प्रोटेरिअल (हिताची) ठेका मज़दूर फिर हड़ताल पर
30 जून, मानेसर | आज बी शिफ्ट के शुरू होने के साथ प्रोटेरिअल कंपनी के ठेका मज़दूर हड़ताल में कंपनी के अन्दर बैठ गए हैं। पिछले एक साल से संघर्ष में रहे ठेका मज़दूर काम की सुरक्षा, बेहतर वेतन और स्थायी काम पर स्थाई रोज़गार के लिए लड़ रहे हैं।

प्रबंधन द्वारा मज़दूरों से ज़बरदस्ती ओवरटाइम कराने व शिफ्ट बदल कर प्रताड़ित करने की कोशिश रही नाकाम
30 जून, मानेसर | आज 2.30 बजे बी शिफ्ट के शुरू होने के साथ प्रोटेरिअल कंपनी के ठेका मज़दूर हड़ताल में कंपनी के अन्दर बैठ गए हैं। पिछले एक साल से संघर्ष में रहे ठेका मज़दूर काम की सुरक्षा, बेहतर वेतन और स्थायी काम पर स्थाई रोज़गार के लिए लड़ रहे हैं। इसके प्रतिक्रिया में प्रबंधन मज़दूरों को लगातार परेशान कर रहा है। ओवर टाइम करने का दबाव बनाना, काम की जगह बदलना इत्यादि प्रबंधन के पुराने पैंतरे रहे हैं।
इस क्रम में कल, 29 जून को प्रोटेरिअल प्रबंधन ने 5 मज़दूरों की एकाएक बी शिफ्ट बदल कर ए शिफ्ट कर दी। मज़दूरों ने इस मनमानी पर सवाल खड़ा किया और अचानक शिफ्ट बदलने से इनकार कर दिया। आज जब वह मज़दूर नियमित रूप से बी शिफ्ट में काम करने आए तो उनका गेट बंद कर दिया गया। अपने साथियों के प्रतिरोध में ए शिफ्ट के मज़दूर काम रोक कर अन्दर बैठ गए और बी शिफ्ट के मज़दूर भी उनके साथ शामिल हो गए। सी शिफ्ट के श्रमिक गेट के बाहर धरने पर बैठे हैं।
पिछले साल जून में हिताची कंपनी का प्रोटेरिअल कंपनी में रूपांतरण के समय शुरू हुआ यह आन्दोलन क्षेत्र में ठेका मज़दूरों के सतत संघर्ष के रूप में उभरा है। पिछले महीने की 11 तारिख को भी मज़दूरों ने 30 मजदूरों की बर्खास्तगी के ख़िलाफ़ हड़ताल की थी जिसका समझौता 13 मई को श्रम विभाग द्वारा किया गया था।