यूनियन के दबाव में रात्रि पाली बंद करके पूरे प्लांट का होगा सैनिटाइजेशन
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। कोरोना संक्रमण के मामले कारखानों में भी एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। अभी 2 दिन पूर्व औद्योगिक क्षेत्र सिडकुल स्थित डेल्टा कंपनी में 29 मज़दूरों के कोरना संक्रमित मिलने के बाद नेस्ले इंडिया, पंतनगर प्लांट में भी एक मज़दूर कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
मामला सामने आने के बाद कंपनी में अफरा-तफरी मची रही। कंपनी की दोनों यूनियनों ने प्रबंधन से लगातार वार्ता द्वारा दबाव बनाया और आज रात्रि पाली (8 घंटे के लिए) पूरी कंपनी को बंद करके सैनिटाइजेशन होगा।
इससे पूर्व संबंधित विभाग के सैनेटाइजेशन के साथ संक्रमित श्रमिक के सहकर्मियों को भी होम आइसोलेशन में रखा गया है। इस बीच एक अन्य मज़दूर का भी सैम्पल जाँच के लिए भेज गया है।
बड़ा प्लांट, बड़े हादसे की संभावना
चूंकि नेस्ले के इस प्लांट में करीब 5000 लोग काम करते हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की संभावना लगातार बनी है।
ज्ञात हो कि आवश्यक सेवा के नाम पर नेस्ले में उत्पादन लॉकडाउन की अवधि के बीच में ही शुरू हो गया था और यह तय हुआ था कि एक निश्चित संख्या में मज़दूरों को कार्य पर बुलाया जाएगा, लेकिन कुछ दिनों यह प्रक्रिया चलने के बाद सब कुछ सामान्य ढंग से चलने लगा।
बगैर उचित सुरक्षा काम जारी
तेजी से संक्रमण बढ़ने के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन बन चुका है। दूसरी ओर सबसे अधिक संख्या में लोगों के एकत्रित होने वाली जगह होने के बावजूद कारखानों में कार्य तो लगातार जारी है लेकिन खुद सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हो रहा है। कंपनियों में भौतिक दूरी बनाकर काम करने, लगातार सैनिटाइजेशन, मज़दूरों की समय समय पर पूरी जांच और कोविड-19 टेस्ट होना, मज़दूरों की सुरक्षा की गारंटी जैसा कुछ भी नहीं है।
ऐसी स्थिति में एक भय के माहौल में मज़दूर काम करने के लिए मजबूर है।