करनाल में किसानों पर पुलिसिया बर्बरता; विरोध तेज, एसडीएम को बर्खास्त करने की माँग

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ऐतिहासिक आंदोलन को जनविरोधी सरकार के बर्बर कृत्यों से दबाया नहीं जा सकता है। सरकार के दमन किसानों के संकल्प और शांतिपूर्ण आंदोलन को मजबूत करेंगे। संघर्ष और तेज होगा।

निरंकुशता : एसडीएम ने सिर फोड़ने के दिए थे खुलेआम आदेश

आज शनिवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने करनाल में लाठीचार्ज किया है। पुलिस ने किसानों को दौड़ाकर पीटा है। घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें पुलिस किसानों पर लाठी बरसाते दिख रही हैं। लाठीचार्ज के चलते कई किसानों घायल हो गए, कईयों के सिर फूट गए हैं।

पुलिस लाठीचार्ज में घायल किसान।

हरियाणा के करनाल से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें डिप्टी मजिस्ट्रेट (एसडीएम) पुलिसकर्मियों को ये आदेश दे रहे हैं कि यहां से कोई भी गुजरे तो उसका सिर फूटा होना चाहिए।

“सिंपल है, जो भी हो यहां से कोई भी वहां नहीं जाएगा. मैं स्पष्ट कर देता हूं कि सिर फोड़ देना. मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं, लिखित में बता रहा हूं. सीधे लठ मारना सिर पर… कोई डाउट? कोई जाएगा इसे ब्रीच करके? सीधे उठा उठाकर मारना पीछे से. कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है. ये नाका हम ब्रीच नहीं होने देंगे. हम दो दिन से ड्यूटी कर रहे हैं. क्लियर है, यहां से कोई बंदा नहीं जाना चाहिए, अगर जाए तो उसका सिर फूटा होना चाहिए.”

वीडियो में क़ैद एसडीएम के बोल
पुलिस लाठीचार्ज में किसान के हाथ में चोट आई।

करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के ठीक बाद कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं, जिनमें किसानों के सिर से खून निकलता हुआ नजर आ रहा है। साथ ही पुलिस के लाठीचार्ज के भी वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जो बर्बरता की कहानी बात रहे हैं।

बर्बर दमन पर एसकेएम ने खट्टर-चौटाला सरकार को दी चेतावनी

संयुक्त किसान मोर्चा आज शनिवार को करनाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हरियाणा के भाजपा-जजपा सरकार द्वारा की गई क्रूर हिंसा की कड़ी निंदा की है। किसानों के खिलाफ यह हिंसा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ, जब मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के संदर्भ में स्थानीय किसानों द्वारा काले झंडे से विरोध किया जा रहा था।

पुलिस लाठीचार्ज में घायल किसान।

एसकेएम ने कहा कि सरकार की क्रूर कार्रवाई, और करनाल में तैनात पुलिस बल को प्रदर्शनकारियों के “सिर तोड़ने“ के लिए एसडीएम का आदेश पूरी तरह से अस्वीकार्य और असहनीय है और हमारे लोकतंत्र के लिए अपमान और शर्म की बात है। पीएम मोदी जब जलियांवालाबाग वर्चुअल रैली कर रहे थे, वहीं करनाल में हुआ जलियांवालाबाग दोगुना शर्मनाक है।

एसकेएम ने खट्टर-चौटाला सरकार को चेतावनी दी है कि किसान पीछे नहीं हटेंगे और वर्तमान ऐतिहासिक आंदोलन को जनविरोधी सरकार के इस बर्बर कृत्यों से दबाया नहीं जा सकता है। दमन के सरकार के प्रयास ही किसानों के संकल्प और शांतिपूर्ण आंदोलन को मजबूत करेंगे। आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज होगा।

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दमन के विरोध में पूरे हरियाणा में प्रदर्शन तेज

एसकेएम ने हरियाणा के लोगों से हर जगह सड़क जाम करने का आह्वान किया है। एसकेएम ने एसडीएम आयुश सिंहा को तत्काल बर्खास्त करने की भी मांग की, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों के सिर तोड़ने का आदेश दिया था, जिसके सबूत के रूप में एक वीडियो वायरल हो चुका है।

करनाल में भी हाईवे जाम कर दिया गया है।

दमनकारी पुलिस कार्रवाई के जवाब में राज्य में कई जगह विरोध हुआ जहां किसानों ने कुरुक्षेत्र, अंबाला, जींद, रेवाड़ी, नरवाना, फतेहाबाद, सिरसा, किटलाना टोल, गोहाना, रोहतक, भिवानी, केएमपी आदि जैसे कई स्थानों के अलावा उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर भी राजमार्ग जाम किया गया। यह रोड जाम अब भी विभिन्न स्थानों पर जारी है।

करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना की विपक्ष ने की निंदा

अमृतसर में किसानों पर लाठीचार्ज की भी निंदा

एसकेएम अमृतसर में किसानों पर लाठीचार्ज की भी निंदा करता है, जहां किसान जलियांवाला बाग के आधुनिकीकरण के उद्घाटन में पीएम के आभासी भाषण का विरोध कर रहे थे। जलियांवालाबाग हत्याकांड स्थल पर जाने की चाह में हजारों युवा जमा हो गए थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। युवाओं ने इस आयोजन में शामिल होने के श्री नरेंद्र मोदी के नैतिक अधिकार का विरोध किया।

farmers lathi charge
करनाल में पुलिसिया तांडव

तमिलनाडु विधानसभा द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव का स्वागत

एसकेएम मोदी सरकार के 3 किसान विरोधी, कॉर्पोरेट समर्थक काले कानूनों के खिलाफ तमिलनाडु राज्य विधानमंडल द्वारा एक प्रस्ताव पारित करने का स्वागत करता है। कई राज्य सरकारों ने इन कानूनों का विरोध किया है, और किसान आंदोलन को अब तक विभिन्न तरीकों से अपना समर्थन दिया है।

करनाल में लाठी चार्ज के विरोध में हिसार में सड़कों पर उतरे किसान

5 सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत, 25 को भारत बंद

एसकेएम भारत भर के सभी किसान संगठनों से 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर महापंचायत के लिए और अधिक लोगों को जुटाने के लिए ट्रेड यूनियनों, महिला संगठनों, छात्र और युवा संगठनों और अन्य प्रगतिशील नागरिक समूहों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित करने और 25 सितंबर को भारत बंद को एक बड़ी सफलता बनाने का अपील करता है।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी बयान के साथ (275वां दिन, 28 अगस्त 2021)

जारीकर्ता – बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव।