पीनबी बैंक घोटाला : क्या जाँच में मोदी सरकार अम्बानी परिवार को बचा रही है?

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क्या पीनबी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी की जाँच में मोदी सरकार अम्बानी परिवार के रिश्तेदारों को बचा रही है? यह काम किसके इशारे पर हो रहा है। …इस अहम सवाल की परत खोल रहे हैं वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक गिरीश मालवीय

कल (शुक्रवार) की खबर है कि नीरव मोदी की बहन पूर्वी मेहता को पीएनबी के 13500 करोड़ रुपये घोटाले में माफी दे दी गई है। पूर्वी ने सरकारी गवाह बनते हुए अपने लंदन के खाते से 17.25 करोड़ रुपये ईडी को ट्रांसफर कर दिए हैं। पूर्वी ने घोटालों से जुड़ी जानकारी एजेंसी को बताने की पेशकश की थी, जिसे कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद ईडी ने पूर्वी मेहता और उसके पति मयंक मेहता को पूछताछ से राहत देने के साथ माफी दे दी।

दरअसल पूर्वी मेहता नीरव मोदी की सगी बहन है और उसकी शादी मयंक मेहता से हुई है। मयंक मेहता की बहन मुकेश अंबानी की बहू श्‍लोका की मां है, जिनका नाम है मोना मेहता। यानी मुकेश अंबानी की बहू श्‍लोका के मामा मयंक मेहता है और पूर्वी मेहता श्‍लोका की सगी मामी हैं।

भगोड़े नीरव मोदी की बहन पूर्वी मेहता को ईडी ने दी माफी, ब्रिटेन से 17.25  करोड़ रुपये भारत सरकार को किया ट्रांसफर | Nirav Modi sister Purvi Mehta  remit Rs. 17.25 crore
नीरव मोदी अपनी बहन पूर्वी मेहता के साथ

ईडी ने 2018 में नीरव मोदी और उसके पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशल मोदी और एक दूसरे रिश्तेदार निहाल मोदी सहित 23 लोगों के खिलाफ पीएनबी से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में 12,000 पन्नों का आरोप-पत्र दायर किया था।

यानी साफ है कि पूर्वी मेहता को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन अब उसे बचाया जा रहा है, जबकि इस बात के पक्के सबूत भी ईडी के पास है कि कैसे पूर्वी मेहता का सक्रिय सहयोग नीरव मोदी को प्राप्त था।

इकॉनमिक टाइम्स’ में 10 सितंबर, 2018 में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि ईडी के कहने पर ये नोटिस जारी किया गया था। इसी दौरान ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में एक रिपोर्ट छपी थी, जिसमें एक ईडी अधिकारी ने कहा था, “वो (पूर्वी) इस स्कैम में कम से कम 963 करोड़ की लाभार्थी हैं। इस स्कैम में मनी लॉन्ड्रिंग की प्रोसेस को कामयाब बनाने के लिए कई तरह की शेल कंपनियां (एक तरह की फर्जी कंपनी) बनाई गई थीं। पूर्वी इन्हीं कुछ शेल कंपनियों की डायरेक्टर या मालकिन हैं।“

सितंबर, 2018 तक हुई छानबीन में जांचकर्ताओं ने पाया कि पूर्वी मोदी, नीरव मोदी की ब्लैक मनी को संभालती थीं। यूएस के जांचकर्ताओं के मुताबिक, ये पता चला था कि नीरव मोदी भारत से बाहर निवेश करने के लिए अपनी हॉन्गकॉन्ग होल्डिंग कंपनी फायरस्टार होल्डिंग्स लिमिटेड (FHL) का इस्तेमाल करता था। और पूर्वी मोदी इन ऑपरेशन्स की डी-फैक्टो मैनेजर थीं, जांच के बाद पूर्वी पर ये भी आरोप लगे थे कि वो नीरव की दो शेल कंपनियां- पविलियन पॉइंट कॉर्पोरेशन और लिंक हाई इंटरनेशन को भी ऑपरेट करती थीं। इन कंपनियों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए होता था। यानी पैसों की हेरफेर के लिए।

एक और शेल कंपनी का नाम सितंबर 2018 में सामने आया था, फाइन क्लासिक FZE, ये हॉन्गकॉन्ग बेस्ड कंपनी थी, जिसकी मालकिन पूर्वी मेहता थीं। कथित तौर पर इन कंपनियों का इस्तेमाल, नीरव मोदी के फायदे के लिए, भारत, हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका के बीच मनी रूट के तौर पर होता था। इसके साथ ही पूर्वी पर ये भी आरोप लगे थे कि उन्होंने कुछ-कुछ जगहों पर अपने बैंक के ज़रिए भी पेमेंट किए थे।

आज अचानक पूर्वी मेहता कहती है कि उसे तो कुछ पता ही नही था कि उनका भाई नीरव मोदी क्या कर रहा है और सबसे बड़े आश्चर्य की बात है कि भारत की जाँच एजेंसियां इस तर्क को मान भी लेती है। …लेकिन जरा रुकिए अम्बानी परिवार के रिश्तेदार को बचाने का खेल सिर्फ पूर्वी मेहता तक ही सीमित नही है, बल्कि भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में अम्बानी परिवार के दामाद को भी बचाया जा रहा है।

नीरव मोदी के सगे भाई नीशल मोदी से, धीरूभाई अंबानी की बेटी, मुकेश और अनिल अंबानी की बहन दीप्ति सलगांवकर की बेटी इशिता की शादी हुई है। नीशाल मोदी की पत्नी इशिता मशहूर बिजनेसमैन दत्ताराज सलगांवकर और दीप्ति सलगांवकर की बेटी हैं और दीप्ति, धीरूभाई अंबानी की बेटी हैं। यानी मुकेश अम्बानी नीशाल मोदी के मामा ससुर है।

ईडी द्वारा दर्ज एफआईआर में नीशाल का नाम भी शामिल था। यहाँ तक कि उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था, लेकिन उसके बाद नीशल ने सिर्फ एक पत्र लिखकर ये कह दिया कि, ‘मैं आपके विभाग द्वारा की जा रही किसी भी जांच में पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हूं, ‘मेरा अपने भाई नीरव मोदी की किसी भी कथित आपराधिक गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है।

उसके बाद से नीशाल के खिलाफ भी भारत की जाँच एजेंसियों का रुख नरम पड़ गया। अब तक कोई खबर नही है कि वह किस देश मे है और क्या कर रहा है!

पीनबी घोटाले में सारा भांडा अब अकेले नीरव मोदी पर फोड़ा जा रहा है, जबकि पूरे परिवार की मिलीभगत के स्पष्ट सुबूत जाँच एजेंसियों के पास है। समझना मुश्किल नही है कि यह काम किसके इशारे पर हो रहा है।

गिरीश मालवीय की वाल से साभार

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