बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ 15 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर करेंगे हड़ताल
रेवाड़ी। बिजली निजीकरण के बिजली संशोधन विधेयक के खिलाफ 15 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। इसकी तैयारियों को लेकर शुक्रवार को आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन के बैनर तले हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के डिविजन आफिस व बडौली सब डिविजन में बिजली कर्मचारियों की बैठक आयोजित की गई। इनमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर 10 अगस्त की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया।
बैठक में इलेक्ट्रीसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा, आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, डिप्टी जनरल सेक्रेटरी जितेंद्र तेवतिया, उप प्रधान सुदामा पाल, केन्द्रीय कमेटी के सदस्य संजय सैनी व सर्कल सचिव धनराज आदि मौजूद थे।
बैठक में 10 अगस्त की हड़ताल की मांगों व मुद्दों को लेकर सभी सब डिविजनों, शिकायत केन्द्रों व बिजली सब स्टेशनों में कर्मचारियों की सभाएं करने का फैसला लिया गया। बैठक में बिना पर्याप्त स्टाफ और मैटीरियल दिए राइट टू सर्विस एक्ट लागू करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। ईईएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार आपदा को अवसर में बदलकर मानसून सत्र में बिजली का निजीकरण करने के लिए बिजली संशोधन विधेयक पारित करवाने की जल्दबाजी में है।
उन्होंने कहा कि अगर यह बिल पास हुआ तो बिजली का निजीकरण होगा और क्रास सब्सिडी खत्म हो जाएगी। जिससे बिजली की दरों में बढ़ोतरी होगी और बिजली किसान व गरीबों की पहुंच से बाहर हो जाएगी। एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, डिप्टी जनरल सेक्रेटरी जितेंद्र तेवतिया व उपाध्यक्ष सुदामा पाल ने बैठक में बोलते हुए कहा कि सरकार बिजली निगम में राइट टू सर्विस एक्ट लागू कर रही है। बैठक में यूनियन के पदाधिकारी प्रवीन राठी, राजेंद्र प्रसाद, नवीन कुमार, अजय कुमार सोनी, देवराज, जय प्रकाश यादव, राम किशन, दीन दयाल, रविन्द्र कुमार व देवेंद्र कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
अमर उजाला से साभार