जी20 के ख़िलाफ़ गुड़गाँव में मज़दूर संगठनों का प्रदर्शन व राष्ट्रपति को ज्ञापन

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गुड़गांव, 10 सितंबर: कल मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) की दिल्ली एनसीआर इकाई द्वारा दिल्ली में 9-10 सितंबर को आयोजित हुए जी20 शिखर सम्मेलन के विरोध में गुड़गांव के राजीव चौक से लघु सचिवालय तक एक जुलूस तथा लघु सचिवालय के समक्ष एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जुलूस व सभा में दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सक्रिय मासा के घटक संगठन शामिल थे नामतः इंकलाबी मजदूर केंद्र (इमके), मजदूर सहयोग केंद्र, जन संघर्ष मंच हरियाणा, आईएफटीयू (सर्वहारा), और मजदूर सहायता समिति। इसके अतिरिक्त परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास), क्रांतिकारी नौजवान सभा, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र तथा क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन (क्रालोस) ने भी आयोजन में भागीदारी की।

बारिश व जलजमाव तथा प्रशासन के दबाव के बावजूद कार्यक्रम संपन्न किया गया। सभा में जन संघर्ष मंच हरियाणा से पाल सिंह, इमके से मुन्ना प्रसाद, मजदूर सहयोग केंद्र से सुभाषिनी, आईएफटीयू (सर्वहारा) से सिद्धांत, पछास से शुभम, क्रांतिकारी नौजवान सभा से जोहाना, तथा प्रगतिशील महिला एकता केंद्र से हेमा ने वक्तव्य रखा। सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि जी20 साम्राज्यवादी पूंजीवादी देशों का एक लुटेरा गिरोह है जिसका गठन इन देशों के बड़े पूंजीपति वर्ग के हित को साधने यानी संकटकाल में भी उनके मुनाफे को बरकरार रखने और इसके लिए आम मेहनतकश जनता के शोषण-दमन को तेज करने के एजेंडे पर हुआ है, जिसके तहत ही भारत सहित इन तमाम देशों की सरकारें जन-विरोधी कॉरपोरेट-परस्त नवउदारवादी नीतियां तेजी से लागू कर रही हैं। भारत में फासीवादी भाजपा की मोदी सरकार द्वारा लाए गए लेबर कोड और नए कृषि कानून इन्हीं नीतियों के नए और खतरनाक उदाहरण हैं। इसी के साथ दो-दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन हेतु दिल्ली में 2.62 लाख लोगों के आवास व आजीविका के साधनों को सौंदर्यीकरण के नाम पर उजाड़ दिया गया तथा इसके पहले भी एक वर्ष तक भिन्न राज्यों में हुई जी20 संबंधित 200 बैठकों के लिए लाखों लोगों को इसी नाम पर उजाड़ा गया है। अतः भारत द्वारा इस वर्ष जी20 सम्मेलन की अध्यक्षता व मेजबानी करना मजदूरों व आम जनता के लिए कोई गर्व की बात नहीं, जैसा सरकार और कॉरपोरेट मीडिया द्वारा प्रचारित किया जा रहा है, बल्कि धिक्कार की बात है। इस कार्यक्रम के विषय पर बीते दिनों पर्चा वितरण कर रहे मजदूर कार्यकर्ताओं का गुड़गांव पुलिस द्वारा उत्पीड़न और बेबुनियाद धाराओं पर चालान करने की दमनकारी कार्रवाई की भी भर्त्सना की गई।

राष्ट्रपति के नाम उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर तैयार किए गए ज्ञापन को सभा में गुड़गांव जिलाधिकारी को सौंपा गया जिसमें निम्नलिखित मांगें शामिल थीं –
1) भारत सरकार जी-20 से बाहर आये।
2) उदारीकरण-निजीकरण-वैश्वीकरण की लुटेरी नीतियों को रद्द किया जाये।
3) मजदूर विरोधी चार नये लेबर कोड्स को रद्द किया जाये।
4) जी-20 के आयोजन के नाम पर उजाड़े गये लोगों की आजीविका-आवास की गारंटी की जाए तथा उनके नुकसान के अनुरूप मुआवजा दिया जाये।
5) फासीवादी संगठनों द्वारा देश में फैलाई जा रही सांप्रदायिक हिंसा और जनवादी अधिकारों पर हमलों पर अविलंब रोक लगाई जाये।

सभा में इमके की दिल्ली व फरीदाबाद टीमों द्वारा क्रांतिकारी गीतों की प्रस्तुति हुई। सभा का संचालन सिद्धांत द्वारा किया गया और अंत में उपरोक्त मांगों पर केंद्रित जोशीले नारों के साथ विरोध सभा का समापन किया गया।