समाज आटोमोटिव श्रमिकों की कार्यबहाली की मांग पर निकला जुलूस, डीएम को दिया ज्ञापन

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90 दिन से संघर्ष जारी। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर सिडकुल से कलैक्ट्रेट तक जुलूस। यूनियन बनाने पर पीडीपीएल कंपनी हो गई समाज ऑटो, श्रमिकों को गैर कानूनी रूप से निकाला था।

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर समाज आटोमोटिव कम्पनी द्वारा निकाले गये स्थाई श्रमिकों ने आज 21 जुलाई को सिडकुल, पंतनगर नेस्ले चौक से कलैक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर गैर कानूनी तरीके से निकाले गये श्रमिकों की कार्यबहाली की मांग की।

इस दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि पिछले 90 दिनों से श्रमिक मोर्चा व पीडीपीएल यूनियन के श्रमिक कार्यबहाली की मांग को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं। कितनी ही बार श्रम विभाग, जिला प्रशासन के कई अधिकारियों, विधायक व सरकार को भी पत्र देकर श्रम कानूनों को लागू कर कार्यबहाली की मांग की जा चुकी है।

लेकिन शासन-प्रशासन व श्रम विभाग उन कानूनों को लागू कराने में ही आना-कानी कर रहा है जिसको लागू कराने की मुख्य जिम्मेदारी जिला प्रशासन व श्रम विभाग की ही है। लेकिन अभी तक श्रम विभाग का रवैया देखकर स्पष्ट हो रहा है कि श्रम विभाग कानून का उल्लंघन करने वाले समाज ऑटोमोटिव के पक्ष में ही खड़ा है। भाजपा सरकार भी पूंजीपतियों का साथ दे रही है तभी जिला प्रशासन कार्यवाही नही कर रहा है।

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ऐक्टू प्रदेश महामन्त्री के. के. बोरा ने कहा कि पुराने मालिक अनिल श्रीवास्तव ने कम्पनी नये मालिक जयवीर खटाना को अप्रैल में बेच दी। श्रम कानूनों में नियम यह है कि स्थायी मजदूर कम्पनी का ही मजदूर पूर्ववत माना जाएगा, चाहे कितने ही मालिक क्यों न बदल जाएं। लेकिन नए मालिक ने कम्पनी संचालन के लिए जरूरी विभागों की अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बगैर ही कम्पनी का संचालन शुरू कर दिया और नियम विरूद्ध बिना श्रम विभाग व वर्कर्स यूनियन को सूचना दिये ही रातो रात 41 स्थायी मजदूरों को काम से निकाल दिया।

उल्टा भारी मशीनों पर काम करने के लिए ठेके के अनट्रेंड मजदूरों को रख लिया। यह भी नियम विरूद्ध है। मजदूर यूनियन की शंका सही साबित हुई और बुरे परिणाम के फलस्वरूप लगभग 1 दर्जन ठेका मजदूर अपने हाथ कटा चुके हैं। मजदूरों के हाथ कटने के उपरांत भी सरकार, जिला प्रशासन व श्रम विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। ऐसे में मजदूर आंदोलन को बाध्य हैं।

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पर्फेक्ट डायनॉमिक्स मजदूर यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश चिलवाल व अन्य वक्ताओ ने श्रम विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि एएलसी का रवैया बहुत ही मनमाना व खराब रहा है। एएलसी के समक्ष समाज आटोमोटिव के मालिकान द्वारा गलती स्वीकारने के बावजूद कार्यवाही नही की और मजदूरों से मालिक की बात मानने को ही बोला गया।

डीएलसी के समक्ष हुई वार्ता में हुए समझौते को पलट कर मनमाने तरीके से विवाद को श्रम न्यायालय में भेज दिया गया। जहां मजदूरों को न्याय मिलने में काफी समय व पैसा खर्च करना पड़ेगा। एएलसी महोदय का रवैया कानून विरोधी और मजदूर विरोधी रहा है।

ज्ञापन में मांग की गई कि 41 स्थायी श्रमिकों की तुरंत कार्यबहाली हो, क्योंकि उनकी छंटनी अवैध है इसिलिए अभी तक का वेतन दिलाया जाए, भारी मशीनों पर ठेका के श्रमिकों से काम कराने पर रोक लगायी जाए, हाथ गवां चुके मजदूरों को कानूनन न्याय दिलाया जाए, समाज ऑटोमोटिव में हो रहे कानूनों के उल्लंघन पर रोक लगाई जाए।

जुलूस व ज्ञापन देने वालों में मजदूर सहयोग केंद्र से धीरज जोशी, भाकपा (माले) जिला सचिव ललित मटियाली, इंक़लाबी मजदूर केंद्र के शहर सचिव दिनेश चंद्र, जे बी एम यूनियन के पदाधिकारी, मंत्री मेटलिक्स यूनियन के राजेंद्र नेगी, बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन के हेम दुर्गापाल, नील ऑटो कामगार यूनियन के मनोज यादव, नेस्ले कर्मचारी संगठन के महेंद्र राणा, राणे मद्रास इम्पालाइज यूनियन, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संघ और सन्सेरा मजदूर यूनियन के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।

जुलूस में समर्थन में आए में करन सिंह, जीवन राम, जयशंकर, गौरी शंकर, केशव प्रसाद, अशोक कुमार, चरन सिंह, रंजन कुमार, ललित सिंह रावत, जगदंबिका प्रसाद, किशन राम, सुरेन्द्र सहित विभिन्न मजदूर यूनियन के श्रमिक मौजूद रहे।

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