रात में ट्रेन से यात्रा पर 20% अधिक किराया वसूलने की तैयारी

आप आराम से सोकर यात्रा करते हैं इसलिए अतरिक्त किराया
भारतीय रेलवे का एक प्रस्ताव इस वक्त चर्चा में बना हुआ है। इसमें कहा गया है कि जो मुसाफिर रात के वक्त ट्रेन में सफर करते हैं, उनसे 10 से 20 फीसदी तक अतिरिक्त किराया लिया जा सकता है। अब इस मसले पर सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि काफी समय पहले रेलवे बोर्ड को इस तरह का सिर्फ एक प्रस्ताव मिला था। रेलवे मंत्रालय ने भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। बता दें कि इस मामले में पीआईबी ने फैक्ट चेक किया है।
जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर रेलवे के एक नए प्रस्ताव की काफी चर्चा हो रही है। इसमें कहा गया है कि रात के समय ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों से अब 10 से 20 प्रतिशत अधिक किराया वसूला जा सकता है। इससे रात के वक्त भोपाल से दिल्ली और मुंबई की यात्रा करने वाले मुसाफिरों की जेब पर भार पड़ने का जिक्र किया गया। साथ ही, बताया गया कि रेलवे ऐसे मुसाफिरों से ‘रात में सफर’ के नाम पर स्लीपर श्रेणी में 10 फीसदी, एसी-3 में 15 फीसदी और एसी-2 व एसी-1 श्रेणी में 20 फीसदी तक अतिरिक्त किराया वसूल सकता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज में बताया गया कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते करीब छह माह तक ट्रेनों का संचालन बंद रहा, जिससे रेलवे की वित्तीय स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा। ऐसे में रेलवे ने अपनी आय के स्रोत बढ़ाने के लिए विभिन्न जोन से सुझाव मांगे थे। उस दौरान एक सुझाव मिला कि जब यात्री रात में यात्रा करना पसंद करते हैं, तब रेलवे को उनसे किराया भी उसी हिसाब से लेना चाहिए। ऐसा करने से रेलवे की आय बढ़ जाएगी।
वायरल मैसेज में यह जिक्र भी किया गया कि बेडरोल का किराया भी 60 रुपये बढ़ाया जा सकता है, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये की अतिरिक्त आय होगी। बता दें कि फिलहाल यात्रियों से बेडरोल का किराया अधिकतम 25 रुपये ही लिया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल इस मैसेज की जानकारी सरकार को भी हुई, जिसके बाद पीआईबी ने फैक्ट चेक किया। पीआईबी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जो यात्री ट्रेन में नींद लेकर सफर करना चाहें, रेलवे उनसे 10 फीसदी अधिक किराया वसूल सकता है। पीआईबी फैक्ट चेक में यह दावा भ्रामक है। यह केवल रेलवे बोर्ड को दिया गया एक सुझाव था। रेल मंत्रालय ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।’
अमर उजाला से साभार