवाई में ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर बढ़ते बिजली बिलों के बोझ पर नाराजगी जाहिर करते हुए नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

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सात दिन से जारी धरने के अंतिम दिन रामगढ़ के साथ साथ नेठराना, बरवाली, भरवाना, उज्जलवास, गोगामेड़ी, नोहर व कई अन्य गांवों से आये ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं ने सरकार व बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

संघर्ष समिति के सदस्य ने कहा कि बिजली विभाग स्थाई शुल्क के साथ साथ तरह तरह के शुल्क लगा कर जनता को लूट रहा है। कोरोना महामारी के चलते आम आदमी को रोजगार का भारी संकट है परन्तु राज्य सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी है।

संघर्ष समिति की ओर से कहा गया कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में अलग अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

संघर्ष समिति ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि- कोरोना महासंकट के चलते बकाया बिजली बिल माफ किये जायें व नाजायज बिलों को भरवाने के लिए आमजन पर कनेक्शन काटने का दबाव नहीं बनाया जाए; स्थायी शुल्क, विद्युत शुल्क, फ्यूल सरचार्ज व अन्य राशि के रूप में हो रही वसूली तुरंत बंद की जाए; प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाए; घटिया व तेज चलने वाले मीटर तुरंत हटाये जाएं; बिजली सेवा का निजीकरण तुरंत रोका जाए व बिजली अधिनियम 2020 ख़ारिज किया जाए; बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के सदस्यों पर लगाए गए झुठे मुकदमे ख़ारिज करो।

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