मणिपुर कुकृत्य का विरोध: देहरादून में बनाई मानव श्रृंखला; धनबाद कोल माइंस मज़दूरों ने की निंदा

Manavshrinkhala_deharadun-1

मणिपुर में महिलाओं के साथ कुकृत्य का देशभर में विरोध जारी है। देहरादून में मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया। धनबाद के कोल माइंस मज़दूर यूनियन ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

मणिपुर में महिलाओं के साथ कुकृत्य का देशभर में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। इसी क्रम में रविवार, 30 जुलाई को कई जनसंगठनों व राजनीतिक दलों ने उत्तराखंड के देहरादून के गांधी पार्क से लेकर घंटाघर तक मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया। वहीं झारखंड के धनबाद के कोल माइंस मजदूर यूनियन ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

https://mehnatkash.in/2023/07/20/manipur-humanity-ashamed-of-the-gruesome-incident-of-women-being-paraded-naked-and-raped/

देहरादून: मानव श्रृंखला बनाकर विरोध

मणिपुर में दो महिलाओं की निर्वस्त्र करने और वहां की घटनाओं पर केन्द्र सरकार की चुप्पी के खिलाफ रविवार को देहरादून में जन संगठनों की ओर से मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विपक्षी दलों ने भी हिस्सा लिया। 500 से ज्यादा लोग मानव श्रृंखला का हिस्सा बने।

सलीम मालिक की रिपोर्ट के अनुसार देहरादून और राज्यभर के दो दर्जन से ज्यादा जन संगठनों से जुड़े लोग सुबह गांधी पार्क के गेट के बाहर जमा हुए। यहां जनगीतों और मणिपुर को लेकर हाल में रची गई कविताओं के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद राजपुर रोड पर गांधी पार्क से घंटाघर और घंटाघर से वापस एस्लेहॉल तक मानव श्रृंखला बनाई गई।

इस दौरान लोग लगातार मणिपुर की घटनाओं के खिलाफ नारे लगा रहे थे। मणिपुर की एन. बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त करने के साथ ही प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से भी इस्तीफा देने की मांग की जा रही थी।

मानव श्रृंखला के दौरान पूरी तरह से शांति व्यवस्था बनी रही। हालांकि राजपुर रोड और घंटाघर चौक पर कुछ देर के लिए ट्रैफिक बाधित हुआ। लेकिन बड़ी संख्या में तैनात पुलिस ने ट्रैफिक को दूसरे रास्तों से निकाल दिया।

मानव श्रृंखला बनाने के बाद लोग एक बार फिर गांधी पार्क में जमा हुए। यहां एक प्रस्ताव पढ़कर सुनाया गया और इस आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। उत्तराखंड इंसानियत मंच और उत्तराखंड महिला मंच ने जल्दी ही संयुक्त रूप से आंदोलन के अगले चरण की रणनीति बनाने की बात कही।

प्रस्ताव में कहा गया कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र करने की घटना क्रूरता की सीमा को पार करने वाली घटना है। यह मानव मूल्यों में तेजी से आई गिरावट का नतीजा है। यह महिला सम्मान और बेटी बचाओ के खोखले नारों का भी उपहास है। वह वीभत्स घटना 4 मई को हुई थी।

इस बारे में पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज थी। इतनी बड़ी घटना हुई है तो ऐसा नहीं हो सकता कि पुलिस ने ऊपर के अधिकारियों को सूचना नहीं दी होगी। अधिकारियों ने यह सूचना सरकार तक भी पहुंचाई होगी। यानी कि दिल्ली में बैठे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को यह जानकारी थी, इसके बाद भी 18 जुलाई को वीडियो वायरल होने के बाद कुछ गिरफ्तारियां की गई।

प्रस्ताव के अनुसार मणिपुर से आने वाली खबरें साफ बता रही हैं कि इस मामले में अब भी लीपापोती की जा रही है। भीड़ में नजर आ रहे एक-एक व्यक्ति की पहचान कर उन्हें सलाखों की पीछे पहुंचाने की प्रस्ताव में मांग की गई। इसके साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे की भी मांग की गई। राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया कि यदि बीरेन सिंह इस्तीफा नहीं देते तो उनकी सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।

मानव श्रृंखला के आयोजन में मुख्य रूप से उत्तराखंड महिला मंच, उत्तराखंड इंसानियत मंच, सर्वोदय मंडल, जनवादी महिला समिति, स्त्री मुक्ति लीग, उत्तराखंड जनजाति कल्याण समिति, रंग कल्याण संस्था, जोहार क्लब, नुमाइंदा ग्रुप ऑफ उत्तराखंड, भारत की नौजवान सभा, चेतना आंदोलन, सर्वोदय मंडल, सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा, एसफआई, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, एनएपीएसआर, जन संवाद समिति, सिख वेलफेयर सोसायटी, विकल्प, उत्तराखंड अगेंस्ट करप्शन, मसीह समाज, संवेदना, उत्तराखंड पीपुल्स फोरम आदि ने हिस्सा लिया। राजनीतिक दलों की ओर से कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई एमएल के प्रतिनिधियों ने मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया।

बीज बचाओ आंदोलन के धूम सिंह नेगी, प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ. रवि चोपड़ा, पूर्व मुख्य सचिव एस.के. दास, पूर्व अपर मुख्य सचिव विभा पुरी, कमिश्नर एसएस पांगती, पूर्व शिक्षा निदेशक नन्द नन्दन पांडेय, महिला मंच की अध्यक्ष कमला पंत आदि खास तौर से मानव श्रृंखला में शामिल हुए।

साथ ही गीता गैरोला, निर्मला बिष्ट, उमा भट्ट, राजीव नयन बहुगुणा, अरण्य रंजन समून, शंकर गोपाल, समर भंडारी, विजय भट्ट, इंद्रेश नौटियाल, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, त्रिलोचन भट्ट, अनंत आकाश, गंगाधर नौटियाल, शंकर गोपाल, गिरधर पंडित, आरिफ खान, नगर काजी, एडवोकेट जितेन्द्र, लेखराज, राजेश पाल, जयकृत कंडवाल, सतीश धौलाखंडी, स्वाति नेगी, पद्मा गुप्ता, आदि शामिल थे।

धनबाद: कोल माइंस मज़दूर यूनियन की बैठक में निंदा

कतरास (झारखंड)। रविवार को कोल माइंस मजदूर यूनियन के तत्वावधान में अंगारपथरा स्थित उमेश ऋषि आवासीय के कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसका संचालन महासचिव झूलन शर्मा एवं दल गोविंद सिंह ने किया।

बैठक में मणिपुर में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई घटना की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई, कार्रवाई नहीं होने पर कोल माइंस मजदूर यूनियन ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

बैठक में  मुख्य रूप से जंगी भुइयां, मनु कुमार, सागर कुमार भुइया, जीरामणि देवी सिंह, दल गोविंद सिंह, पप्पू कुमार पासवान, जयदेव मंडल, गुलशन कुमार, दीपक कुमार रजवार, उमेश मांझी भुइयां, सागर तुरी, तरुण पाल, सुरेंद्र भुइयां, श्रीमती कॉस्मी देवी, सरस्वती कुमारी, टपोदी चटर्जी, पप्पू पुनपुन (पटना ), बद्री भुइयां, शिवकुमार भुइयां, सुरेश भुइयां, नवलेश कुमार सिंह, कृष्णा कुमार भुइया, राजकुमार, भीम लाल रजक आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे।

भूली-बिसरी ख़बरे