कार्य के दौरान एक श्रमिक उसमें गिरा, बचाने गए प्लांट हेड और अकाउंटेंट भी चपेट में, अमोनिया और मिथैन गैस से दम घुटने और टैंक में डूबने से तीनों की मौत हो गई।
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल, पंतनगर स्थित रैमके कंपनी के सीईटीपी प्लांट (कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) में सोमवार को दो श्रमिकों व प्लांट हेड की अमोनिया गैस से दम घुटने और डूब कर दर्दनाक मौत हो गई, जबकि ड्राइवर गंभीर है। इस भयावह घटना के बाद कंपनी में अफरा तफरी मच गई।
ज्ञात हो कि पंतनगर सिडकुल में सीईपीटी का हैराराबाद की कंपनी रैमके वर्ष 2004 से बीओटी बेस पर संचालन करती है। इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड पर है। यह सिडकुल की कंपनियों का केमिकल युक्त गंदा पानी फिल्टर करती है, जो सिडकुल के सेक्टर सात में स्थित है।
सोमवार को दिन में करीब साढ़े तीन बजे सीईपीटी के स्टोरेज टैंक में कुछ तकनीकी खामी आ गयी। इसे दुरुस्त करने के लिए प्लंबर हरपाल टैंक में उतरा लेकिन वहां गैस से उसका दम घुट गया और बेहोश हो गया।
हरपाल को बेहोश होते देखे प्लांट हेड रमन जी मेकाला टैंक में गए लेकिन वह भी गैस की चपेट में आ गए। उन्हें बेहोश होते देख अकाउंटेंट अवधेश उन्हें बचाने टैंक में उतरे लेकिन गैस के अत्यधिक दबाव के चलते वह भी बेहोश हो गए। इससे वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
इसी दौरान प्लांट हेड रमन का ड्राइवर बिजेन्द्र वहां पहुंचा और उनको बचाने के लिए वह हाइड्रा की मदद से बेल्ट लगाकर टैंक में उतरा, लेकिन गैस के तेज दबाव से वह बेहोश हो गया। गनीमत रही कि समय रहते उसको बाहर निकाल लिया गया।
बिजेन्द्र को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। वहीं हादसे में गैस से दम घुटने से प्लांट हेड रमन, अकाउटेंट अवधेश और प्लंबर हरपाल की अमोनिया और मिथैन गैस से दम घुटने व पानी में डूबने से मौके पर ही मौत हो गयी।

घटना की जानकारी के बाद आनन फानन में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। दो घंटे की मशक्क्त के बाद टीम ने इनटेक टैंक से क्रेन की मदद से तीनों को बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई और तीनों मृतकों के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
पुलिस के अनुसार 45 वर्षीय प्लांट हेड रमन मूलरूप से आंध्र प्रदेश के गुन्टुर ईस्ट और हाल ओमेक्स रिवेरा निवासी के रहने वाले थे जबकि 40 वर्षीय श्रमिक हरिपाल मूलरूप से चम्पतपुर, बरेली और हाल ट्रांजिट कैंप तथा 35 वर्षीय अवधेश ग्राम पलहनी, आजमगढ़ के रहने वाले थे।